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इन मुद्राओं से मजबूत होंगी हड्डियां

उम्र के साथ-साथ हर किसी की हड्डी कमजोर होती है, मगर ऑस्टियोपोरोसिस अगर युवा को भी हो जाये, तो उसमें हड्डियों के घनत्व और ऊतकों में इतनी कमी हो जाती है कि मामूली-सी चोट में भी फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है. पहले इसके मामले रजोनिवृत्तिवाली महिलाओं में अधिक देखे जाते थे, मगर अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2016 11:46 AM
उम्र के साथ-साथ हर किसी की हड्डी कमजोर होती है, मगर ऑस्टियोपोरोसिस अगर युवा को भी हो जाये, तो उसमें हड्डियों के घनत्व और ऊतकों में इतनी कमी हो जाती है कि मामूली-सी चोट में भी फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है. पहले इसके मामले रजोनिवृत्तिवाली महिलाओं में अधिक देखे जाते थे, मगर अब स्लिम-फिट रहने के चक्कर में कम उम्र की लड़कियां भी इससे पीड़ित हो रही हैं.
ठीक से इलाज हो, तो ऑस्टियोपोरोसिस से दर्द के अलावा लंगड़ेपन की समस्या भी हो सकती है. मुद्रा चिकित्सा की मान्यता है कि यह रोग आकाश और पृथ्वी तत्वों के असंतुलन का परिणाम है. आकाश मुद्रा शरीर में कैल्शियम और पृथ्वी मुद्रा विटामिनों की कमी को दूर करती है. आकाश और पृथ्वी मुद्रा के संयोग से संधि मुद्रा बनती है, जो ऑस्टियोपोरोसिस से होनेवाले दर्द से बचाती है.
कैसे करें –
आकाश मुद्रा : अंगूठे को मध्यमा के शीर्ष से मिलाएं. बाकी उंगलियां सीधी रहें.
कितनी देर : रोज एक घंटा.
पृथ्वी मुद्रा : अंगूठे के शीर्ष को अनामिका के शीर्ष से मिलाएं. शेष उंगलियां सीधी रखें.
कितनी देर : 45 मिनट.
संधि मुद्रा : दायें हाथ में पृथ्वी मुद्रा और बायें हाथ से आकाश मुद्रा बनाएं.
कितनी देर : 15-15 मिनट तीन से चार बार.

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