मेलबर्न : एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि पर्याप्त नींद नहीं लेने से चेहरा पहचानने की सटीकता पर असर पड सकता है. अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि कम सोने से अधिकारियों द्वारा किया जाने वाला पासपोर्ट मिलान का महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो सकता है.
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अध्ययन से हुआ खुलासा कम सोने से होती है यह गंभीर परेशानी
मेलबर्न : एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि पर्याप्त नींद नहीं लेने से चेहरा पहचानने की सटीकता पर असर पड सकता है. अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि कम सोने से अधिकारियों द्वारा किया जाने वाला पासपोर्ट मिलान का महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो सकता है. अक्सर अपरिचित लोगों की तस्वीरों की तुलना कर उनकी […]
अक्सर अपरिचित लोगों की तस्वीरों की तुलना कर उनकी पहचान करनी जरुरत होती है. उदाहरण के लिए सीसीटीवी की तस्वीर से पुलिस रिकॉर्ड से पहचान करने की या पासपोर्ट पर चस्पा फोटो से यात्री की शक्ल मिलाने की जरुरत पडती है. ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेल्स युनिवर्सिटी (यूएनएसडब्ल्यू) और ब्रिटेन की ग्लासगो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि कम नींद लेने की वजह से ये फैसले प्रभावित हो सकते हैं.
बहरहाल अध्ययन में यह भी पाया गया है कि कम सोने वाले भी अपने फैसलों पर विश्वास रखते हैं. इसने सुरक्षा और पुलिस के काम को लेकर संभावित जटिलताओं को रेखांकित किया है.प्रतिभागियों को एक कंप्यूटर स्क्रीन पर एक वक्त में दो तस्वीरें दिखाई गईं और उनसे पूछा गया कि क्या ये तस्वीरें एक ही व्यक्ति की हैं या दो अलग अलग शख्सों की हैं.
ग्लासगो युनिवर्सिटी की लुईस बिट्टी ने कहा कि हमने पाया कि तीन दिनों तक कम सोने वाले लोगों ने चेहरा मिलान करने वाली परीक्षा में खराब प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि हमने एक अन्य प्रयोग में यह भी पाया कि अनिद्र से ग्रस्त लोगों ने इस परीक्षा में खराब प्रदर्शन किया है.
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