सामान्य ब्लड टेस्ट से ब्रेस्ट कैंसर का लगाया जा सकेगा अनुमान

एक सामान्य ब्लड टेस्ट से यह प्रदर्शित किया गया है कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेवार गांठ का पता लगाते हुए अनेक प्रकार के कैंसर का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है. मूल रूप से ‘द ब्रिटिश जर्नल ऑफ मेडिकल प्रैक्टिस’ में प्रकाशित इस शोध रिपोर्ट के हवाले से ‘साइंस एलर्ट’ में बताया गया है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2017 12:49 PM
एक सामान्य ब्लड टेस्ट से यह प्रदर्शित किया गया है कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेवार गांठ का पता लगाते हुए अनेक प्रकार के कैंसर का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है. मूल रूप से ‘द ब्रिटिश जर्नल ऑफ मेडिकल प्रैक्टिस’ में प्रकाशित इस शोध रिपोर्ट के हवाले से ‘साइंस एलर्ट’ में बताया गया है कि इस परीक्षण को इस लिहाज से ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि कैंसर का अनुमान लगाने के लिए पिछले 30 वर्षों में यह बेहद कारगर साबित होगा.
दरअसल, प्लेटलेट्स (सूक्ष्म आकार की कोशिकाएं, जो घाव को भरने में मदद करती हैं) की अत्यधिक संख्या कैंसर के सभी प्रकार के प्रारूपों के जोखिम को बढ़ाने से जुड़ा होता है. वैज्ञानिक अब डॉक्टरों से यह आग्रह कर रहे हैं कि यह थ्रोंबोसाइटोसिस की तरह है- जो एक ऐसी अवस्था है, जिस दौरान शरीर में अधिक संख्या में प्लेटलेट्स यानी थ्रोंबोसाइट्स पैदा होते हैं, जो ब्लड क्लोटिंग यानी रक्त का थक्का जमाने में अहम भूमिका निभाते हैं. और उन मरीजों के लिए यह डिटेक्शन मैथॉड कारगर साबित हो सकता है, जिनमें अब तक ये लक्षण दिख रहे हैं.
इस शोध दल में शामिल रहे सदस्य और यूनाइटेड किंगडम में यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सटर के विली हैमिल्टन का कहना है, ‘पाये गये तथ्य यह दर्शाते हैं कि थ्रोंबोसाइटोसिस का कैंसर से मजबूत संबंध है. खासकर पुरुषों में, जिनमें महिलाओं के मुकाबले ब्रेस्ट में गांठ के रूप में कैंसर बहुत कम होते हैं. अब यह महत्वपूर्ण है कि हम थ्रोंबोसाइटोसिस की कैंसर की समग्र जांच करें. इससे प्रत्येक वर्ष हजारों लोगों की जान बचायी जा सकेगी.’ देखा गया है कि 40 वर्ष की उम्र के बाद करीब दो फीसदी लोग थ्रोंबोसाइटोसिस की चपेट में आ जाते हैं, और इसका संबंध कैंसर से भी रहा है. इस नये शोध ने जो दर्शाया है, वह यह कि सभी उम्र व लिंग के लोगों के बीच यह मजबूती से संबद्ध होता है, और शरीर के सभी हिस्सों में कैंसर के साथ भी ऐसा है.
शोधकर्ताओं ने यूनाइटेड किंगडम में थ्रोंबोसाइटोसिस यानी उच्च प्लेटलेट काउंट वाले 31,261 मरीजों और 7,969 सामान्य प्लेटलेट काउंट वाले मरीजों के रिकॉर्ड की जांच की.

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