अंगारों पर नंगे पांव चलकर भक्तों ने दी आस्था की परीक्षा
रजौन. पूजा पद्धति में विश्वास करने वाले लोग आज भी कुछ ऐसी पुरानी मान्यताओं को लेकर चल रहे हैं जिस पर आज भी कुछ विशेष समाज के लोग आस्था रखते
रजौन. पूजा पद्धति में विश्वास करने वाले लोग आज भी कुछ ऐसी पुरानी मान्यताओं को लेकर चल रहे हैं जिस पर आज भी कुछ विशेष समाज के लोग आस्था रखते हैं. वहीं कुछ लोग इसे आडंबर व अंधविश्वास कहते हैं. इसी में है एक राहु पूजा, जिसमें कुछ लोग अंगारों पर नंगे पांव चलकर मनचाही मुराद पूरी होने की कामना करते हैं. ऐसा ही कुछ सोमवार को बाबरचक गांव में देखने को मिला. नवादा खरौनी ग्राम पंचायत के बाबरचक गांव में रजौन मध्य जिला परिषद सदस्य सुमन पासवान के घर सोमवार को आयोजित राहु पूजा के दौरान लोग लकड़ी जलाकर अलसुबह से स्नान कर अंगारों पर नंगे पांव चलकर पार हो रहे थे, लेकिन आस्था के आगे उनको कुछ भी नहीं हो रहा था. पुजारी सोनू भगत ने बताया कि इस पूजा का आयोजन सुख, शांति व समृद्धि के लिए कराया जाता है. जो शादी-विवाह या अन्य शुभ अवसरों पर होते हैं. यह पूजा कठिन पद्धति की है. जिसे मानने वालों को निर्जला व्रत रहकर पूरी रात भजन-कीर्तन कर जागरण करना पड़ता है. इसके बाद साढ़े पांच हाथ नापकर लंबा व एक फीट गहरा का गड्ढा खोदा जाता है. जिसमें कच्चे बेल की लकड़ी डालकर उसकी आग तैयार की जाती है और अलसुबह ही स्नान कर विधि के अनुरूप लोग उस जलते अंगारों पर नंगे पांव एक बार ही नहीं कई बार चलकर पार होते है. ऐसा करने से उनकी मान्यता पूरी हो जाती है.
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