झारखंड उलगुलान संघ ने दिया धरना
खूंटी.
झारखंड उलगुलान संघ की ओर से मंगलवार को समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया. धरना के माध्यम से संघ ने आदिवासियों और मूलवासियों के हित के संवैधानिक प्रावधानों और कानूनी अधिकारों के कार्यान्वयन के प्रति झारखंड सरकार के उदासीन रवैये का विरोध किया गया. संयोजक अलेस्टेयर बोदरा ने कहा कि अबुआ सरकार कहने मात्र से झारखंडियों का हक सुरक्षित नहीं हो पायेगा, बल्कि जो संवैधानिक प्रावधान और कानूनी अधिकार प्राप्त है, उसको ठोस रूप से लागू करने की प्राथमिकता होनी चाहिए थी. राज्य सरकार ग्राम सभा को अधिकार सम्पन्न बनाने वाले पेसा कानून लागू नहीं करना चाहती है. झारखंड हाईकोर्ट ने पेसा कानून लागू करने का निर्देश दिया था. उसका भी पालन नहीं किया गया. सुबोध पूर्ति ने कहा कि झामुमो-कांग्रेस ने पिछले चुनाव के समय वादा किया था कि सरकार गठन के तुरंत बाद भूमि बैंक नीति और भूमि अधिग्रहण संशोधन (झारखंड) अधिनियम-2017 को रद्द कर दिया जायेगा. किन्तु पांच साल सरकार चलाने के बाद भी इस सरकार ने कुछ नहीं किया. कार्यक्रम को कुलन पतरस आइंद, बेनेदिक्त नवरंगी सहित अन्य ने संबोधित किया. मौके पर मसीहदास गुड़िया, दामु मुंडा, जोन जुरसन गुड़िया, सलील कोनगाड़ी, प्रेम मानकी, पौलुस हेमरोम, अब्राहम सोय व पौलुस मुंडू सहित अन्य उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है