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UP Budget Session 2023: उत्तर प्रदेश विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित

UP Budget Session 2023 Live: उत्तर प्रदेश विधानमंडल बजट सत्र में 3 मार्च शुक्रवार की कार्यवाही शुरू हो गई है. चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच बड़ी बहस देखने को मिल सकती है. आज का सबसे रोचक मामला पुलिस कर्मियों की विधानसभा पेशी है. विशेषाधिकार हनन मामले में इन पुलिसकर्मियों को सदन में पेश होना होगा.

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उत्तर प्रदेश विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित

उत्तर प्रदेश विधान सभा के सत्र को अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिया गया है. 20 फरवरी को यूपी विधानसभा का सत्र शुरू हुआ था. यह सत्र 3 मार्च को खत्म हुआ. लगभग 84 घंटे तक सत्र की कार्यवाही चली. इस दौरान यूपी का अब तक का सबसे बड़ा बजट भी पेश किया गया. पक्ष विपक्ष के बीच जमकर कहासुनी हुई. आरोप-प्रत्यारोप भी हुए. शुक्रवार शाम को विधान भवन परिसर में सभी विधायकों के साथ स्पीकर सतीश महाना, नेता सदन योगी आदित्यनाथ, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के साथ फोटो सेशन भी हुआ.

डीएसपी सहित 6 पुलिसकर्मियों को एक दिन के कारावास की सजा, विधानसभा अध्यक्ष ने दिया आदेश

यूपी बजट सत्र 2023 का 11वां दिन ऐतिहासिक रहा. 3 मार्च शुक्रवार को विधान सभा में अदालत लगी. 15 सितंबर 2004 के एक मामले में पूर्व डीएसपी अब्दुल समद सहित 6 पुलिसकर्मियों को विशेषाधिकारी हनन के मामले में मामले में शुक्रवार को एक दिन की सजा सुनायी गयी. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आरोपी पुलिसकर्मियों को एक दिन कारावास की सजा सुनाई. यह कारावास तारीख बदलने तक यानी कि रात 3 मार्च की रात 12 बजे तक होगा. सभी आरोपियों तत्कालीन डीएसपी अब्दुल समद, थानाध्यक्ष किदवई नगर ऋषिकांत शुक्ला, दरोगा त्रिलोकी सिंह, सिपाही छोटेलाल, विनोद मिश्र, मेहरबान सिंह को विधान भवन परिसर में बने लॉकअप में ही रहना होगा. कारावास के दौरान उन्हें भोजन व पानी मिलेगा. किसी तरह का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा.

DSP सहित 6 पुलिसकर्मी विशेषाधिकार हनन के दोषी, एक दिन के कारागार की सजा का प्रस्ताव

15 सितंबर 2004 के एक मामले में पूर्व डीएसपी अब्दुल समद सहित 6 पुलिसकर्मियों को विशेषाधिकारी हनन के मामले में मामले में शुक्रवार को एक दिन की सजा दी गयी है. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने एक दिन के कारागार (शुक्रवार रात 12 बजे तक) की सजा का अनुमोदन किया हे. इन पुलिसकर्मियों ने 19 साल पहले कानपुर में उस वक्त के बीजेपी विधायक सलिल बिश्नोई और उनके साथ मौजूद कार्यकर्ताओं की पिटाई कर दी थी. इस मामले में विधायक के विशेषाधिकार हनन का मामला लाया गया था. इसके बाद विशेषाधिकार समिति ने 27 जुलाई 2005 को डीएसपी अब्दुल समद को कारावास की सजा दिये जाने की संस्तुति की थी. साथ ही तत्कालीन थानाध्यक्ष किदवई नगर ऋषिकांत शुक्ला, दरोगा त्रिलोकी सिंह, सिपाही छोटेलाल, विनोद मिश्र, मेहरबान सिंह को सदन में बुलाकर चेतावनी देने की संस्तुति की थी. लेकिन इसे सदन में रखा नहीं जा सका था. शुक्रवार को सभी को सजा सुनायी गयी है.

Up Budget Session 2023: उत्तर प्रदेश विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित
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अखिलेश यादव बोले- वर्तमान में सपा सरकार से कम है ग्रोथ रेट, उठाए सवाल

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि इसके लिए हमारी ग्रोथ रेट क्या है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमारी ग्रोथ रेट क्या होगी. उन्होंने कहा कि जिस समय समाजवादी की सरकार थी उस समय एवरेज ग्रोथ रेट ऑफ जीडीपी 12.5 प्रतिशत थी, जबकि इस बार वित्त मंत्री ने जो आंकड़े दिए हैं, वह इससे कम है.

अखिलेश यादव बोले- सबका साथ सबका विकास, रामराज बिना समाजवाद के संभव नहीं

अखिलेश यादव ने कहा कि इस रिपोर्ट में पहला मानक नो पोवर्टी में 28 राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश नीचे से चौथे नंबर पर है. जीरो हंगर भुखमरी समाप्त करने में 28 राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश पांचवे नंबर की सूची पर है. गुड हेल्थ में नीचे से नीचे से दूसरे नंबर पर है. क्वालिटी एजुकेशन में उत्तर प्रदेश 18 नंबर पर है. जेंडर इक्वलिटी 28 राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश 14वें नंबर पर है. क्लीन वॉटर एंड सैनिटेशन में तीसरे नंबर पर है. इकोनामिक ग्रोथ से जुड़े मामले में उत्तर प्रदेश 21वें नंबर पर है. इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित विषय पर उत्तर प्रदेश 17वें नंबर पर है. नेता प्रपितक्ष ने कहा कि यह जरूरी है कि सरकार को समाजवादी सिद्धांत को समझना होगा. उन्होंने कहा कि सबका साथ-सबका विकास या रामराज बिना समाजवाद के संभव नहीं है.

अखिलेश यादव ने नीति आयोग की रिपोर्ट पर सरकार को घेरा

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि कहा सरकार यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का सपना दिखा रही है. लेकिन, उसे नीति आयोग की 2020-21 की रिपोर्ट देखनी चाहिए कि उत्तर प्रदेश कहां स्टैंड करता है. उन्होंने कहा कि सरकार ने एक बार दिन रात चलाकर विधानसभा चलाकर सभी सदस्यों को जगाकर ये साबित करने की कोशिश की, कि वह संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल गोल्स पर काम करेगी और दिल्ली की सरकार उसमें सहयोग करेेगी. उन्होंने कहा कि अगर सही मायनों में उन चीजों पर काम किया गया होता और बजट को खर्च किया होता तो नीति आयोग की रिपोर्ट कुछ और कहती.

अखिलेश यादव बोले- सरकार केवल एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का दिखा रही सपना

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश ससरकार का यह सातवां बजट है. सदन में जब कभी भी बजट पेश होता है, सरकार यही कहती है सबसे ऐतिहासिक और सबसे बड़ा बजट पेश किया जा रहा है. लेकिन, आज भी उत्तर प्रदेश की स्थिति है कई मानकों पर नहीं सुधरी है. उन्होंने कहा कि ये दिशाहीन बजट है, जिसमें ना वर्तमान की समस्याओं को सुलझाने की बात है और ना ही भविष्य का रास्ता है. डबल इंजन की सरकार ने किसानों से आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं दिखाई देता है. सरकार केवल एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का सपना दिखा रही है

मनोज पांडेय ने उठाया ऑनलाइन चालान में गड़बड़ी का मामला, सदन में गूंजे ठहाके

विधानसभा में मंगलवार को रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा से सपा विधायक मनोज पांडेय वाहनों के ऑनलाइन चालान में गड़बड़ी और उत्पीड़न मामला उठाया. हालांकि इस दौरान जब उन्होंने 3500 रुपये में मोटरसाइकिल खरीदने की बात कही तो अध्यक्ष सतीश महाना की टिप्पणी से सदन में ठहाके गूंजने लगे.

सुरेश खन्ना बोले- अपराधियों को उनकी भाषा में दिया गया जवाब

कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पिछली सरकारों का आंकड़ा और पब्लिक परसेप्शन देखा जाए तो हर तरह से वर्तमान सरकार में कानून व्यवस्था बेहतर है. अपराधियों को उनकी भाषा में  ही जवाब दिया गया. आगे भी इसी प्रकार से जीरो टॉलरेंस की नीति को पूरी तरह से परफॉर्म करेंगे.

महिला अपराधों में सजा दिलाने का बढ़ रहा प्रतिशत

कैबिनेट मंत्री सुरेश ​खन्ना ने बताया कि महिला अपराध को लेकर वर्ष 2020 में 535, 2021 में 1230 और 2022 में 2313 मामलों में सजा दिलाने का काम किया गया है. दुष्कर्म के मामलों में 2020 में 177, 2021 में 370 और 2022 में 671 मामलों में सजा कराई गई. वर्ष 2020 के सापेक्ष 2022 में दुष्कर्म के मामलों में सजा दिलाने में 280 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वर्ष 2021 में 3,126 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई. 34389 लोगों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई. वर्ष 2022 में 38058 लोगों के खिलाफ गुंडा की कार्रवाई की गई. प्रदेश में साइबर क्राइम रोकने के लिए अब सभी 18 रेंज में साइबर पुलिस स्टेशन बनाए गए हैं, पहले केवल लखनऊ और एक नोएडा में साइबर थाने थे.

महिला अपराध में 2021 में 59.1 प्रतिशत मामलों में दिलाई गई सजा

सपा विधायक पंकज मलिक और अन्य के सवालों के जवाब में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपराध को रोकने और अपराधियों को सजा दिलाने का काम किया है. एंटी रोमियो स्क्वाड ने 22 मार्च 2017 से 10 फरवरी 2023 तक प्रदेश में कुल 70,83,511 स्थानों पर 2,20,17,197 व्यक्तियों की चेकिंग की. इसके साथ ही 17,980 अभियोग पंजीकृत किए गए और 25,127 व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की गई. कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इस दौरान 88,25,966 व्यक्तियों को चेतावनी दी गई. उन्होंने कहा कि ऐसी सख्ती का असर है कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड 2021 के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 59.1 प्रतिशत मामलों में सजा दिलाई गई, जबकि राष्ट्रीय औसत केवल 26 प्रतिशत का है. इस तरह उत्तर प्रदेश में महिला अपराधों के मामलों में सजा दिलाने का औसत राष्ट्रीय स्तर से ज्यादा है.

सपा विधायक पंकज मलिक ने प्रयागराज सहित कानून व्यवस्था का उठाया मुद्दा

विधानसभा में मंगलवार को सपा विधायक पंकज ​मलिक ने प्रयागराज घटना का जिक्र करते हुए कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया, उन्होंने पूछा कि क्या सरकार बढ़ते अपराध को रोकने के लिए सभी संवेदनशील जगहों, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, बस अड्डों आदि पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, सभी जनपदों में फॉरेंसिक लैब बनाने का काम करेगी. विधायक मलिक ने महिला उत्पीड़न के मामलों पर भी सरकार से सवाल किया और कहा कि उत्तर प्रदेश में संभवतः सर्वाधिक महिला उत्पीड़न के मुकदमे दर्ज हुए हैं. उन्होंने सरकार से इस संबंध में कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा.

जिला पंचायतों में कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर कार्यरत लोगों को मिलेगा प्रमोशन

विधानसभा में मंगलवार को सपा विधायक अतुल प्रधान ने प्रदेश के जिला पंचायतों में कंप्यूटर ऑपरेटर के पदों पर कार्यरत लोगों को प्रमोशन नहीं दिए जाने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार विधान सभा सहित पूरे प्रदेश में ई प्रणाली पर जोर दे रही है. लेकिन, इसमें अहम भूमिका निभाने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर को प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है. वर्ष 2015 में इस संबंध में शासनादेश जारी हुआ था. लेकिन, प्रदेश के सभी 75 जनपदों में से किसी में इसका पालन नहीं हुआ. इसके साथ ही जिला पंचायतों में अन्य रिक्त पदों पर भी भर्ती नहीं हुई है. इस पर कैबिनेट मंंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि वर्ष 2015 में शासनादेश जारी होने के बाद 2016 में ही तत्कालीन सरकार ने उस पर रोक लगा दी थी. अब जो विभिन्न जगहों से डिमांड आई है, सरकार उस पर काम कर रही है. कंप्यूटर ऑपरेटर पर कार्यरत लोगों को प्रमोशन के लिए मामले में नियमावली भी बनाएगी जाएगी.

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