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सीएम धामी ने की हाई लेवल मीटिंग, चमोली के लिए 11 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जारी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भूस्खलन मामले को लेकर एक हाई लेवल मीटिंग की. जिसमें उन्होंने आपदा मद में 11 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जिलाधिकारी चमोली को उपलब्ध कराया. मुख्यमंत्री ऑफिस ने बताया, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जोशीमठ क्षेत्र के सर्वेक्षण अध्ययन के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार के स्तर पर विभिन्न संस्थानों के बीच आपसी समन्वय भी सुनिश्चित किया जाए ताकि इस संबंध में तेजी से प्रभावी प्रयास सुनिश्चित किए जा सकें.
उत्तराखंड भूस्खलन मामले में डीएम ने कहा, जोशीमठ के एक खास क्षेत्र में है समस्या
उत्तराखंड चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने बताया, भू-धंसाव की समस्या जोशीमठ के एक विशेष क्षेत्र में ही है. पूरे शहर में नहीं. यही कारण है कि हम प्रभावित लोगों को शहर के सुरक्षित क्षेत्रों में होटल, होमस्टे आदि में बसा पा रहे हैं.
जोशीमठ भू धंसाव मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
उत्तराखंड के मरम्मत कार्य में सहायता के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया कि अपने जीवन और संपत्ति के लिए खतरे का सामना करने वाले जोशीमठ के लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए उत्तराखंड के मरम्मत कार्य में सहायता के लिए तुरंत हस्तक्षेप करे.
उत्तराखंड के सीएम धामी ने जोशीमठ मामले में की उच्च स्तरीय बैठक
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ में भूस्खलन और मकानों में दरार को लेकर आईटीबीपी परिसर में प्रशासन के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. उत्तराखंड सीएमओ ने बताया, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जोशीमठ में भू-स्खलन से विस्थापित परिवारों को 6 माह के लिए 4000 रुपये प्रति माह की दर से आवास किराया हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष से राशि स्वीकृत की गई है.
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चमोली के डीएम ने सभी वार्डों के लिए सेक्टर अधिकारियों को तैनात किया
चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने जोशीमठ के सभी वार्डों में सर्वेक्षण कार्य पूरा करने, प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक आश्रय भवनों में स्थानांतरित करने और प्रभावित लोगों के लिए अन्य सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए सभी वार्डों के लिए सेक्टर अधिकारियों को तैनात किया है.
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शंकराचार्य ने जोशीमठ के लोगों के लिए राहत पैकेज की मांग की
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जोशीमठ के लोगों के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की है. उत्तराखंड के जोशीमठ में बड़े पैमाने पर जारी निर्माण गतिविधियों के कारण जमीन धंसने और इमारतों में दरार पड़ने से स्थानीय लोगों के जीवन पर खतरा मंडराने लगा है.
पानी के रिसाव से काफी घरों में आई दरारें
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पानी के रिसाव से काफी घरों में दरारें आई हैं, हमारा प्रयास यही है कि सभी को सुरक्षित किया जाए, लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है. जरूरी चीज़े भी की जा रही हैं.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित परिवारों से की मुलाकात
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया. उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की.
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे जोशीमठ
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंच चुके हैं. यहां वे प्रभावित परिवार के लोगों से मुलाकात करेंगे.
आपदा के कगार पर है ‘बद्रीनाथ का द्वार’ जोशीमठ
बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली जैसे प्रसिद्ध स्थलों का प्रवेश द्वार जोशीमठ आपदा के कगार पर खड़ा है. आदि गुरु शंकराचार्य की तपोभूमि के रूप में जाना जाने वाला जोशीमठ धीरे-धीरे दरक रहा है और इसके घरों, सड़कों तथा खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि कई घर धंस गए हैं.
मानवजनित और प्राकृतिक दोनों कारण
वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के निदेशक कलाचंद सेन ने कहा है कि मानवजनित और प्राकृतिक दोनों कारणों से जोशीमठ में जमीन धंस रही है. ये कारक हाल में सामने नहीं आये हैं, बल्कि इसमें बहुत लंबा समय लगा है.
उत्तराखंड के जोशीमठ में मंदिर ध्वस्त, कोई हताहत नहीं
उत्तराखंड के हिमालयी शहर जोशीमठ के सिंगधर वार्ड में शुक्रवार की शाम को एक मंदिर ढह गया, जिसने एक बड़ी आपदा के डर के साए में रह रहे लोगों को और अधिक चिंतित कर दिया. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है. स्थानीय निवासियों के अनुसार, जब यह घटना हुई, तो उस वक्त मंदिर के भीतर कोई नहीं था, क्योंकि करीब 15 दिन पहले इसमें बड़ी दरार आने की घटना के बाद इसे खाली कर दिया गया था.
केंद्र सरकार ने जोशीमठ में जमीन धंसने के अध्ययन के लिए समिति गठित की
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना और इसके प्रभाव के ‘‘तेजी से अध्ययन’’ के लिए शुक्रवार को एक समिति गठित की. जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि समिति में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और स्वच्छ गंगा मिशन के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे.
जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें
उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. राज्य के चमोली जिले में, बदरीनाथ तथा हेमकुंड साहिब के रास्ते में आने वाला जोशीमठ समुद्र तल से 6,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और भूकंप के अत्यधिक जोखिम वाले ‘जोन-पांच’ में आता है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिया आदेश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ शहर के दरार और जोखिम भरे घरों में रह रहे करीब 600 परिवारों को शुक्रवार को तत्काल वहां से निकालने का आदेश दिया. धामी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अधिकारियों के साथ जोशीमठ की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों की जान बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है. अधिकारियों को जोशीमठ के जोखिम वाले घरों में रहने वाले लगभग 600 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज खुद पहुंचेंगे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम जोशीमठ की स्थिति से निपटने के लिए छोटी और लंबी अवधि की योजनाओं पर भी काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री शनिवार को जोशीमठ जाएंगे, जहां वह प्रभावित लोगों से मिलेंगे और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. धामी ने कहा कि गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत कुमार सिन्हा विशेषज्ञों की एक टीम के साथ स्थिति पर लगातार नजर रखने के लिए वहां मौजूद हैं.