बदलते मौसम में सेहत को लेकर अधिक सावधान रहने की जरूरत

ठंड में बढ़ जाती है अस्थमा से पीड़ित लोगों की समस्याएं. बच्चे में निमोनिया होने का रहता है अधिक खतरा. किशनगंज.मौसम में बदलाव के साथ ही ठंड ने दस्तक

By Prabhat Khabar News Desk | October 15, 2024 7:08 PM

ठंड में बढ़ जाती है अस्थमा से पीड़ित लोगों की समस्याएं.

बच्चे में निमोनिया होने का रहता है अधिक खतरा.

किशनगंज.मौसम में बदलाव के साथ ही ठंड ने दस्तक दे दी है.जिसका असर अब बच्चों और बुजुर्गों पर भारी पड़ने लगा है.ऐसे में शाम को ठंड और दिन में कभी गर्मी तो कभी ठंड से वायरस और बैक्टीरिया जनित रोगों का प्रकोप भी बढ़ने लगा है.मौसम में बदलाव के साथ ही बच्चे से लेकर जवान और बुजुर्ग जुकाम से पीड़ित होने लगे हैं.यह मौसम बैक्टीरिया और वायरस जनित रोगों के लिए अनुकूल होता है,ऐसे में जुकाम को नजरअंदाज करना स्वास्थ्य पर भारी भी पड़ सकता है.खासकर बच्चे निमोनिया के शिकार हो सकते हैं और दमा पीड़ितों की तकलीफें बढ़ सकती है.

इस संबंध में जिले के जाने माने चिकित्सक डॉ.शिव कुमार ने बताया कि मौसम में बदलाव और ठंड की शुरुआत में प्रदूषण कुछ अधिक होता है. जिससे अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है. इस मौसम में सांस के रोगियों की तकलीफ बढ़ जाती है.बीमारी के वायरस सांस के माध्यम से शरीर में पहुंच जाते है.सांस की नलियां सिकुड़ जाती है. उन्होंने बताया कि इस मौसम में बच्चों में ब्रोंकियोलाइटिसऔर बड़ों में ब्रोंकाइटिस होती है. इन दिनों छोटे बच्चों पर खास ध्यान देना जरुरी है. उन्हें ठंडी हवा में न लेकर निकलें.घरेलू उपचार ज्यादा न करें तो ही अच्छा है. जुकाम होने पर जल्द इलाज कराएं.इलाज में देरी से बच्चे को ब्रोंकियोलाइटिस होने का खतरा रहता है.

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करें

डॉ शिव कुमार बताते हैं कि इस बदलते मौसम में खुद को संक्रमण से बचाने के लिए ताजा बना गर्म खाना ही खाएं.इससे शरीर में रक्तसंचार अच्छा बना रहता है. कम से कम आठ से दस ग्लास पानी जरूर पीएं.खाने में पपीता,कद्दू, गाजर, टमाटर,पालक और मौसमी फलों,सब्जियों को अपने आहार में जरूर शामिल करें.इनसे शरीर का तापमान भी मौसम के मुताबिक बना रहेगा.अंकुरित अनाजों में काफी मात्रा में फाइबर और प्रोटीनहोते हैं, जिनके सेवन से काफी लाभदायक है. विटामिन-सी युक्त फल भरपूर मात्रा में लें.बदलते मौसम में कई तरह की मौसमी बीमारियों के होने की भी संभावना काफी बढ़ जाती है.जैसे कि एलर्जी, सर्दी-खांसी बुखार सहित अन्य वायरल टाइप की बीमारियों की भी चपेट में लोग आ जाते हैं.इसलिए इससे बचाव के लिए हरी सब्जी,दाल,साग समेत अन्य पौष्टिक आहार का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें.बीमारियों के से बचने के लिए साफ-सफाई का भी रखें विशेष ख्याल रखें.

क्या है बचाव के उपाय

-ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिक बिल्कुल बंद कर दें. -गरम पेय पदार्थो का सेवन करें.

-तड़के ठंड में बाहर निकलने से बचें.धूप निकलने तक इंतजार करें.

-तली, भुनी चीजों का इस्तेमाल न करें.

– मीठी चीजों का सेवन तकलीफ बढ़ा सकता है.

-इलाज नहीं होने पर बच्चों को निमोनिया हो सकता है.

-बच्चों को ठंडी चीजें नहीं खाने दें.

-ठंडी हवा में घुमाने न ले जाएं.

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