अतिक्रमण से बौना हुआ चट्टी तालाब

कुछ साल पहले लोग तालाब का पानी पीते थे, अब पैर धोना भी नहीं चाहतेतालाब का सौंदर्यीकरण नहीं हुआ तो जल्द सूखने के कगार पर पहुंच जायेगासंजय सागर, बड़कागांवबड़कागांव के

By Prabhat Khabar News Desk | June 10, 2024 5:29 PM

कुछ साल पहले लोग तालाब का पानी पीते थे, अब पैर धोना भी नहीं चाहते

तालाब का सौंदर्यीकरण नहीं हुआ तो जल्द सूखने के कगार पर पहुंच जायेगा

संजय सागर, बड़कागांवबड़कागांव के गुरु चट्टी के बनिया टोला स्थित चट्टी तालाब अब बौना हो गया है. जिला प्रशासन के नरम रुख के चलते अतिक्रमण से यह तालाब अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जूझ रहा है. जबकि लोगों में कब्जे के लिए होड़ मची हुई है. धीरे-धीरे तालाब का रकबा सिकुड़ता जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि चट्टी तालाब का खाता नंबर 280, प्लॉट नंबर 2670, 2671, 2672 है. कुल रकबा दो एकड़ 48 डिसमिल है. तालाब के चारों ओर कुछ हिस्से में घर, गोशाला, गोबर रखने वाले खाद के रूप में अधिकांश लोगों ने अतिक्रमण किया है. इससे तालाब की जमीन घटती जा रही है. कुछ लोगों ने इसके पूर्वी और उत्तरी किनारे पर अवैध रूप से मकान, खाद गड्ढे व झांखर लगा रखे हैं. इससे जानवर आदि तालाब पर नहीं जा रहे हैं. अतिक्रमण कारियों पर कार्रवाई न होने से इनके हौसले बुलंद हैं. तीन साल पहले आदित्य मल्लाह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने बड़कागांव के अंचल अधिकारी वैभव कुमार सिंह को अतिक्रमण हटाने और तालाब का सुंदरीकरण को लेकर आवेदन दिय था. लेकिन आज तक कोई पहल नहीं हुई. मॉडर्न पब्लिक स्कूल के प्राचार्य मो इब्राहिम ने बताया कि पिछले वर्ष जिप सदस्य यासमीन निशा के प्रयास से डीएमटी फंड से तालाब के गहरीकरण की स्वीकृति जिला प्रशासन से हो गयी थी, लेकिन अतिक्रमण हटाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया और न ही सुंदरीकरण के लिए कोई काम हुआ. तालाब के इर्द-गिर्द की गैरमजरूआ जमीन और तालाब की जमीन में कुछ लोग घर बना लिये हैं.

तालाब में घरों और गोशाला के गंदा पानी

तालाब के आसपास कई घर और गोशाला हैं. घरों और गोशाला से निकलने वाला गंदा पानी तालाब में ही पहुंच रहा है. इससे पानी भी गंदा होने लगा है. लोग वहां अब जाने से हिचकते हैं. साथ ही तालाब में गंदगी होने से संक्रमण और बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है. तालाब चारो ओर से अतिक्रमण का शिकार होते जा रहा है. ऐसे में कुछ सालों में ही तालाब का अस्तित्व खत्म हो जायेगा.

तालाब बचेंगे तो हर वर्ग को होगा लाभ

तालाबों से सभी को लाभ है, पशु-पक्षी जानवर पानी पी सकते हैं. तालाबों के किनारे पेड़-पौधे होते हैं, इसे पर्यावरण हराभरा और सुंदर बनता है. पहले मनुष्य के लिए तालाब ही पानी के सबसे प्रमुख स्त्रोत थे. गांव में कई तालाब होते थे. एक तालाब में बरसात का पानी पीने के लिए होता था, दूसरे में नहाने और कपड़े धोने के लिए होता था. पानी को नहीं बचाएंगे तब तक भूजल स्तर भी ऊपर नहीं आयेगा. पानी बचाने के लिए तालाबों का होना जरूरी है. इसलिए तालाब का सौंदर्यीकरण करने की जरूरत है.

कोट

अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए ग्रामीण सिस्टम के तहत आवेदन फिर से दें. इस तालाब के लिए मत्स्य विभाग को पहले आवेदन देना पड़ेगा. मत्स्य विभाग से जो निर्देश मिलेंगे उसके तहत हम लोग काम करेंगे. तालाब को बचाना सबका दायित्व है. तालाब के रहने से आसपास के क्षेत्रों में भूमिगत जलस्तर में बढ़ोतरी होगी.

– अनोज कुमार, अंचल निरीक्षण(सीआई)

मेरा उद्देश्य है चट्टी तालाब का सुंदरीकरण कराना ताकि लोग सुबह-शाम मोर्निंग वॉक कर सकें. तालाब के चारो ओर पार्क के रूप में विकसित किया जायेगा. इससे वातावरण खुशनुमा होगा और लोगों को स्वच्छ हवा कुछ सालों तक मिलती रहेगी. इसके लिए स्थानीय लोगों को मदद करने की आवश्यकता है. कुछ जागरूक लोग आवेदन लिखकर सीओ कार्यालाय में जमा करें. तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा.

– यास्मीन निशा, जिला परिषद सदस्य.

कुछ लोग चट्टी तालाब की जमीन पर अतिक्रमण कर घर, गोशाला और गोबर रखने का स्थान बना दिये हैं. जबकि तालाब प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाता है. साथ ही आसपास के भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने में मदद करता है. इससे तालाब के दो किमी के क्षेत्र के लोगों को फायदा मिलता है. लेकिन कुछ लोग यह सब नहीं समझ कर अतिक्रमण कर लेते हैं जो गलत है. इसके खिलाफ आवाज उठाया जायेगा.

– विमला देवी, मुखिया.B

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