प्रभात फॉलोअप — घायल के पिता व्यवसायी नंद किशोर पहुजा के बयान पर वासुदेवपुर थाना में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज – निजी नर्सिंग होम में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा घायल भवेश – बाबर और उसकी मां ने ठेला पर पहुंचाया था सदर अस्पताल, घायल का कुछ सामान भी परिजनों को लौटाया
मुंगेर. कोतवाली थाना क्षेत्र के बड़ी बाजार निवासी व्यवसायी पुत्र भवेश उर्फ संतोष पहुजा गोलीकांड के 36 घंटे बाद भी पुलिस किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पायी है. वह अब भी निजी नर्सिंग होम में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है. इधर घायल के पिता के आवेदन पर वासुदेवपुर थाना में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. लेकिन पुलिस मो. बाबर नामक युवक को ढूढ़ रही है. जो घायल का दोस्त है और उसने ही ठेला से उसे सदर अस्पताल इलाज के लिए पहुंचाया था. जिसके बाद से वह लापता है.पिता के बयान पर अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
भवेश गोलीकांड का घटनास्थल मुंगेर शहर के वासुदेवपुर थाना क्षेत्र के चुरंबा मस्जिद के समीप ललमटिया कब्रिस्तान है. जिसके कारण मामला वासुदेवपुर थाना में दर्ज किया गया. प्राथमिकी घायल के पिता नंद किशोर पहुजा के आवेदन पर दर्ज हुआ है. जो अज्ञात के खिलाफ है. वासुदेवपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार नेे बताया कि आवेदन में न तो आरोपी का जिक्र किया गया है और न ही गोली मारने का कोई कारण बताया गया है. लेकिन पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है.बाबर की गिरफ्तारी से ही खुलेंगा भवेश गोलीकांड का राज
बताया जाता है कि बुधवार की अहले सुबह भवेश को गोली मारी गई थी. गोली कैसे लगी थी और किसने मारी थी. इसका अभी तक पता नहीं चल सका है. लेकिन सदर अस्पताल में एक लड़का घायल के परिजनों से बात कर रहा था. जिसके बाद पुलिस ने परिजनों से पूछताछ की तो परिजनों ने पुलिस को बताया कि मो. बाबर भवेश का दोस्त है. मंगलवार को जब मारपीट के मामले में भवेश के विरूद्ध कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज हुई तो वह बाबर के संपर्क में आ गया और सीधे बाबर के घर पहुंच गया. जहां उसे गोली लगी है. मो. बाबर ने ही उसके भवेश की पत्नी और पिता को फोन कर बताया था. मो. बाबर और उसकी मां ठेला पर लाद कर उसे सुतुरखाना एक निजी क्लीनिक में ले गया था. लेकिन डॉक्टर नहीं रहने के कारण उसे सदर अस्पताल पहुंचाया. लेकिन अंतिम बार बाबर को सदर अस्पताल में देखा गया. जिसक बाद वह लापता हो गया. जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. अस्पताल के सीसीटीवी के फुटेज में भी दोनों दिख रहे हैं.महंगा मोबाइल, सोने का चेन व ब्रेसलेट है गायब
बताया जाता है कि मो. बाबार और उसकी मां ने सदर अस्पताल में परिजनों को घायल का पेंट, एक मोबाइल एवं पर्स लौटाया. पर्स में एक भी रूपया नहीं था. जबकि उसके गले में न तो सोने का चेन था और न ही ब्रेसलेट ही था. घायल दो मोबाइल रखता था. जिसमें एक गायब है. वह मोबाइल काफी महंगा बताया जाता है. पुलिस उस मोबाइल नंबर का सीडीआर निकालने और लोकेशन पता करने का प्रयास कर रही है.कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने बताया कि घायल का इलाज चल रहा है, जिसके कारण उसका बयान नहीं लिया जा सका. पिता के आदेवन पर वासुदेवपुर थाना में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. शीघ्र ही मामले का उद्भेदन करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है