– हरिवंश-
26.09 : आज सुबह फिर 2 बजे नींद उचटती है, 39 वर्षों की आदत है. भारतीय समय के अनुसार ही नींद लगती-खुलती है. मित्रों का सुझाव है, एक दो दिनों में आदत सुधर जाएगी. पर आदतें,इतनी जल्द सुधरतीं तो दुनिया का नक्शा कुछ और होता.बहरहाल ! रात के दो बजे ही आकाश में लालिमा है, सूर्योदय के पहले की स्थिति वह गहरी अंधेरी रात, तारों को चमकना और निस्तब्ध रात की खामोशी नहीं है. रात का भी अपना आनंद है, चाहे चांद की रोशनी हो या अंधेरा ! निस्तब्धता की लय-संगीत है यह अनूठा आनंद शायद पुराने ॠषि-महर्षि लेते रहे हो, क्योंकि योगियों के बारे में तो कहावत है कि जब दुनिया जगती है तो वो सोते है और वे जागते है तो दुनिया सोती है.
भारत के गांवों -पहाड़ों जंगलों में आज भी रात की खामोशी में एक लय मिलता है विराट से जोड़ता हुआ.पर रात में भी दिन के आने की आहट, वाशिंगटन में संशय में डालती है, लगता है, सूर्योदय होनेवाला है. पर घड़ी समय बताती है यानी वाशिंगटन, डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के सबसे महत्वपूर्ण इलाके में है, यह होटल व्हाइट हाउस,अमेरिकी उपराष्ट्रपति के कार्यालय या दूसरे मंत्रालय बिलकुल पास हैं.
दिन में वाशिंगटन (डीसी) देखने का कार्यक्रम है. श्रीमती कैथरीना फोर्ड गाइड है. स्वीडेन मूल की है. 12 वर्षों से यह काम कर रही है. पति भारत रह चुके हैं. अमेरिकी विकास संगठन में काम करते हैं. वह भारत की गरीबी और गरमी के बारे में पूछती हैं. बताती है वांशिगटन मूल में लगभग 6.25 लाख लोग है. उपनगरों को जोड़ दें, तो कुल 36.50 लाख के आसपास वाशिंगटन महानगर की आबादी है कई हवाई अड्डे है. हर क्षण विमान उड़ाने भरते हैं.
वाशिंगटन राजधानी बनने के पहले, अमेरिका की आठ राजधानियां बन चुकी थी. दक्षिण के राज्यों की शिकायत थी कि राजधानी केंद्र में नहीं है होते -हवाते यह काम जॉर्ज वाशिंगटन के कंधों पर आया. उन्होंने वर्जीनिया और दूसरे राज्यों से कुछ जमीन ली. तब यह भी भूमि दलदल थी. जानवर रहते थे. कैथरीना फोर्ड बताती है कि सूअर और जंगली जानवर थे. बगल में बंदरगाह था.
जमीन के चयन के बाद1970 के लगभग वाशिंगटन का निर्माण शुरू हुआ. 8-10 वर्षों मे पूरा हो गया. आंरभ में जार्ज वाशिंगटन ने यह काम एक मशहूर फ्रांस वास्तुविद को दिया. बाद में उनसे अनबन हो गया तो फिर दूसरे फ्रांसीसी वास्तुविद को सौंपा , उस फ्रांसीसी वास्तुविद को जार्ज वांशिगटन अपना दत्तक पुत्र कहते थे. व्हाइट हाउस का निर्माण एक आइरिश वास्तुविद ने किया . इसी तरह वाशिंगटन के भव्य, सुनियोजित और करीने से बने भवनों के निर्माण में इटली ,फ्रांस ब्रिटेन ,आयरलैंड वगैरह की प्रतिभाओं की भूमिका रही. दरअसल जिन गोरे लोगों ने काले लोगों का अपदस्थ किया, उनकी साक्षी अभिव्यक्ति ,सपने और आकांक्षा का रूप है, अमेरिका आज भी दुनिया की विशिष्ट प्रतिभाओं के प्रबल आकर्षण का केंद्र.