लाइव अपडेट
ओणम प्रतियोगिता के दौरान दिखेगी चंद्रयान-3 की झलक
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को चंद्रयान-3 के माध्यम से मिली ऐतिहासिक सफलता की झलक दो सितंबर को यहां आयोजित होने वाले भव्य ओणम सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित किया जाएगा. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान शाम पांच बजे मनावीयम विधि से कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. इस प्रतियोगिता में लगभग 3000 कलाकार भाग लेंगे और इसमें 60 झांकियां शामिल हैं जो राज्य तथा देश की समृद्ध सांस्कृति को दर्शाती हैं.
चंद्रयान-3 की सफलता के लिए I.N.D.I.A ने ISRO को दी बधाई
विपक्ष के INDIA गठबंधन ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए ISRO को बधाई दी. INDIA गठबंधन ने लिखा कि हम पूरे इसरो परिवार को उसकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए बधाई देते हैं जिसने हमारे देश को गौरवान्वित किया है. इसरो की क्षमताओं के निर्माण, विस्तार और इन्हें गहरा करने में छह दशक लगे हैं। आगे गठबंधन ने अपने पत्र में लिखा कि चंद्रयान-3 ने दुनिया को रोमांचित किया, जो शनिवार को ‘आदित्य-एल1’ के प्रक्षेपण का बेसब्री से इंतजार कर रही है.
चांद की सतह पर रोवर ने महसूस किया 'भूकंप'
भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन ने गुरुवार को कहा कि विक्रम लैंडर के 'प्रज्ञान' रोवर मॉड्यूल ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक प्राकृतिक घटना दर्ज की है. हालांकि, इसके स्रोत का पता लगाया जा रहा है.
Chandrayaan-3: Rover records natural event on moon's south pole
— ANI Digital (@ani_digital) September 1, 2023
Read @ANI Story | https://t.co/ef3AEwcnBM#ISRO #Chandrayaan3 #Rover pic.twitter.com/m7hj457ATt
चंद्रयान-3 पर इसरो प्रमुख ने कहा, 'सब कुछ ठीक से काम कर रहा'
चंद्रयान-3 मिशन पर इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि सब कुछ ठीक से काम कर रहा है. सारा डेटा बहुत अच्छे से आ रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि 14 दिन के अंत तक हमारा मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो जाएगा.
#WATCH | Chennai, Tamil Nadu | ISRO chief S Somanath speaks on Chandryaan-3 Mission; says, "...Everything is working fine...All the data is coming through very well. Everything is working well. We are hopeful that by the end of 14 days, our mission will be successfully… pic.twitter.com/gyq67wsusQ
— ANI (@ANI) August 31, 2023
चंद्र क्षेत्र में सल्फर की मौजूदगी
चंद्रयान-3 मिशन के रोवर 'प्रज्ञान' पर लगे एक अन्य उपकरण ने भी चंद्र क्षेत्र में गंधक (सल्फर) की मौजूदगी की पुष्टि की : इसरो.
चंद्रयान-3 पर वैज्ञानिकों की नजर
चंद्रयान-3 की गतिविधियों पर वैज्ञानिकों की नजर लगातार टिकी हुई है. चंद्रयान में लगे कैमरे लगातार तस्वीरें भेज रहा है.
प्रज्ञान रोवर ने खींची विक्रम लैंडर की दूसरी तस्वीर
Beyond Borders, Across Moonscapes:
— ISRO (@isro) August 30, 2023
India's Majesty knows no bounds!.
Once more, co-traveller Pragyan captures Vikram in a Snap!
This iconic snap was taken today around 11 am IST from about 15 m.
The data from the NavCams is processed by SAC/ISRO, Ahmedabad. pic.twitter.com/n0yvXenfdm
प्रज्ञान रोवर ने खींची विक्रम लैंडर की पहली तस्वीर
चंद्रयान-3 को लेकर इसरो ने एक ताजा जानकारी दी है. जिसमें बताया, प्रज्ञान रोवर ने लैंडर विक्रम की पहली बार तस्वीर खींची है. इसरो ने बताया, प्रज्ञान रोवर ने आज सुबह विक्रम लैंडर की एक तस्वीर क्लिक की. रोवर (NavCam) पर लगे नेविगेशन कैमरे द्वारा तस्वीर ली गई. चंद्रयान-3 मिशन के लिए NavCams इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम प्रयोगशाला (LEOS) द्वारा विकसित किए गए हैं.
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अमेरिकी सांसद ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर भारत को दी बधाई
अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद और प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकियों ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के लिए मंगलवार को भारत को बधाई दी. भारत ने 23 अगस्त को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से लैस लैंडर मॉड्यूल (एलएम) की सॉफ्ट लैंडिग कराने में सफलता हासिल की थी. इसी के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश तथा चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया था. सांसद और कांग्रेसनल इंडिया कॉकस के वरिष्ठ सदस्य ब्रैड शर्मन ने कहा, भारत को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए बधाई. भारत चंद्रमा के इस भाग पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश है.
चंद्रमा पर ऑक्सीजन होने के मिले सबूत, इसरो ने चांद पर कई पदार्थ होने की दी जानकारी
इसरो ने चंद्रमा में ऑक्सीजन सहित कई पदार्थों के होने की जानकारी दी है. यह जानकारी इसरो ने चंद्रयान-3 से भेजे गये मैसेज के जरिए दी है. इसरो ने ट्वीट किया और बताया, रोवर पर लगा लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) उपकरण स्पष्ट रूप से दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह में सल्फर (S) की उपस्थिति की पुष्टि करता है. Al, Ca, Fe, Cr, Ti, Mn, Si, और O भी हैं जैसा कि पता चला. हाइड्रोजन (एच) की खोज जारी है.
रोवर प्रज्ञान ने पृथ्वीवासियों से की बात, कहा- चंद्रमा के रहस्यों को उजागर करने के रास्ते पर हूं
चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने ताजा मैसेज भेजा है. जिसमें उसने पृथ्वीवासियों से बातचीत की है और उसने हालचाल भी पूछा. रोवर प्रज्ञान ने अपनी और लैंडर विक्रम के बारे में भी बताया. रोवर प्रज्ञान ने यह भी बताया कि चंद्रमा के रहस्यों को उजागर करने की राह पर आगे बढ़ रहा है.
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लैंडर और रोवर दोनों का जीवन काल एक-एक मून डे
लैंडर और रोवर दोनों का जीवन काल एक-एक मून डे है, जो पृथ्वी के 14 दिन के बराबर है. लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम ने 23 अगस्त की शाम करीब 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी. मून वॉक के दौरान अब तक प्रज्ञान ने कई महत्वपूर्ण तथ्य जुटाए हैं, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) लगातार साझा कर रहा है.
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि प्रज्ञान 14 दिन के बाद भी काम करेगा
चंद्रयान-3 का रोवर ‘प्रज्ञान’ (Rover Pragyan) मून से हमें रोज नई-नई जानकारी भेज रहा है. 28 अगस्त को वह मून वॉक करते-करते अचानक गहरे गड्ढे के पास पहुंच गया. वो तो भला हो ISRO के वैज्ञानिकों का, जिन्होंने ऐन मौके पर उसे उस Crater में गिरने से बचा लिया. Crater काफी बड़ा था. 23 अगस्त को मून पर लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 के लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ के पास अब रिसर्च और रोमिंग के लिए 10 दिन से भी कम समय बचा है. हालांकि वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि प्रज्ञान 14 दिन के बाद भी काम करेगा.
10 दिन से भी कम का समय शेष
आपको बता दें कि एक चंद्र दिवस पूरा होने में 10 दिन से भी कम का समय रह गया है. अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने रविवार को कहा था कि चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान समय के साथ रेस लगा रहा है. इसरो वैज्ञानिक इस काम में लगे हुए हैं कि बचे हुए जितने भी दिन हैं उसमें रोवर ज्यादा से ज्यादा दूरी कवर कर ले. छह पहियों वाला रोवर दक्षिणी ध्रुव में दूरी नाप रहा है.
अंधियारी रात के बाद का इंतजार
पृथ्वी के 14 दिन बीतने के बाद चंद्रमा पर अगले 14 पृथ्वी दिवस के बराबर घनी अंधियारी रात हो जाएगी. इस अवधि में यान के कई उपकरण स्लीप मोड में जाएंगे, लेकिन तापमान माइनस 180 से माइनस 250 डिग्री तक गिरने की संभावना जताई गई है, यान सौर ऊर्जा भी नहीं ले पाएगा. इन कठोर हालात के बाद भी यदि लंबी रात बीतने के बाद चंद्रयान-3 के उपकरण रिवाइव हो जाएंगी तो इसरो के लिए एक नई उपलब्धि होगी. इसके बाद भारत को दक्षिणी ध्रुव का और डाटा मिल सकेगा.
अभियान के 3 हिस्से
अंतरिक्ष उपयोग केंद्र अहमदाबाद के निदेशक निलेश एम देसाई ने जो बताया उसके अनुसार, चंद्रयान-3 अभियान के 3 हिस्से हैं. यान की सॉफ्ट लैंडिंग, रोवर प्रज्ञान को लैंडर विक्रम से निकाल कर चंद्र सतह पर चलाना और मिशन में शामिल सात उपकरणों से काम लेना. अब तीसरे हिस्से के तहत असली काम चल रहा है. इसमें उपकरणों से विभिन्न प्रयोग हो रहे हैं, विश्लेषण व डाटा जुटाने का काम जारी है. यही वजह है कि रोवर को जितना हो सके चंद्र सतह पर घुमाया जाना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर बहुमूल्य डाटा एकत्रित किया जा सके.
सतह पर तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास
इसरो ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि यहां विक्रम लैंडर पर चेस्ट पेलोड के पहले अवलोकन हैं. चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए, चेस्ट ने ध्रुव के चारों ओर चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रालेख को मापा. ग्राफिक चित्रण के बारे में इसरो वैज्ञानिक बी. एच. एम. दारुकेशा ने कहा कि हम सभी मानते थे कि सतह पर तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो सकता है, लेकिन यह 70 डिग्री सेंटीग्रेड है. यह आश्चर्यजनक रूप से हमारी अपेक्षा से अधिक है.
दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का तापमान कितना ?
इससे पहले इसरो ने चंद्रमा की सतह पर तापमान भिन्नता का एक ग्राफ रविवार को जारी किया और अंतरिक्ष एजेंसी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने चंद्रमा पर दर्ज किए गए उच्च तापमान को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया. राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार कि चंद्र सर्फेस थर्मो फिजिकल एक्सपेरिमेंट’ (चेस्ट) ने चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए, दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का ‘तापमान प्रालेख’ मापा.
3 मीटर आगे 4 मीटर व्यास वाला गड्ढा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने सोमवार को ट्वीट कर जानकारी दी. चंद्रयान-3 मिशन को लेकर इसरो की ओर से बताया गया है कि 27 अगस्त, 2023 को रोवर को अपने स्थान से 3 मीटर आगे स्थित 4 मीटर व्यास वाले गड्ढे का सामना करना पड़ा. रोवर को पथ पर वापस लौटने का आदेश दिया गया. यह अब सुरक्षित रूप से एक नए रास्ते पर आगे बढ़ रहा है.
प्रज्ञान रोवर को चांद पर चलने के दौरान मिला एक बड़ा गड्ढा
चंद्रयान-3 के बारे लोग ज्यादा से ज्यादा जानकारी एकत्रित करना चाहते हैं. ताजा जानकारी इसरो ने शेयर की है जिसमें एक गड्ढे का जिक्र किया गया है. बताया जा रहा है कि प्रज्ञान रोवर को चांद पर चलने के दौरान एक बड़ा गड्ढा मिला. चंद्रमा की सतह पर चार मीटर का बड़ा गड्ढा सामने आने के बाद प्रज्ञान रोवर को सुरक्षित रूप से नए रास्ते पर ले जाने में सफलता मिली है.
रोवर को 4 मीटर के गड्ढे ने किया परेशान
चंद्रयान-3 मिशन को लेकर इसरो ने ताजा जानकारी दी है. इसरो की ओर से बताया गया है कि 27 अगस्त, 2023 को रोवर को अपने स्थान से 3 मीटर आगे स्थित 4 मीटर व्यास वाले गड्ढे का सामना करना पड़ा. रोवर को पथ पर वापस लौटने का आदेश दिया गया. यह अब सुरक्षित रूप से एक नए रास्ते पर आगे बढ़ रहा है.
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2 सितंबर को 11:50 बजे लॉन्च किया जाएगा आदित्य-L1 मिशन
PSLV-C57/आदित्य-L1 मिशन को लेकर ISRO ने जानकारी दी कि सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला, आदित्य-L1 का लॉन्च श्रीहरिकोटा से 2 सितंबर को 11:50 बजे निर्धारित है.
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भिन्नता 70 डिग्री सेल्सियस से शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे तक
वैज्ञानिक दारुकेशा ने कहा कि जब हम पृथ्वी के अंदर दो से तीन सेंटीमीटर जाते हैं, तो हमें मुश्किल से दो से तीन डिग्री सेंटीग्रेड भिन्नता दिखाई देती है, जबकि वहां (चंद्रमा) यह लगभग 50 डिग्री सेंटीग्रेड भिन्नता है. यह दिलचस्प बात है. वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि चंद्रमा की सतह से नीचे तापमान शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे तक गिर जाता है. उन्होंने कहा कि भिन्नता 70 डिग्री सेल्सियस से शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे तक है.
विस्तृत अवलोकन जारी
इसरो ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि यहां विक्रम लैंडर पर चेस्ट पेलोड के पहले अवलोकन हैं. चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए, चेस्ट ने ध्रुव के चारों ओर चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रालेख को मापा. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि पेलोड में तापमान को मापने का एक यंत्र लगा है जो सतह के नीचे 10 सेंटीमीटर की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है. इसरो ने एक बयान में कहा, इसमें 10 तापमान सेंसर लगे हैं. प्रस्तुत ग्राफ विभिन्न गहराइयों पर चंद्र सतह/करीबी-सतह की तापमान भिन्नता को दर्शाता है. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए ये पहले ऐसे प्रालेख हैं. विस्तृत अवलोकन जारी है.
तापमान 70 डिग्री सेंटीग्रेड दर्ज किया गया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रमा की सतह पर तापमान भिन्नता का एक ग्राफ रविवार को जारी किया और अंतरिक्ष एजेंसी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने चंद्रमा पर दर्ज किए गए उच्च तापमान को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया. इसरो के अनुसार, ‘चंद्र सर्फेस थर्मो फिजिकल एक्सपेरिमेंट’ (चेस्ट) ने चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए, दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का ‘तापमान प्रालेख’ मापा. ग्राफिक चित्रण के बारे में इसरो वैज्ञानिक बी. एच. एम. दारुकेशा ने कहा, हम सभी मानते थे कि सतह पर तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो सकता है, लेकिन यह 70 डिग्री सेंटीग्रेड है. यह आश्चर्यजनक रूप से हमारी अपेक्षा से अधिक है.
चांद के साउथ पोल में कितना है तापमान जानें
चंद्रयान-3 को लेकर लोगों में उत्सुकता बनी हुई है. इसरो के द्वारा लगातार अपडेट दिया भी जा रहा है. अभी जो चंद्रयान को लेकर ताजा जानकारी दी गयी है उसमें चांद के साउथ पोल पर तापमान के बारे में बताया गया है. एक ग्राफ के माध्यम से चंद्रमा के नजदीक और सतह पर तापमान की स्थिति की जानकारी दी गयी है. इसरो ने बताया कि यह तापमान अलग-अलग गहराई पर रिकॉर्ड किया गया है. इसरो के अनुसार जांच के प्रवेश के दौरान इसे दर्ज किया गया है. इसरो ने आगे जानकारी दी कि चंद्रमा के साउथ पोल के लिए यह इस तरह का पहला प्रोफाइल है. अभी विस्तार से निगरानी की जा रही है.
विभिन्न गहराई पर चंद्र सतह के तापमान में भिन्नता
इसरो ने एक्स पर लिखा कि प्रस्तुत ग्राफ विभिन्न गहराई पर चंद्र सतह/सतह के तापमान में भिन्नता को दर्शाता है, जैसा कि जांच के प्रवेश के दौरान दर्ज किया गया था. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए यह पहली ऐसी प्रोफ़ाइल है.
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इसरो प्रमुख सोमनाथ बोले- भारत के पास चंद्रमा, मंगल और शुक्र की यात्रा करने की क्षमता
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, भारत के पास चंद्रमा, मंगल और शुक्र की यात्रा करने की क्षमता है लेकिन हमें अपना आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत है. हमें और अधिक निवेश की आवश्यकता है और अंतरिक्ष क्षेत्र का विकास होना चाहिए और इससे पूरे देश का विकास होना चाहिए, यही हमारा मिशन है. हम उस विजन को पूरा करने के लिए तैयार हैं जो पीएम मोदी ने हमें दिया था.
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ISRO प्रमुख सोमनाथ ने बताया, आने वाले 14 दिनों में चंद्रमा से डेटा मापना जारी रखेंगे
ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया, हम इस मिशन की कामयाबी पर बहुत खुश हैं. वैज्ञानिक मिशन के अधिकांश उद्देश्य पूरे होने जा रहे हैं. सभी वैज्ञानिक डेटा बहुत अच्छे दिख रहे हैं. हम आने वाले 14 दिनों में चंद्रमा से डेटा मापना जारी रखेंगे. हमें उम्मीद है कि ऐसा करते हुए हम विज्ञान में सफलता हासिल करेंगे. हम अगले 13-14 दिनों के लिए उत्साहित हैं.
क्या है बड़ी चुनौती
बताया जा रहा है कि चांद पर सबसे बड़ी चुनौती भूकंप की है. लैंडर और रोवर दोनों के बीच कम्युनिकेशन बहुत ही जरूरी है. इसके बाद ही धरती पर सही आंकड़े आते रहेंगे. अध्ययन करने वालों की मानें तो चंद्रमा पर लगातार भूकंप आते रहते हैं. ऐसे में आपस में संपर्क बनाए रखना बहुत चुनौतीपूर्ण काम है. यही नहीं चंद्रमा पर कई बार उल्कापिंड भी टकरा जाते हैं जिससे सुरक्षित रहना भी एक चुनौती है. चांद पर वायुमंडल नहीं होने की वजह से उल्कापिंड रास्ते में नहीं नष्ट होते बल्कि सीधा सतह से टकरा जाते हैं.
चंद्रयान-3 मिशन नेतीन में से दो उद्देश्य हासिल कर लिये
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के तीन में से दो उद्देश्य हासिल कर लिये गये हैं, जबकि तीसरे उद्देश्य के तहत वैज्ञानिक प्रयोग जारी हैं. इसने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के सभी पेलोड सामान्य रूप से काम कर रहे हैं. इसरो ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि चंद्रयान-3 मिशन: मिशन के तीन उद्देश्यों में से, चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन पूरा हो गया है. चंद्रमा पर रोवर के घूमने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है. तीसरे उद्देश्य के तहत वैज्ञानिक प्रयोग जारी हैं। सभी पेलोड सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं.
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ISRO ने एक लेटेस्ट वीडियो शनिवार को ट्वीट किया
चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर इतिहास रच दिया था. भारत ऐसा साहसिक कारनामा करने वाला दुनिया का पहला और अब तक का एकमात्र देश बन गया. इसके बाद से लगातार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रज्ञान रोवर के संबंध में जानकारी मुहैया करा रहा है. ISRO ने एक लेटेस्ट वीडियो शनिवार को ट्वीट किया और लिखा कि दक्षिणी ध्रुव पर चंद्र रहस्यों की खोज में प्रज्ञान रोवर शिव शक्ति प्वाइंट के आसपास घूम रहा है!
विश्व कल्याण के प्रति नए भारत के संकल्प को प्रकट करता है 'शिव शक्ति प्वाइंट : योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसरो के कमांड सेंटर में चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों के साथ मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गयी तीन बड़ी घोषणाओं पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 'शिव शक्ति प्वाइंट' विश्व कल्याण के प्रति नए भारत के संकल्प को प्रकट करता है.
नया वीडियो आया सामने, देखें कैसे दक्षिणी ध्रुव घूम रहा है प्रज्ञान रोवर
ISRO ने एक वीडियो ट्वीट कर लिखा कि दक्षिणी ध्रुव पर चंद्र रहस्यों की खोज में प्रज्ञान रोवर शिव शक्ति प्वाइंट के आसपास घूम रहा है! इसका वीडियो भी शेयर किया गया है.
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रोवर दक्षिणी ध्रुव पर चंद्र रहस्यों की खोज में घूम रहा है शिव शक्ति पॉइंट के आसपास
चंद्रयान-3 की जानकारी इसरो ने दी है. इसरो ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि प्रज्ञान रोवर दक्षिणी ध्रुव पर चंद्र रहस्यों की खोज में शिव शक्ति पॉइंट के आसपास घूम रहा है.
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पीएम मोदी ने इसरो की महिला वैज्ञानिकों से मुलाकात की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में चंद्रयान-3 मिशन में शामिल इसरो टीम की महिला वैज्ञानिकों से मुलाकात की.
23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाया जाएगा : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बड़ी घोषणा करते हुए बताया, 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाया जाएगा. यह दिन हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा.
चंद्रयान-2 जहां उतरा उसे तिरंगा के नाम से जाना जाएगा : पीएम मोदी
चंद्रयान- 2 चंद्रमा की जिस सतह पर उतरा था, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाम दिया. पीएम मोदी ने ऐलान किया कि उस प्वाइंट को तिरंगा के नाम से जाना जाएगा. पीएम मोदी ने कहा, मैंने तय किया था कि जब चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा पर पहुंच जाएगा, तो हम दोनों प्वाइंट का नाम रखेंगे. आज मुझे लगता है, जब हर घर तिरंगा है, हर मन तिरंगा और चांद पर तिरंगा. तो तिरंगा के अलावा उस स्थान का नाम और क्या दिया जा सकता है. इसलिए चंद्रमा के उस स्थान पर, जहां चंद्रयान-2 ने पद रखे थे, उसे अब तिरंगा के नाम से जाना जाएगा. तिरंगा प्वाइंट सीख देगा कि कोई भी विफलता आखिरी नहीं होती. अगर दृढ संकल्प शक्ति हो तो सफलता हर हाल में मिलती है.
चंद्रयान-3 का लैंडर जिस जगह उतरा उसे शिव शक्ति नाम से जाना जाएगा, पीएम मोदी ने किया ऐलान
चंद्रमा के जिस प्वाइंट पर चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम लैंड किया, उसे शिव शक्ति के नाम से जाना जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की.
ये आज का भारत है, निर्भीक भारत है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ये आज का भारत है और निर्भीक भारत है. उन्होंने कहा, चंद्रयान-3 के लैंडिंग का दिन अमर हो गया. ये अभियान केवल भारत की नहीं, बल्कि पूरी मानवता की सफलता है. इससे नये रास्ते खुलेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों को सैल्यूट किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों को सैल्यूट किया. उन्होंने कहा, सैल्यूट आपके परिश्रम को, सैल्यूट आपके जज्बे को.
इसरो प्रमुख सोमनाथ ने मिशन के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी
बेंगलुरु में इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने मिशन के बारे में पूरी जानकारी दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो प्रमुख एस सोमनाथ से मुलाकात की
बेंगलुरु में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो प्रमुख एस सोमनाथ से मुलाकात की और चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए उन्हें बधाई दी.
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मैं एक बार फिर सभी को बधाई देता हूं :पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि (चांद पर) तिरंगा फहराकर हमने दुनिया को भारत की क्षमताओं से अवगत कराया है. दुनिया भर से बधाई संदेश आ रहे हैं...पूरा सोशल मीडिया बधाई संदेशों से भरा पड़ा है. जब उपलब्धि इतनी बड़ी हो तो उसका उत्साह लगातार बना रहता है. आपके चेहरे भी बता रहे हैं कि आप दुनिया में कहीं भी हों, भारत आपके दिल में धड़कता है... चंद्रयान-3 की शानदार सफलता पर मैं एक बार फिर सभी को बधाई देता हूं.
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भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराकर विश्व के सामने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया, बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनान में भारतीय समुदाय से कहा कि भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराकर विश्व के सामने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है. भारतीय समुदाय के लोगों से उन्होंने कहा कि आप जहां कहीं भी रहो, आपका दिल भारत के लिए धड़कता है.
चंद्रयान-3 को लेकर आयी एक और खुशखबरी, इसरो ने किया ये ट्वीट
इसरो ने ट्वीट किया कि दो सैगमेंट वाले रैंप ने रोवर के रोल-डाउन की सुविधा प्रदान की. एक सोलर पैनल ने रोवर को पावर जेनरेट करने में सक्षम बनाने का काम किया है. सीएच-3 मिशन में कुल 26 तैनाती तंत्र, यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी)/इसरो, बेंगलुरु में विकसित किये गये थे.
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इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दी बधाई
भारत के सफल चंद्र अभियान को उसके और विश्व के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी और दोनों नेता प्रौद्योगिकी क्षेत्र विशेष तौर पर कृत्रिम बुद्धिमता पर सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत हुए. एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि नेतन्याहू ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन कर बधाई दी. विज्ञप्ति में कहा गया है, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने माना कि यह भारत और विश्व के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. उन्होंने सभी इजराइली नागरिकों की ओर से हार्दिक बधाई दी.
कैसे चांद पर उतरा चंद्रयान-3
इसरो के जारी वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे चंद्रयान-3 रोवर लैंडर से चंद्रमा की सतह तक उतरा.
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चांद पर यह चलना शुरू हो चुका है चंद्रयान-3 का रोवर
चंद्रयान-3 से संबंधित बड़ा अपडेट सामने आ रहा है. इसरो ने आधिकारिक हैन्डल से संदेश भेजा है कि रोवर से MOX निकल चुका है और चांद पर यह चलना शुरू हो चुका है.
Chandrayaan-3 Mission | Chandrayaan-3 Rover to MOX, ISTRAC, Moon walk begins! pic.twitter.com/MvsulL1WSX
— ANI (@ANI) August 24, 2023
कर्नाटक सरकार इसरो की टीम को करेगी सम्मानित
चंद्रयान-3 की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ को ऐतिहासिक उपलब्धि करार देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार इसके लिए इसरो की टीम को आधिकारिक तौर पर सम्मानित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगी. मुख्यमंत्री ने यहां भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ‘टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क’ (आईएसटीआरएसी) का दौरा किया और सफल लैंडिंग के लिए इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ और उनकी टीम को बधाई दी. सिद्धरमैया ने वहां इसरो वैज्ञानिकों और अधिकारियों से बातचीत की और उनकी उपलब्धि की सराहना की.
Chandrayaan 3 Live: जी20 प्रतिनिधियों ने की चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की सराहना
संस्कृति कार्य समूह की चौथी बैठक के लिए यहां एकत्र हुए जी20 प्रतिनिधियों ने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की सराहना की है. जी20 के संस्कृति कार्य समूह की चौथी बैठक बृहस्पतिवार को वाराणसी शहर में शुरू हुई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में चंद्रयान मिशन की सफलता के लिए मंदिरों और घाटों पर पूजा-पाठ किया गया था. केन्द्रीय संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने बैठक में स्वागत भाषण दिया. चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के साथ ही भारत बुधवार को अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद चंद्रमा पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन गया. इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर पूरे देश में जश्न मनाया गया.
Chandrayaan 3 Live: तेजस्वी यादव ने वैज्ञानिकों को सफल लैंडिंग पर दी बधाई
बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने चंद्रयान 3 के सफल लैंडिंग पर वैज्ञानिकों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ वैज्ञानिकों की उपलब्धि है और हम उन्हें बधाई देना चाहते हैं.
Chandrayaan 3 Live: रोवर ‘प्रज्ञान’ लैंडर ‘विक्रम’ से बाहर निकला, चंद्रमा की सतह पर चक्कर लगाएगा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़े सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि रोवर ‘प्रज्ञान’ लैंडर ‘विक्रम’ से बाहर निकल आया है और यह अब यह चंद्रमा की सतह पर घूमेगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘विक्रम’ लैंडर से रोवर ‘प्रज्ञान’ के सफलता पूर्वक बाहर आने पर इसरो की टीम को बधाई दी.
Chandrayaan-3: रोवर प्रज्ञान की चंद्रमा पर चहलकदमी शुरू, देखें वीडियो
Chandrayaan 3 Live: ब्रिक्स में बोले पीएम मोदी- चंद्रयान-3 की सफलता पर सभी देशों से मिल रही बधाई
ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, चंद्रयान-3 की सफलता पर पूरे विश्व से भारत को बधाई मिल रही है.
Chandrayaan 3 Live: इसरो प्रमुख ने बताया, दक्षिणी ध्रुव को ही क्यों चुना
इसरो द्वारा चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को चुनने पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, हम दक्षिणी ध्रुव के करीब चले गए जो लगभग 70 डिग्री है. दक्षिणी ध्रुव में सूर्य की किरणें कम पड़ती हैं. उन्होंने कहा, चंद्रमा पर काम कर रहे वैज्ञानिकों ने दक्षिणी ध्रुव में बहुत रुचि दिखाई क्योंकि अंततः मनुष्य वहां जाकर उपनिवेश बनाना चाहते हैं और फिर उससे आगे की यात्रा करना चाहते हैं. इसलिए हम सबसे अच्छी जगह की तलाश कर रहे हैं और दक्षिणी ध्रुव में वह क्षमता है.
Chandrayaan 3 Live: इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया, रोवर प्रज्ञान के पास हैं दो उपकरण
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया, प्रज्ञान रोवर के पास दो उपकरण हैं, दोनों चंद्रमा पर मौलिक संरचना के निष्कर्षों के साथ-साथ रसायनिक संरचनाओं से संबंधित हैं...इसके अलावा, यह सतह पर चक्कर लगाएगा. हम एक रोबोटिक पथ नियोजन अभ्यास भी करेंगे जो हमारे लिए भविष्य के अन्वेषणों के लिए महत्वपूर्ण है.
Chandrayaan 3 Live: इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने प्रज्ञान रोवर के बारे में दी जानकारी
चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के एक दिन बाद इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने प्रज्ञान रोवर के बारे में पूरी जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया कि यह चंद्रमा पर कैसे काम करेगा.
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