मेनोपॉज के बाद बढ़ता है मोटापे का खतरा

डॉ मीना सामंत प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ कुर्जी होली फेमिली हॉस्पिटल, पटना अकसर देखा जाता है कि उम्र बढ़ने के बाद महिलाओं का वजन भी बढ़ने लगता है. खास कर यह समस्या मेनोपॉज के बाद ही महिलाओं में देखने के लिए मिलती है. एक अनुमान के मुताबिक करीब 90% महिलाओं का वजन मेनोपॉज के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2016 7:20 AM

डॉ मीना सामंत

प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ कुर्जी होली फेमिली

हॉस्पिटल, पटना

अकसर देखा जाता है कि उम्र बढ़ने के बाद महिलाओं का वजन भी बढ़ने लगता है. खास कर यह समस्या मेनोपॉज के बाद ही महिलाओं में देखने के लिए मिलती है. एक अनुमान के मुताबिक करीब 90% महिलाओं का वजन मेनोपॉज के बाद बढ़ जाता है. हालांकि उम्र बढ़ने के बाद वजन बढ़ना एक सामान्य प्रक्रिया है और कई उपायों से इसे कम भी किया जाता है. आमतौर पर मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ने का मुख्य कारण हॉर्मोन में बदलाव आना है. असल में मेनोपॉज से ठीक पहले हॉर्मोन के लेवल में उतार-चढ़ाव आता है. इसी में से कुछ हॉर्मोन वजन को घटाने या बढ़ाने के लिए भी जिम्मेवार होते हैं.

ओएस्ट्रोजेन : मेनोपॉज के बाद शरीर एस्ट्रोजेन हॉर्मोन का स्राव कम करता है. यह भी वजन बढ़ने का एक कारण है.प्रोजेस्टेरॉन : शरीर में प्रोजेस्टेरॉन की कमी हो जाती है. इस कारण शरीर में पानी की मात्रा बढ़ने से भी वजन बढ़ता है.

एंड्रोजेन : यह हॉर्मोन बढ़ता है व फैट को कूल्हों पर जमने के बजाय अन्य हिस्सों पर भेजने के लिए प्रेरित करता है.

इंसुलिन रेजिस्टेंस : इसके कारण शरीर कैलोरी को खर्च करने के बजाय उसे फैट में बदलने लगता है. इससे भी मोटापा बढ़ता है.

टेस्टोस्टेरॉन : मेनोपॉज में टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन का लेवल कम होने से मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव पड़ता है और यह धीमा हो जाता है. इसके कारण भी वजन बढ़ जाता है. बढ़ती उम्र को भी इसके लिए जिम्मेवार माना जाता है. दरअसल इस उम्र तक आते-आते शारीरिक सक्रियता में कमी आ जाती है, जो वजन बढ़ने का प्रमुख कारण है. तनाव बढ़ने से खाने-पीने में बदलाव आता है जो समस्या को बढ़ाता है.

बढ़ता है रोगों का खतरा

वजन बढ़ने से रोगों का खतरा बढ़ जाता है. हाइ बीपी, डायबिटीज, हृदय रोग, ब्रेस्ट कैंसर, स्ट्रोक, किडनी रोग आदि का खतरा बढ़ जाता है. वजन बढ़ने से घुटनों पर दबाव बढ़ता है, जो आॅस्टियो आर्थराइटिस का कारण बन सकता है. कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से हार्ट में ब्लॉकेज हो सकता है.

वजन कम करना है जरूरी

यदि आप सोच रही हैं कि रजोनिवृत्ति के दौरान कैसे वजन कम करें, तो आपको बस अपनी जीवन शैली में स्थायी परिवर्तन लाना होगा और एक स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना होगा.

एक सक्रिय जीवनशैली अपनानी होगी. इसके लिए नियमित रूप से एरोबिक एवं योग जैसी गतिविधियों को जीवन में शामिल करें. इससे आपके शरीर से अतिरिक्त कैलोरी कम होगी. कुछ महिलाएं वजन कम करने के लिए कम खाना शुरू कर देती हैं. कम खाने का मतलब यह नहीं है कि आप अपने भोजन में पोषक तत्वों की कमी करें. स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि समय पर भोजन करें. भोजन में ताजा सब्जियां, फल और साबूत अनाज को शामिल करें.

भोजन नहीं करने का ख्याल अपने दिल में बिल्कुल न लाएं, क्योंकि इस दौरान अच्छे आहार की जरूरत होती है. लेकिन इस दौरान तेल, मीठा, वसा और परिष्कृत खाद्य पदार्थों के अधिक मात्रा में सेवन से बचें. बेहतर होगा कि आप अपने आहार को कम करने के बजाय व्यायाम जैसे तरीकों पर ध्यान दें और सक्रियता को बढ़ाएं.

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