सुमिता कुमारी
डायटीशियन
डायबिटीज एंड ओबेसिटी
केयर सेंटर, पटना
होली एक ऐसा त्योहार है, जो न सिर्फ मौज-मस्ती, बल्कि तरह-तरह के स्वादष्टि पकवानों के लिए भी जाना जाता है. साधारण तरीके से बनाये गये पकवानों में काफी अधिक कैलोरी होती है. इस कारण सिर्फ एक दिन में लोग काफी अधिक कैलोरी का सेवन कर लेते हैं. यदि इन्हें हेल्दी तरीके से पकाया जाये और स्वाद में भी कमी न आये, तो यह एक समाधान हो सकता है. यहां प्रस्तुत हैं ऐसे ही कुछ पकवान-
बेक्ड गुजिया : गुजिया होली का सबसे पसंदीदा पकवान है. इसमें चीनी, नारियल और सुगंधित मसाले मिलाये जाते हैं. सामान्यत: इसे तल कर खाया जाता है. इस कारण इससे भी काफी अधिक मात्रा में शरीर को कैलोरी मिलती है. ऐसे में गुजिया को बेक करके भी खाया जा सकता है.
यह भी उतना ही स्वादिष्ट होता है, जितना की तला हुआ. इसे पकाने के लिए भी कोई विशेष उपाय नहीं किया जाता है, बल्कि सामान्य गुझिया की तरह बना कर ही इसे ओवन में रखा जाता है और 373 सेंटीग्रेट पर पकाया जाता है. जब यह सुनहरे भूरे रंग का हो जाये, तो इसका अर्थ है कि यह पक गया है और परोसने के लिए तैयार है.
चकली : यह भी खूब खाया जाता है. इसे भी बेक करके खाने से कैलोरी की मात्रा काफी हद तक घटायी जा सकती है. इसका भी टेस्ट बेहतर होता है.
शूगर फ्री केसरी मलाई पेड़ा : मलाई पेड़ा की भी काफी डिमांड होती है. इसमें चीनी के अधिक प्रयोग से कैलोरी बढ़ जाती है. इसे शूगर फ्री बना के यानी चीनी के वैकल्पिक साधनों के प्रयोग से हेल्दी बनाया जा सकता है. इससे यह मीठा तो होगा, लेकिन कैलोरी कम होगी. केसर के प्रयोग से इसमें तेज सुगंध भी होती है, जिस कारण यह स्वादिष्ट हो जाता है.
वेज कांजी : खमीर उठायी हुई सब्जियों का प्रयोग होता है. ये भोजन को पचाने में भी मदद करते हैं. इसमें पोषक तत्व काफी भरपूर मात्रा में होते हैं और यह काफी स्वादिष्ट भी होता है.
अपनायें ये घरेलू नुसखे
खाने को सही से पचाने के लिए खाने में सलाद का प्रयोग करें. सलाद में टमाटर, काला नमक और नीबू का सेवन करना फायदेमंद रहेगा.
अपच होने पर अजवाइन, जीरा और काला नमक बराबर मात्रा में मिला कर एक चम्मच पानी के साथ लेने से फायदा होता है. अजवाइन को पानी में उबाल कर उसका पानी पीने से भी पाचन तंत्र सही रहता है. अदरक के टुकड़े को नीबू में भिगो कर चूसने से पाचन दुरुस्त रहता है. सौंफ और काली मिर्च का खाने में सेवन करना भी फायदेमंद रहता है.
एसिडिटी है, तो नॉनवेज न खायें
खट्टी डकारें आना, भोजन ठीक से नहीं पचना, सीने में दर्द रहना या छाती में जलन रहना एसिडिटी की निशानी है. इस रोग में मुख्य रूप से छाती में जलन होती है और आहारनाल में उत्पन्न अम्ल लौट कर मुंह में आता रहता है.
दवाओं से इलाज करने पर थोड़े समय के लिए राहत जरूर मिलती है, लेकिन जल्द ही परेशानियां फिर घेर लेती हैं. अत: यदि आपको यह समस्या है, तो इस त्योहार में नॉनवेज और अधिक मसालेदार खाने से बचें अन्यथा त्योहार का मजा किरकिरा हो सकता है.