रामनगर. पीएचसी रामनगर में खटौरा गांव के एक 38 वर्षीय महिला द्वारा बुधवार को एक विचित्र नवजात बच्चे को जन्म देने से नगर में दिन भर कौतूहल का विषय बना रहा. हजारों की संख्या में स्थानीय लोगों ने आकर उसे देखना शुरू कर दिया. जिससे अस्पताल परिसर पूरी तरह भर गया. लोग तरह-तरह के संबोधन देना शुरू कर दिए. कोई एलियन तो कोई नए नामकरण देने में जुट गया. चिकित्सक ने परीक्षण के बाद उसे हार्लेक्विन इचथ्योसिस नामक बीमारी से ग्रसित बताया और बेहतर चिकित्सा के लिए उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया. बच्चे के परिजनों ने उसे सदर अस्पताल ले जाने से मना कर दिया और उसे लेकर अपने गांव चले गए. इस संदर्भ में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्रभूषण ने बताया कि किसी-किसी बच्चे में यह बीमारी दुर्लभ रूप से पाया जाता है. बच्चे की चमड़ी पूरी तरह से अविकसित होती है. यहां जन्मे बच्चे की दोनों आंखें भी विकसित नहीं हुई थी. नवजात शिशु के जन्म के समय सभी दांत भी उग चुके थे. नतीजतन चिकित्सा प्रभारी ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया. उन्होंने बताया कि खटौरा गांव की एक महिला की मैच्योर बच्चे के रूप में एक नवजात ने जन्म लिया है. जिसकी चमड़ी विकसित नहीं है और ना ही आंख ही तैयार हुआ है.
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