सॉल्यूबल फाइबर से दूर रहता है आइबीएस

सुमिता कुमारी डायटीशियन डायबिटीज एंड ओबेसिटी केयर सेंटर, पटना कुछ लोगों को बराबर पेट दर्द, गैस, डायरिया और कब्ज की शिकायत रहती है. ये समस्याएं आइबीएस (इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम) के कारण भी हो सकती हैं. इस रोग में बड़ी आंत पर दुष्प्रभाव पड़ता है. इसी कारण ये समस्याएं होती हैं. यह समस्या लंबे समय तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2016 7:49 AM

सुमिता कुमारी

डायटीशियन

डायबिटीज एंड ओबेसिटी

केयर सेंटर, पटना

कुछ लोगों को बराबर पेट दर्द, गैस, डायरिया और कब्ज की शिकायत रहती है. ये समस्याएं आइबीएस (इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम) के कारण भी हो सकती हैं. इस रोग में बड़ी आंत पर दुष्प्रभाव पड़ता है. इसी कारण ये समस्याएं होती हैं. यह समस्या लंबे समय तक परेशान करती है.

दवाओं से फायदा होता है, लेकिन लंबे समय तक राहत पाने के लिए लाइफ स्टाइल और खान-पान में बदलाव जरूरी होता है.

सॉल्यूबल फाइबर : खाने में सॉल्यूबल फाइबर के प्रयोग से आइबीएस के लक्षणों से काफी हद तक राहत मिल जाती है. ये फूड डायरिया और कब्ज दूर करते हैं और डायजेस्टिव सिस्टम भी बेहतर तरीके से कार्य करता है. इस तरह के फाइबर फलों और सब्जियों में अधिक होते हैं.

अत: ऐसे लोगों को इन्हें अधिक-से-अधिक अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं. ऐसे लोगों को खाने में ग्लूटेन का प्रयोग कम या नहीं के बराबर करना चाहिए. अत: पहले खाने में गेहूं, बार्ली आदि का प्रयोग कम करके देखना चाहिए. यदि लाभ होता है, तो इनका प्रयोग बंद कर देना चाहिए.

कैफीन से बचें : कैफीन के प्रयोग से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम स्टिम्यूलेट होता है. उसमें संकुचन और मूवमेंट बढ़ता है. कोल्ड ड्रिंक से गैस अधिक बनती है. अल्कोहल के कारण भी समस्याएं बढ़ती हैं और डिहाइड्रेशन भी होता है. अत: इन चीजों के प्रयोग से ही बचना चाहिए.

फैटी फूड : अधिक फैटयुक्त चीजों के सेवन से आंतों में संकुचन बढ़ता है. इससे भी पेट का मूवमेंट बढ़ता है. अत: तली हुई चीजों और मांस से दूर रहना चाहिए.

गैसी फूड से भी दूर रहें : ऐसे लोगों को ब्रोकली, बींस, बंदगोभी, फूलगोभी आदि चीजों के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इन चीजों के सेवन से गैस के साथ पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है. प्याज और लहसुन का प्रयोग कम करें.

डेयरी प्रोडक्ट्स : डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से भी आइबीएस की समस्या बढ़ सकती है. हालांकि ऐसे लोग दही का सेवन कर सकते हैं. लैक्टोज फ्री मिल्क भी एक अच्छा विकल्प है. यदि आप दूध पीना बंद करते हैं, तो डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम सप्लिमेंट का भी सेवन कर सकते हैं.

आप चाहें, तो इस प्लान को अपना सकते हैं

सुबह : एक गिलास नारियल पानी / एक गिलास नीबू पानी / एक गिलास सब्जी किसी सब्जी का ताजा जूस लें.

नाश्ता : एक स्प्राउट डोसा / एक मध्यम आकार की कटोरी पोहा (बिना प्याज के)

9 बजे : एक केला

लंच : एक कटोरी सलाद (बिना प्याज और ब्रोकली के) + एक मध्यम आकार की कटोरी ब्राउन राइस मूंग दाल के साथ + एक कटोरी सब्जी (फूलगोभी या बंदगोभी छोड़ के) + एक मध्यम आकार की कटोरी लो फैट दही / एक गिलास छाछ

शाम में : उबले हुए चने, थोड़ा नमक और मिर्च

डिनर : एक कटोरी सलाद या मिक्स्ड वेजिटेबल सूप (ब्रोकली और प्याज छोड़ के) + एक ज्वार भखरी + एक कटोरी सब्जी (फूलगोभी और बंदगोभी छोड़ के) + एक मध्यम कटोरी लो फैट दही.

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