बाल विवाह रोकना हर जागरूक नागरिक का कर्तव्य : डीसीपीओ
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को लेकर अड़की में कार्यक्रमखूंटी. बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत गुरुवार को अड़की में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर जिला
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को लेकर अड़की में कार्यक्रम
खूंटी. बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत गुरुवार को अड़की में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अल्ताफ अंसारी ने स्कूली बच्चों, महिलाओं और पंचायत प्रतिनिधियों व अन्य को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलायी. उन्होंने कहा कि बाल विवाह समाज की बड़ी बुराई है. बाल विवाह करना गैरकानूनी है. उन्होंने सभी को बाल विवाह नहीं करने की अपील की. वहीं ऐसा होते देखने पर 1098 में अथवा बीडीओ, सीडीपीओ या थाना को सूचित करने की अपील की. इससे की बच्चे को समय से विवाह होने से रोका जा सके. उन्होंने कहा कि स्कूल के अध्यापक भी अपने स्तर पर निगरानी रखें कि कितने बच्चे स्कूल नियमित जा रहे, जो बच्चे नहीं जाते हैं. वह ड्राप आउट होने पर वाल विवाह, योैन शोषण, बाल तस्करी की शिकार हो जाते हैं. झारखंड महिला उत्थान के सचिव नीलम बेसरा ने कहा कि देश में 23 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों का बाल विवाह होता है, जो न सिर्फ जीवनसाथी चुनने के उनके अधिकार का हनन है बल्कि इससे लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ रोजगार और आर्थिक निर्भरता की उनकी संभावनाओं पर भी बेहद बुरा असर होता है. कार्यक्रम में प्रमुख कृष्णा मुंडा, बीडीओ गणेश महतो, थाना प्रभारी मुकेश कुमार, जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य मो समसुद्दीन, सतीश केरकेट्टा, दिनेश सिंह सहित अन्य उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है