सामंती प्रथा से मुक्त हैं अमेरिकी होटल
-वाशिंगटन डीसी से हरिवंश- भारत की तरह होटल नहीं है, होटल के कमरे में कोई खाना नहीं पहुंचाता. सुबह नाश्ते के लिए नीचे हॉल में जाना पड़ता है, खाने के लिए बाहर रूम सर्विस यहां नहीं है, होटलों में खाने के लिए बाहर जाना पड़ता है. अपना काम खुद करना है, भारत के होटलों में […]
-वाशिंगटन डीसी से हरिवंश-
ड्रिंक्स भी महंगा जहां मनुष्य का श्रम जुड़ा है, वहां कीमत है जहां मशीन या नयी तकनीक आपको अधिकतम सुविधा दे सकती है, वहां उसका प्रबंध है,होटल पहुंचते ही स्मिथ अनुरोध करते है कि हम एक घंटे बाद शाम 7.15 में उनके कमरे में मिलते है, वह तफसील से एक-एक चीज बताते हैं, फोन कैसे कर सकते है. कपड़ा कैसे धुलवाना है, खाने के लिए कहां सुविधा है वीडियो कैसे चलायेंगे ? कैसेट कहां से मिलेंगें ? एक-एक बात, ताकि कोई असुविधा न हो,
अमेरिकी सरकार या उसका कोई विभाग बीच में नहीं आना चाहता, ताकि यात्रा खुले-स्वतंत्र ढंग से हो , राजसत्ता का जहां प्रत्यक्ष हस्तेक्ष होगा, उस पर उसका रंग तो रहेगा,इस कारण स्वंयसेवी स्मिथ को इसी संस्था ने बुलाया है, वह भी पेशे से वकील है. यह संस्था जगह-जगह हमें अमेरिकी नागरिक संगठनों से भी मिलायेगी. स्मिथ बार -बार कहते है कि आप यहां के करदाताओं के पैसे से आये है, इस कारण उनसे आपको मिलाना धर्म है, ताकि वे जान सकें कि उनके पैसे ( कर) का सदुपयोग हो रहा है या दुरूपयोग, सरकारी पैसे ( कर) के प्रति गहरी संवेदनशीलता है, पग-पग पर कोशिश है, दूसरी ओर भारत जैसे गरीब देशों की स्थिति है, जहां सरकारी गठरी में चोर ही चोर लग गये है. टैक्स वसूलना उनका धर्म है, पर सड़क बिजली, पानी, शिक्षा, सुरक्षा देना नहीं हालांकि यह टैक्स इन्हीं चीजों के नाम पर वसूले जाते हैं.