प्रतिनिधि, उदाकिशुनगंज उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत खाड़ा चौक के पास अतिक्रमण के कारण रोज जाम लगाता है. इससे पैदल चलने वाले व वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता रहा है. प्रशासन द्वारा अतिक्रमणमुक्त किये जाने को लेकर दुकानदारों को नोटिस जारी किया है. नोटिस में अतिक्रमण वाद दायर कर सभी दुकानदारों को तय समयावधि में उपस्थित होने के लिए सूचित किया गया है. उन्हें कहा गया है कि उपस्थित होने तथा उनसे कारण बताने की अपेक्षा की जाती है कि ऐसा अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया जायेगा. इधर सीओ का कहना है कि अनुपस्थित रहने की स्थिति में भी निर्णय ली जा सकती है. दरअसल दुकानदार मिथिलेश केसरी, अखिलेश केसरी, अरुण यादव, नीतीश कुमार, बंटी कुमार, चंदन कुमार, राहुल कुमार, रोहित कुमार आदि ने कहा कि खाड़ा चौक के चारों ओर सभी रैयत (जमींदार) द्वारा अपनी रैयती जमीन का हवाला देते हुए किराया निर्धारित कर दुकान खोलने के लिए सहमति दी गयी. ऐसे में कई दुकानदारों से पगड़ी (एकमुश्त धनराशि) जमा कराकर हर माह निर्धारित किराये की वसूली की जाती है. मौजूदा समय में अतिक्रमणमुक्त किये जाने के मामले में रैयत को छोड़कर सभी दुकानदारों के नाम नोटिस जारी कर दिया गया है. इस बाबत अंचलाधिकारी हरिनाथ राम ने बताया है कि खाड़ा चौक पर मापी के दौरान सड़क के अतिक्रमित हिस्से में दुकान पाया गया है. इसलिए दुकानदारों के नाम नोटिस जारी किया गया है. चारों ओर बसे रैयत द्वारा अतिक्रमित किये जाने के मामले में इंनकार कर दिया. अवैध किराया वसूल रहे लोगों पर अबतक नहीं हुई है कार्रवाई : सरपंच सरपंच मुन्नी देवी ने कहा कि सरकारी जमीन पर अवैध किराया वसूल रहे लोगों पर अबतक कार्रवाई नहीं की गयी है. कहते हैं लोग सोना सिंह ने कहा कि खाड़ा चौक पर रोजाना घंटों जाम लगता है. छोटी-बड़ी गाड़ियां एक साथ नहीं गुजर सकती है, जबकि सभी प्रकार के वाहनों को एकसाथ मुड़ने और गुजरने के लिए खाड़ा चौंक पर पर्याप्त सरकारी जमीन उपलब्ध है. अतः अतिक्रमणमुक्त किया जाना आवश्यक है. ऐसे रैयतों को निजी जमीन में ही दुकानदारों को जगह दी जानी चाहिए. दिनेश कुमार ने कहा कि खाड़ा चौक अतिक्रमण के मामले में चारों ओर रैयतों और दुकानदार के विरुद्ध नैतिक पहलुओं को ध्यान में रखकर नोटिस जारी किया जाना चाहिए. सिर्फ दुकानदारों के नाम नोटिस जारी किया जाना एकतरफा कार्रवाई प्रतीत होता है. रैयत द्वारा सभी दुकानदार से सरकारी जमीन पर हर माह किराया वसूल किया जाना नाजायज है.
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