अररिया-गलगलिया न्यू बीजी रेलमार्ग पर भी मंडरा रहा रेनकट का खतरा
पौआखाली. राष्ट्रीय राजमार्ग 327 ई के बाद अब अररिया गलगलिया न्यू बीजी रेल मार्ग पर भी रेनकट का खतरा मंडराने लगा है. और पहली बरसात ने ही इसकी पोल खोलकर
पौआखाली. राष्ट्रीय राजमार्ग 327 ई के बाद अब अररिया गलगलिया न्यू बीजी रेल मार्ग पर भी रेनकट का खतरा मंडराने लगा है. और पहली बरसात ने ही इसकी पोल खोलकर रख दी है. दरअसल, इस नवनिर्मित रेलखंड पर बने अंडर पास और पुल पुलियों के बाहरी सतहों में मिट्टी के ऊपर किये गए बोल्डर पिचिंग वाले हिस्से को रेनकट ने क्षतिग्रस्त करना शुरू कर दिया है. बताते चले कि ठाकुरगंज और पौआखाली रेलखंड पर पौआखाली रेलवे स्टेशन मोड़ के समीप वाया पांचगाछी जियापोखर कद्दूभीठा जाने वाली मुख्य सड़क में बने रेलवे अंडरपास के पूर्वी छोर तरफ बोल्डर पिचिंग रेनकट की वजह से क्षतिग्रस्त होना शुरू हो चुका है. बोल्डर पिचिंग के अंदरूनी हिस्से से मिट्टी का दरकना चालू है मिट्टी के बह जाने से बोल्डर पिचिंग वाले हिस्से को नुकसान पहुंच रहा है. हालांकि ना तो रेलवे प्रशासन और ना तो संबंधित निर्माण कार्य के एजेंसी को इस तरफ ध्यान है वर्ना अबतक क्षतिग्रस्त हो रहे इन जगहों की मरम्मती का कार्य अवश्य ही कर दिया जाता. वहीं पहली ही बरसात में नवनिर्मित फोरलेन मार्ग और रेलवे मार्ग में रेनकट की समस्या ने निर्माण कार्य की एक तरह से पोल खोलकर रख दी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि रेनकट की वजह से रेलवे पटरियों अंडरपास के बाहरी हिस्से में बोल्डर पिचिंग से पहले बालू युक्त मिट्टी का उपयोग किया गया है जिस कारण बारिश में इसकी पकड़ ढीली पर रही है और अंदर ही अंदर बालू मिट्टी के धंसने से या बहने से ऊपरी सतह के बोल्डर पिचिंग को क्षति हो रही है. लोगों ने कहा कि इस नए रेलखंड में रेल परिचालन की शुरुआत से पहले रेनकट की समस्या को बेहतर तरीके से दुरुस्त करने की आवश्यकता है.
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