प्रतिनिधि, खूंटी.
आदिवासी क्षेत्र सुरक्षा परिषद के तत्वावधान में रविवार को खूंटी के लोयोला हाई स्कूल सभागार में पेसा उलगुलान की तैयारी को लेकर सभा आयोजित की गयी. सामाजिक कार्यकर्ता ग्लैडसन डुंगडुंग ने कहा कि पारंपरिक ग्राम सभाओं को सरकारी ग्राम सभाओं में बदलने की साजिश हो रही है. बाहरी व्यवस्था आदिवासी समाज पर थोपी जा रही है. उन्होंने अनुसूचित क्षेत्र जनसंख्या के आधार पर नहीं बनाये गये हैं, लेकिन गैर-आदिवासी समाज पेसा के क्रियान्वयन का विरोध कर रहा है. आदिवासी समाज को नगर निगम चुनावों और गैर-संवैधानिक निकायों का पूर्ण रूप से बहिष्कार करना होगा. आदिवासी क्षेत्र सुरक्षा परिषद के प्रतिनिधि वॉल्टर कंडुलना ने कहा कि सभा का उद्देश्य झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानून के सभी 23 प्रावधानों को अक्षरशः लागू करना और पारंपरिक स्वशासन की ताकत को वापस लाना है. अर्जुन मुंडिया ने कहा कि सरकार को सीधे पारंपरिक संस्थाओं के साथ काम करना चाहिए. दुर्गावती ओड़ेया ने पेसा कानून को लागू करने में विफलता पर निराशा व्यक्त की. सभा को हबील हेमरोम, मसीह तोपनो, लक्ष्मी नारायण मुंडा, पतरस गुड़िया, सनिका लुगून सहित अन्य ने संबोधित किया. सभा में पारंपरिक स्वशासन की रक्षा, पेसा कानून का पूर्ण क्रियान्वयन, नगरपालिकाओं का बहिष्कार, युवाओं का सशक्तीकरण, आदिवासी अधिकारों की रक्षा करने का निर्णय लिया. वहीं पेसा कानून के क्रियान्वयन और आदिवासी स्वशासन की परंपराओं की रक्षा के लिए झारखंड के विभिन्न जिलों में जागरूकता और सामूहिक आंदोलन चलाये जाने का निर्णय लिया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है