जानें कहां पीरियड के समय घर से बाहर रहती है महिलाएं

नेपाल के एक इलाके में पीरियड के दौरान महिलाओं को अपना घर छोड़ कर जाना पड़ता है. यह दौर महिलाओं के लिए हर तरह से काफी मुश्किल भरा होता है. इस प्रथा को छौपाड़ी कहा जाता है. इसके तहत माना जाता है कि महिलाएं पीरियड के दौरान गंदी हो जाती है. बीबीसी की एक रिपोर्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2017 12:42 PM

नेपाल के एक इलाके में पीरियड के दौरान महिलाओं को अपना घर छोड़ कर जाना पड़ता है. यह दौर महिलाओं के लिए हर तरह से काफी मुश्किल भरा होता है. इस प्रथा को छौपाड़ी कहा जाता है. इसके तहत माना जाता है कि महिलाएं पीरियड के दौरान गंदी हो जाती है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईश्वरी जोशी नाम की लड़की ने बताया कि जब वह 15 साल की थी, तो उसे पहली बार पीरियड आया.

माहवारी बंद होना यानी, गर्भधारण नहीं
इस दम्यान उसे 9 दिन तक घर से बाहर रहना पड़ा. वह बाहर ही सोती भी थी. धमीलेख नाम के गांव में करीब 100 परिवार रहते हैं. यहां कुछ ऐसी झोपड़ियां भी बनायी गयी है, जिसमें महिलाओं को पीरियड के दौरान रहने के लिए भेजा जाता है. इन झोपड़ियों में ठीक से बिस्तर भी नहीं होते और कई महिलाएं इन्हें एक साथ शेयर करती हैं. इन झोपड़ियों में महिलाओं को न तो खाना बनाने दिया जाता है और न ही नहाने के लिए गांव के पानी को इस्तेमाल करने की इजाजत होती है.

माहवारी शुरू यानी ‘बेटी बड़ी हो गयी’

ईश्वरी की साथी निर्मला कहती है कि, ऐसा कहा जाता है कि अगर पीरियड के दौरान कोई महिला गाय को छू दे तो गाय दूध नहीं देगी. इतना ही नहीं, महिलाओं को टॉयलेट भी नहीं जाने दिया जाता है. उन्हें दूर खेतों में जाना पड़ता है. चार दिन झोपड़ियों में रहने के बाद महिलाओं को नहाने के लिए कहा जाता है और उन्हें गाय के पेशाब से शुद्ध होना पड़ता है.

80 प्रतिशत महिलाएं नहीं जानतीं क्या है माहवारी?

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