बाल उमंग पखवारे कार्यक्रम में बच्चों ने निकाली सुंदर किलकारी झांकी
किलकारी के सभी विधाओं के बच्चों ने निकाली प्रदर्शनी सहरसा किलकारी बिहार बाल भवन में बाल उमंग पखवारे के तीसरे एवं अंतिम कार्यक्रम के रूप में रविवार को
किलकारी के सभी विधाओं के बच्चों ने निकाली प्रदर्शनी सहरसा किलकारी बिहार बाल भवन में बाल उमंग पखवारे के तीसरे एवं अंतिम कार्यक्रम के रूप में रविवार को बच्चों ने एक सुंदर किलकारी की झांकी निकाली. सर्वप्रथम बच्चों ने मुख्य अतिथि जिला शिक्षा पदाधिकारी का स्वागत किलकारी की परंपरा के अनुसार तिलक लगाकर एवं हस्तनिर्मित बुके देकर किया. जिला शिक्षा पदाधिकारी के हरी झंडी दिखाने के बाद किलकारी के सभी विधाओं के बच्चों द्वारा झांकी की प्रदर्शनी निकाली गयी. जिसमें मुख्य रूप से नृत्य, क्राफ्ट, संगीत, चित्रकला, कबड्डी, कंप्यूटर, लेखन एवं शोध के बच्चों ने अपने-अपने विधाओं को रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया. जो जिले वासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा. इस झांकी में बच्चों ने अपनी कलाओं का प्रदर्शन विभिन्न प्रकार का वेश धारण कर किया. कुछ बच्चे आइसक्रीम, रोबोट, डॉक्टर, कंप्यूटर, रॉकेट मेन, आर्टिस्ट, सनफ्लावर, माइक मैन के रूप में प्रदर्शन कर रहे थे तो कुछ बच्चों ने अलग अलग प्रकार का मास्क पहनकर किया. कुछ बच्चे अपने पसंदीदा कार्टून कैरेक्टर्स का बोर्ड लिए हुए थे. तो कुछ के हाथों में स्लोगन के बोर्ड थे. सभी बच्चे अपनी कलाओं के प्रदर्शन में डूबे नजर आ रहे थे. इस दौरान कुछ बच्चों ने झांकी की टोली को सुसज्जित ढंग से ले जाने में सहयोग कर अपनी लीडरशिप का भी प्रदर्शन किया. जिसमें बाल सहयोगी के रूप में आयुष कुमार, आदित्य कुमार, मेहर, विष्णु व अन्य सम्मिलित हुए. मुख्य अतिथि जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार झांकी में बच्चों के उत्साह व सृजनशीलता को देख अभिभूत दिखे. उन्होंने कहा कि बच्चों को सृजनशील बनाने में शिक्षा विभाग की ये योजना अपने मूल उद्देश्य में सार्थक हो रही है एवं भविष्य में और भी अपने स्वरूप को विस्तृत करने का प्रयास करेगी. इस अवसर पर किलकारी के प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक प्रणव भारती ने कहा कि इस झांकी के माध्यम से हमारे बच्चें लोगों को यह संदेश देना चाहते हैं कि बच्चों को उनका बचपन जीने दें. वो जो करना चाहते हैं, जो कुछ बनना चाहते हैं, उसमें उनका सहयोग करे एवं उन्हें सृजनशील बनने को प्रेरित करें. मौके पर साहित्यकार व कलाविद् मुक्तेश्वर सिंह, शिक्षक व कलाविद् आनंद झा, कत्थक नृतक रोहित झा का भी भरपूर सहयोग रहा. किलकारी प्रबंधन से सभी कर्मी सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी मधु कुमारी, प्रमंडल संसाधन सेवी सोनम कुमारी, सहायक लेखा पदाधिकारी, नामांकन प्रभारी मौसमी कुमारी एवं सभी प्रशिक्षक, प्रशिक्षिका विकास भारती, निभाष कुमार, राम कुमार, रोहित कुमार, रीना कुमारी, अनु कुमारी, रेशू कुमारी, आर्ची कुमारी, रतन, मदन, रौशनी, रेखा, रेणु व अन्य की उपस्थिति बनी रही.
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