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टैलेंट : फैशन डिजाइनर खादी को दे रहे नया लुक

रांची. खादी, तसर और सिल्क जैसे फैब्रिक की ड्रेस तैयार की जा सकती है. अब इन फैब्रिक को ट्रेडिशनल नहीं माना जा रहा. कई फैशन डिजाइनर युवा पीढ़ी को आकर्षित करने के लिए इन फैब्रिक को नये लुक में पेश कर रहे है़ं इनकी ड्रेस में ट्राइबल आर्ट भी नजर आ रहा है, जिसे हाई […]

रांची. खादी, तसर और सिल्क जैसे फैब्रिक की ड्रेस तैयार की जा सकती है. अब इन फैब्रिक को ट्रेडिशनल नहीं माना जा रहा. कई फैशन डिजाइनर युवा पीढ़ी को आकर्षित करने के लिए इन फैब्रिक को नये लुक में पेश कर रहे है़ं इनकी ड्रेस में ट्राइबल आर्ट भी नजर आ रहा है, जिसे हाई प्रोफाइल लोगों के अलावा आज की युवा पीढ़ी भी काफी पसंद कर रही है. झारखंड के फैशन डिजाइनर भी यहां के फैब्रिक को नया रूप देने की कोशिश कर रहे हैं.

इंडो वेस्टर्न में खादी को किया जा रहा है पेश

रांची की दीपशिखा पुणे में खादी ग्रामोद्योग में फैशन डिजाइनर हैं. वह कहती हैं कि खादी एक ब्रांड है, जिसे लोग ट्रेडिशनल लुक में देखते हैं. इसे अब इंडो वेस्टर्न में पेश किया जा रहा है. ताकि खादी को गरमी, ठंडा और बरसात में पहना जा सके़ हमें लगता है कि खादी को हमारे एज ग्रुप के युवा फॉलो नहीं करते. यदि खादी को नये लुक में पेश किया जाये और उनके सोच के हिसाब डिजाइन किया जाये, तो युवाओं का रुझान काफी बढ़ेगा़ इससे जुड़ कर काम करना अच्छा अनुभव हो सकता है़ दीपशिखा रांची वीमेंस कॉलेज से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया है. इसके बाद स्कूल ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी से पीजी की डिग्री हासिल की. वह कहती हैं कि खादी में भी टॉप, पैंट, साड़ी के अलावा वेस्टर्न ड्रेस भी है़ं इसे युवा अपनी पसंद के हिसाब से खरीद सकते है़ं.

दीपशिखा, रांची

खादी पर बेहतरीन डिजाइन करना है लक्ष्य

पल्लवी सिंह पहले भागलपुरी सिल्क को डिजाइन करती थी़ पिछले कुछ दिनों से खादी पर काम कर रही है़ं वह कहती हैं कि खादी में बेहतरीन डिजाइन की पेशकश की जा सकती है. इसी सोच के साथ खादी पर काम करना शुरू किया है. खादी पर डिजाइन की गयी ड्रेस को आैर भी आकर्षक लुक देने के लिए मुधबनी पेंटिंग का इस्तेमाल करती हैं. खादी, सिल्क, कॉटन से लहंगा, कुर्ता, ट्राउजर, साड़ी, जैकेट और गाउन के लेटेस्ट कलेक्शन तैयार किये जाते हैं. इन ड्रेस को युवा पसंद कर रहे हैं. वह कहती हैं कि खादी और झारक्राफ्ट के मैटेरियल से कई ड्रेस तैयार की जा सकती है. इसे नये लुक में भी पेश किया जा सकता है. उन्होंने खादी, तसर और सिल्क को झारखंड में प्रचार प्रसार बढ़ाते हुए इन पर डिजाइन करना शुरू किया है.

पल्लवी सिंह, डिबडीह

झारखंड के फैब्रिक को प्रमोट करने की जरूरत

लोआडीह के आशीष कुमार राज कहते हैं कि झारखंड के हैंडलूम प्रोडक्ट को देश-दुनिया में पहुंचाना है. आशीष ने निफ्ट (नयी दिल्ली) से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया है. इसके बाद ब्लैक बेरी, रेमंड जैसी कंपनियों से जुड़े. डेढ़ वर्ष पहले दिल्ली में अपनी कंपनी रंगरेज की शुरुआत की. इसमें खादी, तसर और सिल्क जैसे फैब्रिक को नये रूप में पेश कर मेंस वियर डिजाइन करते हैं. वह कहते हैं कि पांच साल नौकरी करने के बाद खुद की कंपनी खोलने की योजना बनायी. झारखंड के चार से पांच किस्म के फैब्रिक काे डिजाइन और प्रिंट के साथ पेश किया़ बंडी, कुर्ता और शर्ट के साथ मेंस वियर के कलेक्शन की शुरुआत की़ झारखंड के फैब्रिक को हर जगह प्रमोट करना है़ हैंडलूम प्रोडक्ट बॉडी फ्रेंडली है़ं रोजगार भी बढ़ेगा.

आशीष राज, लोआडीह

खादी को फ्यूजन लुक में कर रहे हैं पेश

जमशेदपुर के डोमनचंद्र टुडू खादी, तसर और सिल्क को नये रूप में बाजार में ला रहे है़ं वह कहते हैं कि खादी को सिर्फ कुर्ता या बंडी तक ही सीमित नहीं रखना है. वह खादी के ट्रेडिशनल लुक को फ्यूजन लुक में पेश कर रहे हैं. खादी का कुर्ता, कुर्ती, टॉप, बंडी सहित वेस्टर्न ड्रेस तैयार कर रहे है़ं हैंड प्रिंटिंग, ब्लाॅक प्रिंटिंग, सोहराई आर्ट, मधुबनी और नया डोकरा आर्ट का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने 2013 में रूसिका ट्रेंड्स प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की़ ट्राइबल आर्ट के साथ खादी और सिल्क पर काम करना शुरू किया़ निफ्ट बेंगलुरु से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने वाले टुडू कहते हैं कि झारखंड में सबसे ज्यादा खादी और तसर मिलता है़ इसे नया रूप देकर युवाओं को जागरूक किया जा सकता है़ बाहर से मैटेरियल मंगाना काफी महंगा है.

डोमनचंद्र, जमशेदपुर

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