नयी दिल्ली : विश्व हृदय दिवस के एक दिन पहले एक हृदयरोग विशेषज्ञ ने आगाह किया है कि वायु प्रदूषण हमारे हृदय और नाड़ी तंत्र को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है. इसके साथ ही उन्होंने हृदयरोग की रोकथाम-संबंधी उपाय भी बताये. नयी दिल्ली में फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में कार्यकारी निदेशक और डीन कार्डियोलाजी, डॉक्टर उपेंद्र कौल ने कहा कि चिकित्सकीय अध्ययनों से यह पता चला है कि वायु प्रदूषण की वजह से दिल का दौरा पड़ सकता है और हृदय संबंधी अन्य रोग हो सकते हैं. धुआं और धुंध में पाये जाने वाले बहुत छोटे कण इन रोगों का कारण बनते हैं.
29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस है और उससे एक दिन पहले कौल ने कहा, ‘ये कण फेफड़ों के माध्यम से व्यक्ति के अंदर चले जाते हैं और सांस संबंधी कई बीमारियों का कारण बनते हैं.’ उन्होंने बताया कि ये छोटे कण फेफड़ों के माध्यम से व्यक्ति के खून में प्रवेश कर जाते हैं और इसकी वजह से अत्यधिक क्लोटिंग और हृदय और दिमाग की धमनियों को नुकसान पहुंचता है. इसकी वजह से दिल का दौरा पड़ने और मस्तिष्काघात होने का खतरा रहता है.
कल प्रकाशित हुई डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में वायु प्रदूषण प्रतिवर्ष करीब आठ लाख लोगों की जान ले रहा है. कौल ने कहा कि जिन लोगों की उम्र 45 वर्ष से अधिक है या जिनके परिवार में हृदय रोग का इतिहास रहा हो और जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह से पीडि़त, शारीरिक रूप से निष्क्रिय और धूम्रपान करने वाले हों ,उन्हें वायु प्रदूषण की वजह से हृदय संबंधी बीमारियों का शिकार बनने का अधिक खतरा रहता है.