मां के गर्भाशय से बेटी बनेगी मां, GCLI पुणे के डॉक्टर करेंगे प्रत्यारोपण
नयी दिल्ली : पुणे के डॉक्टर आज अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लेंगे. पुणे हॉस्पिटल के डॉक्टर्स एक मां के गर्भाशय को उसकी 21 वर्षीय बेटी के शरीर में प्रत्यारोपित करेंगे. उक्त युवती मां बनने में असमर्थ है. गर्भाशय प्रत्यारोपण की यह भारत में पहली घटना होगी. पुणे गैलेक्सी केयर लेप्रोस्कोपी इंस्टीच्यूट (GCLI) के […]
नयी दिल्ली : पुणे के डॉक्टर आज अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लेंगे. पुणे हॉस्पिटल के डॉक्टर्स एक मां के गर्भाशय को उसकी 21 वर्षीय बेटी के शरीर में प्रत्यारोपित करेंगे. उक्त युवती मां बनने में असमर्थ है. गर्भाशय प्रत्यारोपण की यह भारत में पहली घटना होगी.
पुणे गैलेक्सी केयर लेप्रोस्कोपी इंस्टीच्यूट (GCLI) के 12 डॉक्टर मिलकर इस प्रत्यारोपण को अंजाम देंगे. उक्त युवती सोलापुर की रहने वाली हैं जिसके शरीर में गर्भाशय नहीं है. अंग्रेजी दैनिक हिंदुस्तान टाइम्स ने इस संबंध में आज विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है.
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अखबार को GCLI के मेडिकल आफिसर शैलेश पुंटामबकर ने बताया कि हम आज सुबह नौ बजे डोनर के शरीर से गर्भाशय निकाल कर उसे उसकी बेटी के शरीर में प्रत्यारोपित करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. इस प्रक्रिया को पूरा करने में आठ घंटे का समय लगेगा. गर्भाशय के प्रत्यारोपण में लेप्रोस्कोपिक तकनीक का प्रयोग किया जायेगा.
इस हॉस्पिटल में कल शुक्रवार को भी गर्भाशय प्रत्यारोपण किया जायेगा.उक्त 24 वर्षीय महिला जिसके गर्भाशय का टिशू क्षतिग्रस्त है और वह इसके कारण मां नहीं बन पा रही थी, उसके शरीर में भी उसकी मां का गर्भाशय प्रत्यारोपित किया जायेगा.
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पिछले कुछ महीने से अस्पताल के डॉक्टर गर्भाशय प्रत्यारोपण की तैयारी में जुटे थे. प्रत्यारोपण के कुछ समय बाद गर्भाशय में भ्रूण को प्रत्यारोपित किया जायेगा. वर्ष 2012 में पहली बार स्वीडन में गर्भाशय प्रत्यारोपित किया गया था और उस महिला ने वर्ष 2014 में बच्चे को जन्म दिया था.