बारसोई में रात भर गुल रही बिजली, भीषण गर्मी में उपभोक्ता पूरी रात करते रहे रतजग्गा
- उमस भरी गर्मी में पंखा डुलाते-डुलाते बितायी रात - विद्युत विभाग के पदाधिकारी बारसोई में नहीं रह कर जिला मुख्यालय में रह रहे प्रतिनिधि, बारसोई विद्युत विभाग की
– उमस भरी गर्मी में पंखा डुलाते-डुलाते बितायी रात – विद्युत विभाग के पदाधिकारी बारसोई में नहीं रह कर जिला मुख्यालय में रह रहे प्रतिनिधि, बारसोई विद्युत विभाग की मनमानी तथा जनप्रतिनिधियों के चुप्पी साध लेने के चलते बारसोई के विद्युत उपभोक्ता इन दिनों काफी बेचारगी महसूस कर रहे हैं. उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. जिसके कारण बारसोई में आये दिन बिजली की स्थिति बिगड़ती जा रही है. इसी बीच गुरुवार की शाम 4:00 बजे से ही बिजली गुल हो गयी और वह शुक्रवार की सुबह 9:00 बजे के बाद आयी. इस दौरान विभाग के अधिकारी भी बिना किसी उत्तरदायित्व के निफिक्र रहे. बेचारे विद्युत उपभोक्ता उमस भरी गर्मी में हाथ पंखा डुलाते डुलाते रात बिताया. ज्ञात हो कि बारसोई में विद्युत विभाग के द्वारा कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता के साथ टेक्नीशियन एवं कर्मीयों की नियुक्ति की गई है. ताकि बिजली आपूर्ति में अगर कोई समस्या उत्पन्न हो तो उसका निवारण तुरंत किया जा सके. पर अभी वर्तमान में जो विद्युत कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता पदस्थापित है. वे बारसोई मुख्यालय में नहीं रहते हैं. यह सभी पदाधिकारी अपना डेरा जिला मुख्यालय कटिहार में रखे हुए हैं. जिस कारण प्रत्येक दिन सुबह आते हैं और शाम में चले जाते हैं. इस दौरान अगर शाम में विद्युत आपूर्ति बाधित होती है तो वह फिर दूसरे दिन ही ठीक होती है. जैसा कि गुरुवार की शाम को हुआ. इधर जनप्रतिनिधियों के साथ मजबूरी यह है कि विद्युत विभाग के विरुद्ध आवाज उठाने पर उन पर दबाव बनाने के लिए झूठा मुकदमा कर दिया जाता है. जिस कारण जनप्रतिनिधि विरोध नहीं कर पाते हैं. विद्युत विभाग की मनमानी बढ़ती जा रही है. जिसका खामियाजा विद्युत उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. विद्युत उपभोक्ता सह जदयू नेता रोशन अग्रवाल ने जिला प्रशासन से मांग की है कि विद्युत कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता सभी बारसोई में ही डेरा लेकर रहें. ताकि कोई भी तकनीकी समस्या आने पर उसका तुरंत निवारण किया जा सके और निर्बाध विद्युत आपूर्ति होती रहे. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी विद्युत आपूर्ति में सुधार नहीं होता है तो वे मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करेंगे.
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