प्रतिनिधि, ठाकुरगंज
सीमावर्ती इलाके में लगातार बढती गर्मी और बह रही गर्म हवाओं ने आम के उत्पादन पर असर डालना शुरू कर दिया है. बताते चले आम जैसे फल को परिपक्व होने के लिए 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान नहीं होना चाहिए. लेकिन, इस साल अप्रैल में ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच गया है और जैसा अनुमान है की आने वाले दिनों में यह और बढेगा जो आम के फल के लिए खतरनाक है. क्योंकि, गर्मी के बढ़ने से गर्म हवाएं चलने और बागों में नमी की कमी होने के कारण फल गिरने और फटने की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है. गर्मी लगातार बढ़ रही है जो आम के उत्पादन के लिए खतरनाक है. ऐसे में आम के किसानों को अपने उत्पाद को बचाना बड़ी चुनौती हैं.अल नीनो से आम पर आफत
इस बाबत स्थानीय जानकार बताते है कि अलनीनो के कारण अप्रैल महीने में ही तापमान के 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंचने से आम के लिए बेहद हानिकारक है. क्योंकि, अगर खेत में नमी नहीं रहेगी, तो फल गिरने और फटने की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है. गर्मी लगातार बढ़ रही है, इससे किसानों के लिए खेत में नमी बनाए रखना मुश्किल हो गया है. इससे अभी कितने प्रतिशत उत्पादन पर असर पड़ेगा, यह कहना मुश्किल है. जानकारों के अनुसार उत्पादन असर तो निश्चित पड़ेगा. आम को अच्छी तरह से विकसित होने के लिए अत्यधिक गर्मी की तेज हवाओं औऱ लहर से बचाना जरूरी है. गर्मी की तेज हवाएं फलों के पेड़ों पर दबाव डाल सकती हैं, जिससे पैदावार कम हो सकती है.गर्म हवाओं से आम को हो रहा नुकसान
इस बाबत स्थानीय जानकार बताते है की गर्मी के साथ जिस तरह गर्म हवाओं ने रफ़्तार पकड़ी है इस समय बाग की मिट्टी को हमेशा नम रखने की जरूरत है. अगर बाग की मिट्टी में नमी की कमी होती है तो इससे फल का विकास प्रभावित होगा. आम के विकसित हो रहे फलों को अत्यधिक गर्मी की लहरों से फल से लेकर पत्तियां पर ज्यादा तनाव पडता है, जिससे आम का विकास नहीं हो पाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है