Pitru Paksha 2023 Live: पितृ पक्ष में पिंडदान करने पर पूर्वज होते हैं प्रसन्न, श्राद्ध में जरूर शामिल करें…
Pitru Paksha 2023 Live: पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. आज पूर्णिमा श्राद्ध किया जा रहा है. आज पितृ पक्ष का पूर्णिम श्राद्ध के साथ पूर्वजों की पूजा-अर्चना की जाएगी. गया में श्राद्धार्थी भाद्रपद पूर्णिमा को पहला पिंडदान व तर्पण करेंगे. पितृपक्ष भाद्रपद शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि से आश्विन कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि तक पितरों के लिए निर्धारित है. इसे महालय कहते हैं. आइए जानते है श्राद्ध से जुड़ी पूरी जानकारी...
मुख्य बातें
Pitru Paksha 2023 Live: पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. आज पूर्णिमा श्राद्ध किया जा रहा है. आज पितृ पक्ष का पूर्णिम श्राद्ध के साथ पूर्वजों की पूजा-अर्चना की जाएगी. गया में श्राद्धार्थी भाद्रपद पूर्णिमा को पहला पिंडदान व तर्पण करेंगे. पितृपक्ष भाद्रपद शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि से आश्विन कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि तक पितरों के लिए निर्धारित है. इसे महालय कहते हैं. आइए जानते है श्राद्ध से जुड़ी पूरी जानकारी…
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Pitru Paksha 2023 Live: कैसे बनता है कुंडली में पितृ दोष
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली के लग्न भाव और पांचवें भाव में सूर्य मंगल और शनि विराजमान होते हैं, तो पितृदोष का निर्माण हो जाता है. इसके अलावा कुंडली के अष्टम भाव में गुरु और राहु एक साथ आकर बैठते हैं, तो भी पितृदोष का निर्माण होता है. जब कुंडली में राहु केंद्र में या त्रिकोण में मौजूद होता है, तो पितृ दोष बनता है. इसके अलावा जब सूर्य, चंद्रमा और लग्नेश का राहु से संबंध होता है, तो जातक की कुंडली में पितृ दोष बनता है. जब कोई व्यक्ति अपने से बड़ों का अनादर करता है, या फिर उसकी हत्या कर देता है, तो ऐसे व्यक्ति को पितृ दोष लगता है और जीवन नरक बन जाता है.
Pitru Paksha 2023 Live: पितृ पक्ष का धार्मिक महत्व
शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं. इसके साथ ही जीवन में चल रहे पारिवारिक कलह दूर हो जाते हैं. कहा जाता है कि पितृ पक्ष में पितर यमलोक से धरतीलोक पर आते है और अपने संतान को हमेशा खुश रहने का आशीर्वाद देते है. अगर जिनके पूर्वज की मृत्यु हो गई हो और उनको निर्धारित समय पता न हो तो वैसे जातक सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर सकते हैं.
Pitru Paksha 2023 Live: पितृ पक्ष में पिंडदान करने पर पूर्वज होते हैं प्रसन्न....
हिंदू धर्म पितृ पक्ष(Pitru Paksha) का काफी महात्व होता है. इस समय अवधि में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं. मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितरों के नियमित श्राद्ध करने से जातक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसीलिए हर साल पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. पितृ पक्ष हर साल भाद्रमास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर 2023 से हो रही है. जो अगले महीने 14 अक्टूबर 2023 तक चलेगी.
Pitru Paksha 2023 Live: पितृ पक्ष में ऐसे करें तर्पण
पितृ पक्ष में हर दिन पितरों के लिए तर्पण किया जाता है. तर्पण के समय सबसे पहले देवों के लिए तर्पण किया जाता है. तर्पण के लिए आपको कुश, अक्षत्, जौ और काला तिल का उपयोग करना चाहिए. तर्पण करने के बाद पितरों से पूर्व में कर चुके गलतियों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए, ताकि वे प्रसन्न हो जाए और आपको सुखी रहने का आशीर्वाद दें.
Pitru Paksha 2023 Live: यहां जानें श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियां
29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार- पूर्णिमा श्राद्ध
29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार- प्रतिपदा श्राद्ध
30 सितंबर 2023 दिन शनिवार- द्वितीया श्राद्ध
01 अक्टूबर 2023 दिन रविवार- तृतीया श्राद्ध
02 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार- चतुर्थी श्राद्ध
03 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार- पंचमी श्राद्ध
04 अक्टूबर 2023 दिन बुधवार- षष्ठी श्राद्ध
05 अक्टूबर 2023 दिन गुरुवार- सप्तमी श्राद्ध
06 अक्टूबर 2023 दिन शुक्रवार- अष्टमी श्राद्ध
07 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार- नवमी श्राद्ध
08 अक्टूबर 2023 दिन रविवार- दशमी श्राद्ध
09 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार- एकादशी श्राद्ध
11 अक्टूबर 2023 दिन बुधवार- द्वादशी श्राद्ध
12 अक्टूबर 2023 दिन गुरुवार- त्रयोदशी श्राद्ध
13 अक्टूबर 2023 दिन शुक्रवार- चतुर्दशी श्राद्ध
14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार- सर्व पितृ अमावस्या
Pitru Paksha 2023 Live: कौए को जरूर कराएं भोजन
हिंदू धर्म शास्त्रों में पितृ पक्ष में कौए को भरपेट भोजन खिलाने से पितृों को तृप्ति मिलती है. कहा जाता है कि बिना कौए को भोजन कराए पितृों को संतुष्ट नहीं होती है. कई मान्यताएं के अनुसार, कौओं को पितरों का रूप माना गया है. ऐसे में जब कौए तृप्त होते हैं तो माना जाता है कि हमारे पूर्वज भी तृप्त हो गई हैं.
Pitru Paksha 2023 Live: पिंड दान की विधि क्या है?
पिंडदान करने के लिए सबसे पहले चावल में गाय का दूध, घी शहद और काले तिल मिला लें. उसके बाद उसका एक गोला बनाकर पिंड बना लें. उसके जनेऊ को दाएं कंधे पर रखकर दक्षिण की ओर मुख करके मंत्रों के साथ पूर्वजों को पिंड अर्पित करें. इस समय में पितरों के नाम पर दान पुण्य किये जाते हैं.
Pitru Paksha 2023 Live: पितरों को पानी कौन दे सकता है?
हिंदू धर्म के अनुसार, घर के मुखिया या प्रथम पुरुष अपने पितरों का श्राद्ध कर सकता है. अगर मुखिया नहीं है, तो घर का कोई अन्य पुरुष अपने पितरों को जल चढ़ा सकता है. पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध पक्ष में रोज तर्पण करना चाहिए.
Pitru Paksha 2023 Live : कब होता है पितृ पक्ष?
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से प्रारम्भ होकर श्राद्ध पक्ष आश्विन मास की अमावस्या तक होता है. पूर्णिमा का श्राद्ध उनका होता है, जिनकी मृत्यु वर्ष की किसी पूर्णिमा के दिन हुई हो. वैसे, ज्ञात, अज्ञात सभी का श्राद्ध आश्विन मास की अमावस्या को किया जाता है. पितृ पक्ष में पिंडदान करने से पितर की आत्मा को शांति मिलती हैं.
Pitru Paksha 2023 Live : पितरों को तर्पण करने का तरीका क्या है?
पितृपक्ष में तर्पण के दौरान ध्यान पूर्वक जल अर्पण करना चाहिए. पितरों को दक्षिण की ओर मुख करके काले तिल का प्रयोग कर जल अर्पण करना चाहिए, जिससे पितृ प्रसन्न होते हैं, आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
Pitru Paksha 2023 Live : श्राद्ध के नियम क्या है?
श्राद्ध पक्ष में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है. इन दिनों में कोई नई चीजों को भी नहीं खरीदना चाहिए. इस दौरान श्राद्ध से जुड़ी सामग्री की खरीदारी की जा सकती है. इसके साथ ही इस दौरान सात्विक भोजन बनाना चाहिए. तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए.
Pitru Paksha 2023 Live : पूर्णिमा तर्पण आज
आज शुक्रवार को पूर्णिमा पर दिवंगत पूर्वजों के तर्पण के साथ ही शनिवार से पितृ पक्ष शुरू होगा. पितृपक्ष में तर्पण कर पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है. पूर्वजों के दिवंगत होने की तिथि के अनुसार श्राद्ध करना उत्तम होता है. 14 अक्टूबर को अमावस्या के अंतिम श्राद्ध के साथ पितृ पक्ष का समापन होगा.
Pitru Paksha 2023 Live : कैसे करें श्राद्ध
सबसे पहले यम के प्रतीक कौआ, कुत्ते और गाय का अंश निकालें (इसमें भोजन की समस्त सामग्री में से कुछ अंश डालें). फिर किसी पात्र में दूध, जल, तिल और पुष्प लें. कुश और काले तिलों के साथ तीन बार तर्पण करें. ऊं पितृदेवताभ्यो नमः पढ़ते रहें. वस्त्रादि जो भी आप चाहें पितरों के निमित निकाल कर दान करें.
Pitru Paksha 2023 Live : कौन कर सकता है तर्पण
पुत्र, पौत्र, भतीजा, भांजा कोई भी श्राद्ध कर सकता है. जिनके घर में कोई पुरुष सदस्य नहीं है, लेकिन पुत्री के कुल में हैं तो धेवता और दामाद भी श्राद्ध कर सकते हैं.
Pitru Paksha 2023 Live : पितरों को जल कितने बजे देना चाहिए?
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार हथेली के जिस हिस्से पर अंगूठा होता है, वह हिस्सा पितृ तीर्थ कहलाता है. पितरों को जल देने का समय दोपहर 11 बजकर 30 से 12 बजकर 30 मिनट के बीच का होता है. इस समय श्राद्ध करने पर पितर प्रसन्न होते है.
Pitru Paksha 2023 Live : श्राद्ध कब करना चाहिए?
आज से पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. आज पूर्णिमा श्राद्ध है. दिवंगत व्यक्तियों की पुण्यतिथि के दिन ही इनका श्राद्ध करना चाहिए. मृत्युतिथि से तात्पर्य उस तिथि से है, जो तिथि अंतिम-श्वास परित्याग के समय विद्यमान हो. उसी तिथि को श्राद्धपक्ष में दोपहर के समय (दोपहर के समय साढ़े बारह से एक बजे तक) श्राद्ध करना चाहिए. अगर तिथि ज्ञात न हो तो सर्व पितृ अमावस्या को श्राद्ध करें.
Pitru Paksha 2023 Live : पूर्णिमा का श्राद्ध कैसे करें?
पूर्णिमा श्राद्ध आज है. श्राद्ध पूजा दोपहर के समय शुरू करनी चाहिए. योग्य ब्राह्मण की सहायता से मंत्रोच्चारण करें और पूजा के पश्चात जल से तर्पण करें. इसके बाद जो भोग लगाया जा रहा है उसमें से गाय, कुत्ते, कौवे आदि का हिस्सा अलग कर देना चाहिए. इन्हें भोजन डालते समय अपने पितरों का स्मरण करना चाहिए.
Pitru Paksha 2023 Live : पितृ पक्ष का धार्मिक महत्व
शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं. इसके साथ ही जीवन में चल रहे पारिवारिक कलह दूर हो जाते हैं. कहा जाता है कि पितृ पक्ष में पितर यमलोक से धरतीलोक पर आते है और अपने संतान को हमेशा खुश रहने का आशीर्वाद देते है. अगर जिनके पूर्वज की मृत्यु हो गई हो और उनको निर्धारित समय पता न हो तो वैसे जातक सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर सकते हैं.
Pitru Paksha 2023 Live : मोक्ष की भूमि गया
गया को भगवान विष्णु का नगर माना जाता है. यह मोक्ष की भूमि भी कहलाती है. इस बात की चर्चा विष्णु पुराण और वायु पुराण में की गयी है. विष्णु पुराण के अनुसार, गया में पिंडदान करने पर पूर्वज को मोक्ष मिल जाता है और वे सीधे स्वर्ग चले जाते है. माना जाता है कि गया में पितृ देवता के रूप में स्वयं भगवान विष्णु मौजूद है. इसलिए इस जगह को पितृ तीर्थ के नाम से जाना जाता है. गया को मोक्षस्थली भी कहा जाता है.
Pitru Paksha 2023 Live : पितृ पक्ष श्राद्ध सामग्री
पितृ पक्ष श्राद्ध सामग्री रोली, सिंदूर, छोटी सुपारी, रक्षा सूत्र, चावल, जनेऊ, कपूर, हल्दी, देसी घी, माचिस, शहद, काला तिल, तुलसी के पत्ते, पान, जौ, हवन सामग्री, गुड़, मिट्टी दीया, कपास, अगरबत्ती, दही, जौ का आटा, गंगाजल, खजूर. इसी सामग्री से श्राद्ध पूजा की जाती है. केला, सफेद फूल, उड़द, गाय का दूध, घी, खीर, स्वंक चावल, मूंग, गन्ना का प्रयोग पितरों को प्रसन्न करता है.
Pitru Paksha 2023 Live : पिंडदान और ब्राह्मण भोज का भोग
शास्त्रों के अनुसार पिंडदान और ब्राह्मण भोज का भोग लगाकर पितरों का श्राद्ध करना चाहिए. श्राद्ध में ब्राह्मणों को आदरपूर्वक आमंत्रित करना चाहिए और पैर धोकर आसन पर बिठाना चाहिए. पंचबली भोजन का ब्राह्मण भोजन के साथ विशेष महत्व है.
Pitru Paksha 2023 Live : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा
पितृ पक्ष हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन शुरू होता है जो 15 दिनों तक चलता है. ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज कौवे के रूप में पृथ्वी पर आते हैं. पूर्वजों को अर्पण करने का अर्थ है उन्हें जल देना. पितरों का स्मरण करते हुए हाथ में जल, कुश, अक्षत, पुष्प और काले तिल लेकर उन्हें आमंत्रित करें. इसके बाद उनका नाम लेकर अंजलि का जल 5-7 या 11 बार धरती पर गिराएं. कौवे को पूर्वजों का रूप माना जाता है. पितृ पक्ष में कौवे को भोजन कराना चाहिए.
Pitru Paksha 2023 Live : पितृ पक्ष तर्पण विधि
हर साल पितरों को समर्पित एक निश्चित समय अवधि में पूर्वजों का तर्पण किया जाता है. इस कर्म में कुश, अक्षत, जौ, काले तिल और जल से तर्पण कर पितरों से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए. कहा जाता है सच्चे मन से किया गया तर्पण मनुष्य को कई प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाता है और साथ ही हमेशा पितरों का आशीर्वाद हमारे ऊपर बना रहता है, जिससे जीवन के सभी क्षेत्रों में आसानी से सफलता मिल जाती है. इस अवधि में पितरों की आत्मा की शांति के लिए यथा संभव दान करना चाहिए. इस पूरे अवधि में हमें इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखनी चाहिए. पितृ पक्ष के दौरान बाल व दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए, घर में सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. आपको इस पूरे समय अवधि में किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन जैसे- मांस, मछली, मदिरा आदि का सेवन से बचना चाहिए.
Pitru Paksha 2023 Live : श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियां
29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार- पूर्णिमा श्राद्ध
29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार- प्रतिपदा श्राद्ध
30 सितंबर 2023 दिन शनिवार- द्वितीया श्राद्ध
01 अक्टूबर 2023 दिन रविवार- तृतीया श्राद्ध
02 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार- चतुर्थी श्राद्ध
03 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार- पंचमी श्राद्ध
04 अक्टूबर 2023 दिन बुधवार- षष्ठी श्राद्ध
05 अक्टूबर 2023 दिन गुरुवार- सप्तमी श्राद्ध
06 अक्टूबर 2023 दिन शुक्रवार- अष्टमी श्राद्ध
07 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार- नवमी श्राद्ध
08 अक्टूबर 2023 दिन रविवार- दशमी श्राद्ध
09 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार- एकादशी श्राद्ध
11 अक्टूबर 2023 दिन बुधवार- द्वादशी श्राद्ध
12 अक्टूबर 2023 दिन गुरुवार- त्रयोदशी श्राद्ध
13 अक्टूबर 2023 दिन शुक्रवार- चतुर्दशी श्राद्ध
14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार- सर्व पितृ अमावस्या
Pitru Paksha 2023 Live : पूर्वजों के आशीर्वाद से दूर होती हैं बाधाएं
पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वे अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं ऐसा माना जाता है कि पूर्वजों के आशीर्वाद से व्यक्ति पर आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और जीवन सुखमय बना रहता है.
Pitru Paksha 2023 Live : तर्पण की सम्पूर्ण विधि
सबसे पहले प्रातः काल उठकर स्नान करके पितरों के चित्र पर फूल चढ़ाएं.
देवताओं के लिए पूर्व दिशा में मुख करके कुश और अक्षत से तर्पण करें.
इसके बाद जौ और कुश लेकर ऋषियों के लिए तर्पण करें.
फिर दक्षिण दिशा में अपना मुख कर लें, उसके बाद कुश और जौ से तर्पण करें.
और दक्षिण दिशा में मुख करके काले तिल व कुश से तर्पण करें.
Pitru Paksha 2023 Live: पितरों के निमित्त यज्ञ स्वरूप है तर्पण
पितृ पक्ष में ऐसे करें तर्पण : पितृ पक्ष में हर दिन पितरों के लिए तर्पण किया जाता है. तर्पण के समय सबसे पहले देवों के लिए तर्पण किया जाता है. तर्पण के लिए आपको कुश, अक्षत्, जौ और काला तिल का उपयोग करना चाहिए. तर्पण करने के बाद पितरों से पूर्व में कर चुके गलतियों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए, ताकि वे प्रसन्न हो जाए और आपको सुखी रहने का आशीर्वाद दें.
Pitru Paksha 2023 Live: नियमित श्राद्ध करने से जातक को पितरों का आशीर्वाद
मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितरों के नियमित श्राद्ध करने से जातक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसीलिए हर साल पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. पितृ पक्ष हर साल भाद्रमास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है
Pitru Paksha 2023 Live: पितृ पक्ष में ऐसे करें तर्पण
पितृ पक्ष में हर दिन पितरों के लिए तर्पण किया जाता है. इस समय सबसे पहले देवों के लिए तर्पण किया जाता है. तर्पण के लिए आपको कुश, अक्षत्, जौ और काला तिल का उपयोग करना चाहिए. तर्पण करने के बाद पितरों से पूर्व में कर चुके गलतियों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए, ताकि वे प्रसन्न हो जाए और आपको सुखी रहने का आशीर्वाद दें.