हृदय को स्वस्थ रखने के लिए खाएं नट्स

सुमिता कुमारी डायटीशियन डायबिटीज एंड ओबेसिटी केयर सेंटर, पटना अकसर यह सुनने को मिलता है कि नट्स यानी काजू, बादाम आदि के सेवन से हृदय स्वस्थ रहता है. हालांकि इन्हें संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए ही बेहतर माना जाता है. बड़े-बुजुर्ग भी स्वस्थ रहने के लिए इसके सेवन की सलाह देते हैं. इसमें कई ऐसे महत्वपूर्ण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2016 11:39 AM
सुमिता कुमारी
डायटीशियन
डायबिटीज एंड ओबेसिटी
केयर सेंटर, पटना
अकसर यह सुनने को मिलता है कि नट्स यानी काजू, बादाम आदि के सेवन से हृदय स्वस्थ रहता है. हालांकि इन्हें संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए ही बेहतर माना जाता है. बड़े-बुजुर्ग भी स्वस्थ रहने के लिए इसके सेवन की सलाह देते हैं. इसमें कई ऐसे महत्वपूर्ण तत्व होते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
ओमेगा 3 : आम तौर पर ओमेगा 3 फैटी एसिड के स्रोत के रूप में मछली को ही जाना जाता है, लेकिन नट्स में भी ओमेगा 3 फैटी एसिड मौजूद होता है. इन फैटी एसिड में अल्प मात्रा में सेचुरेटेड फैट और काफी मात्रा में पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है. यह ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखने में मदद करता है और हृदय रोग के खतरे को कम करता है.
फाइबर : नट्स में फाइबर भी मौजूद होते हैं, जो ब्लड में कोलेस्ट्रॉल लेवल को तो कम करते ही हैं, साथ ही ब्लड लिपिड लेवल को भी सही रखते हैं. फाइबर डायबिटीज, मोटापे और ब्लड प्रेशर के खतरे को कम करता है. इन कारकों से भी हृदय रोग के होने का खतरा होता है.
एंटी आॅक्सीडेंट्स : नट्स में भरपूर मात्रा में विटामिन इ और अन्य एंटी आॅक्सीडेंट होते हैं, जो नसों में प्लाक को बनने से रोकते हैं. प्लाक के बनने से छाती में दर्द, आर्थ्रोस्क्लेरोसिस और हृदय रोग का खतरा होता है. इसके अलावा ये एंटीआॅक्सीडेंट शरीर से विषैले तत्वों को भी बाहर निकालते हैं, जो हृदय को नुकसान पहुंचाते हैं.
एल-आर्जिनिन : ड्राइ फ्रूट और नट्स जैसे बादाम में एल-आर्जिनिन होता है. यह एक प्रकार का एमिनो एसिड होता है, जो आर्टरी की क्रियाविधि को बेहतर बनाता है.
इससे रक्त संचार सुचारू होता है और हृदय भी स्वस्थ रहता है. यह खून के थक्के बनने की क्रिया को भी कम करता है. इससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है.
अनसेचुरेटेड फैट : नट्स में अनसेचुरेटेड फैट की मौजूदगी के कारण भी इसे हार्ट के लिए हेल्दी माना जाता है. सेचुरेटेड फैट को बैड कोलेस्ट्रॉल के लिए जिम्मेवार माना जाता है, जबकि अनसेचुरेटेड फैट में गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल कोलेस्ट्रॉल) होता है, जो हृदय की कार्य प्रणाली को सुधारता है.
इससे हृदय रोग का खतरा कम होता है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आप हर समय और हर चीज के साथ इन्हें खाएं. एक दिन में सिर्फ मुट्ठी भर काजू या बादाम खा लेना ही काफी होताहै. अधिक सेवन करने की जरूरत नहीं है.
क्या रखें सावधानियां
एक बात का ध्यान रखना चाहिए. यदि हार्ट की सर्जरी हुई हो, तो वैसे नट्स का सेवन नहीं करना चाहिए, जिनमें कैलोरी अधिक होती है. यानी काजू, पिस्ता और किशमिश के सेवन से बचना चाहिए. इन चीजों से मोटापा, हाइपरटेंशन और हाइ कोलेस्ट्रॉल का खतरा होता है. जिन चीजों के सेवन से अधिक कैलोरी प्राप्त होती है, उनसे हृदय रोग का खतरा हो सकता है. लेकिन इनसे भी खतरा तभी होता है, जब लगातार इनका सेवन करते हैं. कभी-कभार खाने से परेशानी नहीं होती है.

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