प्रेग्नेंसी में हो सकती है कैल्शियम की कमी

डॉ मोनिका अनंत असिस्टेंट प्रोफेसर, (ओ एंड जी) एम्स, पटना प्रेग्नेंसी में स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए डॉक्टर कई तरह के सप्लीमेंट लेने की भी सलाह देते हैं. उदाहरण के लिए फॉलिक एसिड और आयरन इस दौरान काफी महत्वपूर्ण होते हैं. इसके अलावा कैल्शियम का सेवन भी जरूरी होता है. कैल्शियम को मुख्य रूप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2016 8:31 AM

डॉ मोनिका अनंत

असिस्टेंट प्रोफेसर,

(ओ एंड जी) एम्स, पटना

प्रेग्नेंसी में स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए डॉक्टर कई तरह के सप्लीमेंट लेने की भी सलाह देते हैं. उदाहरण के लिए फॉलिक एसिड और आयरन इस दौरान काफी महत्वपूर्ण होते हैं.

इसके अलावा कैल्शियम का सेवन भी जरूरी होता है. कैल्शियम को मुख्य रूप से हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए जाना जाता है, कम लोग ही जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान भी यह बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह हड्डी के िवकास, मांसपेशी, एंजाइम और हॉर्मोन फंक्शन के लिए जरूरी है. कैिल्शयम की कमी से कमजोर हड्डियां, हाथ-पैर में कंपकंपी, मांसपेशियों में एेंठन की शिकायत होती है.

शिशु में : शिशु में जब हड्डियों का विकास होता है, तो उसके लिए कैल्शियम मां के शरीर से ही लिया जाता है. इसकी भरपाई सामान्य आहार से होने में कठिनाई होती है. इसी कारण से इस समय मां का कैल्शियम सप्लिमेंट लेना बहुत ही जरूरी है. इसकी कमी से शिशु का कम वजन, पूरा विकास न होना, हड्डियों व दांतों के कमजोर होने की शिकायत हो सकती है.

बचाता है बोन लॉस से : बोन डेवलपमेंट के लिए लगातार कैल्शियम की जरूरत बढ़ती जाती है. इस कारण से महिला में कैल्शियम की कमी भी हो सकती है. इससे हड्डियों का क्षय होता जाता है और बोन मिनरल डेंसिटी कम हो जाती है. खास कर पहली तिमाही में कैल्शियम की कमी होने का खतरा अधिक होता है. इसके अलावा कैल्शियम के सेवन से प्रेग्नेंसी के दौरान हाइपरटेंशन से भी बचाव होता है.

मां के दूध में : कम ही लोगों को पता है कि ब्रेस्ट मिल्क के प्रोडक्शन के लिए भी कैल्शियम जरूरी है. इसी कारण से ब्रेस्ट फीडिंग कराने के दौरान कैल्शियम की खपत बढ़ जाती है. एक दिन के ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन में करीब 300-400 एमजी कैल्शियम की खपत होती है. जब शरीर इस खपत को पूरा नहीं कर पाता है, तब इसकी पूर्ति के लिए हड्डियों में जमे कैल्शियम का इस्तेमाल होता है. भोजन में दूध, पनीर, पालक, बंदगोभी एवं बादाम का सेवन जरूर करें.

रखें इन बातों का ध्यान

कैल्शियम सप्लिमेंट के सेवन में कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. गर्भवती महिलाओं को औसतन 1000 एमजी कैल्शियम की जरूरत रोज होती है. उनका रोज का आहार कैल्शियम की जरूरत को पूरा करने में सक्षम नहीं होता है. इस कारण से डॉक्टर की सलाह से इसे लेना बहुत जरूरी होता है. कैल्शियम का पूरा फायदा तभी मिलता है, जब इसके साथ-साथ विटामिन डी का सेवन भी किया जाये. विटामिन डी हड्डयों द्वारा कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है. यदि आप आयरन सप्लिमेंट भी ले रहे हैं, तो इसे कैल्शियम के साथ लेने से बचें.

ऐसा इसलिए है क्योंकि आयरन भी शरीर द्वारा कैल्शियम के अवशोषण में बाधा उत्पन्न करता है. कुछ मामलों में देखा गया है कि कैल्शियम के सेवन से कब्ज या डायरिया की भी शिकायत होती है. कुछ लोगों को अधिक परेशानी भी हो सकती है. ऐसे में तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. डॉक्टर दवाइयों को रोकने के बजाय दवाइयों का फॉर्मुलेशन बदल कर इसे लेने की सलाह दे सकते हैं.

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