ठाकुरगंज. भारत सेवाश्रम संघ का दो दिवसीय स्थापना दिवस समारोह के दुसरे दिन हिन्दू मिलन मंदिर के परिसर भारी वर्षा के बाबजूद बड़ी संख्या में भक्तों ने शिरकत की. कार्यक्रम के अंतिम दिन रविवार को कई कार्यक्रम आयोजित किये गए. जिनमें मंगल आरती, गीता पाठ, संघ गीता पाठ, हिन्दुधर्म शिक्षा संस्कृति सम्मलेन, भजन कीर्तन, संस्कृतीतिक अनुष्ठान, गुरु महाराज का महाभिषेक आदि कार्यक्रम आयोजित हुए.
हिन्दू धर्म-शिक्षा-संस्कृति सम्मेलन का हुआ आयोजनइस दौरान विभिन्न बक्ताओं ने हिन्दू धर्म-शिक्षा-संस्कृति सम्मेलन को संबोधित करते हुए सभी धर्मवालंबियों से धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होने एवं जनसेवा में बढ़चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया. इस दौरान भारत सेवा संघ के संस्थापक सह युवाचार्य स्वामी प्रवानंद जी महाराज के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला. इस दौरान स्वामी प्रदीप्तानन्द जी महाराज (अध्यक्ष बेलडांगा सेवाश्रम) स्वामी निरंजानंद जी महाराज (अध्यक्ष रायगंज सेवाश्रम) स्वामी ज्योतिर्मायनंद जी महाराज (अध्यक्ष कुनोर आश्रम) कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे. विभिन्न विषय पर इन्होंने सारगर्भित प्रवचन दिया.निकली कलश यात्रारविवार को सुबह महिलाओं द्वारा कलश के साथ शोभा यात्रा भी निकाली गई. जो भातडाला पोखर से शुरू होकर नगर के विभिन्न मार्गों का परिभ्रमण करने के बाद हिन्दू मिलन मंदिर पहुंची. इस दौरान शोभायात्रा के सम्पूर्ण पथ पर भक्तों के जयकारे गूंज रहे रहे थे. इस दौरान शोभा यात्रा में स्वामी सरणा नन्द, स्वामी श्री नयानंद आदि के अलावे वार्ड पार्षद सजन कुमार भी शामिल थे.
सांस्कृतिक अनुष्ठान के साथ कार्यक्रम की शुरुआतइसके पूर्व शनिवार की संध्या सांस्कृतिक अनुष्ठान के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई. जिसमें कई कलाकारों द्वारा गीतिका की प्रस्तुति की गयी. देर रात तक चले कार्यक्रम में विभिन्न स्कुलों के बच्चों ने अपनी प्रस्तुति दी. इस दौरान विभिन कार्यक्रमों की प्रस्तुति से बच्चों ने लोगों का मन तो मोहा ही. जयन्तो लाहिड़ी के द्वारा प्रस्तुत की गई दर्जनों गीतिका के प्रस्तुति के दौरान परिसार तालियों से गूंजता रहा. वहीं कार्यक्रम की सफलता के लिए स्वामी चंद्रानाथ नंद जी के अलावे पूर्व मुख्य पार्षद प्रमोद राज चौधरी, आनंदों साहा, दिलीप कुंडू, परमजीत मंडल, बादल कुंडू्, कमल कुंडू आदि सक्रिय दिखे. वहीं रविवार को कार्यक्रम में शिरकत करने सिलीगुड़ी, शिवमंदिर, इस्लामपुर, चोपड़ा, बिधाननगर, सोनापुर, किशनगंज रायगंज आदि जगहों से भी भक्त आये.हिंदू धर्म की सेवा एवं रक्षा के पथ पर अग्रसर है भारत सेवाश्रम : स्वामीप्रदीप्तानन्द जी महाराज
इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामीप्रदीप्तानन्द जी महाराज ने कहा कि आज हिंदू धर्म, हिंदू समाज, इतिहास और संस्कृति अर्थात हिंदुत्व पुनरुत्थान के दौर से गुजर रहा है. हिंदुओं में एक नई जागृति दिख रही है. आज दुनिया भर में हिंदू संगठन, संघ और विभिन्न संप्रदायों के मंदिर, संघ और न्यास बनाए जा रहे हैं. हमारा इतिहास दर्शाता है कि हमारी संस्कृति में संगठन की परंपरा रही है. परन्तु काल की धारा में वह कहीं खो गई. हम सब जानते हैं कि संगठन में ही शक्ति है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारत सेवाश्रम संघ, रामकृष्ण मिशन समेत अन्य संगठन हिंदू समुदाय के पुनरुत्थान के लिए हिंदू समाज को संगठित करने का कार्य कर रहे हैं. संगठन का उद्देश्य है समर्थ और सशक्त बनना. स्वयं की रक्षा करना; जो सदाचारी हैं, पर कमजोर, उसकी रक्षा करना, बुरी प्रवृत्ति वालों पर अंकुश रखना.पुस्तकें आपकी सबसे अच्छी व सस्ती दोस्त हैं, इनका साथ कभी न छोड़े- अनिल महाराज
ठाकुरगंज . किसी कवि ने कहा है कि युग से संचित ज्ञान की भंडार हैं पुस्तकें, सोच और विचार का संसार हैं पुस्तकें. देखने और समझने को खोलती नई खिड़कियां, ज्ञानियों से जोड़ने की तार हैं पुस्तकें. ये पंक्तियां ठाकुरगंज में हो रहे भारत सेवाश्रम संघ के वार्षिक महोत्सव के दौरान सच होती दिखी. आमतौर पर कहा जाता है कि आज का युवा वर्ग पुस्तकों से दूर मोबाइल में सिमटता जा रहा है. युवा हो या बुजुर्ग आज सभी की जिन्दगी फोन के की-पैड तक सीमित हो गई है. ऐसे में कार्यक्रम स्थल पर अपनी पसंदीदा पुस्तकों को पाने के लिए लोग जिज्ञासु दिखे. इस दौरान आयोजक समिति के सक्रिय कार्यकर्ता प्रदीप दत्ता और विप्लव कर्मकार ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों के दौरान भक्तों को कई मन पसंद पुस्तकें मिल जाती है जिन्हें पाने के लिए काफी मुश्किल होती थी. उन्होंने कहा ऐसे कार्यक्रमों में कई ऐसी पुस्तकें मिल जाती हैं, जो कहीं नहीं मिल पाती.इस दौरान भारत सेवाश्रम संघ से जुड़े अनिल महाराज, कमल कुंडू कहते है कि पुस्तकें किसी भी इंसान की सबसे अच्छी और सबसे सच्ची दोस्त होती हैं जो मुश्किल समय में आपका हौसला बढ़ाती हैं, आपके चेहरे पर मुस्कुराहट भी लाती हैं, आपकी आंखों में आंसू भी लाती हैं और आपको दुनिया भर की जानकारियां भी देती हैं
वहीं पूर्व मुख्य पार्षद प्रमोद राज चौधरी कहते है कि आज के दौर में भी ज्ञान बढ़ाने के लिए पुस्तकें सशक्त माध्यम हैं. किताबें ज्ञान के साथ-साथ सुकून भी देती हैं और पुस्तके न केवल ज्ञान का माध्यम है, बल्कि सांस्कृतिक विरासत को बचाए रखने का एक अच्छा माध्यम भी , उन्होंने बताया कि कम साक्षरता दर के बावजूद भारत के लोग दुनिया के मुकाबले पुस्तकें पढ़ने में ज्यादा समय बिताते हैं. वर्ल्ड कल्चर स्कोर इंडेक्सके मुताबिक भारत में लोग एक हफ्ते में औसतन 10 घंटे और 42 मिनट किताबें पढ़ते हुए बिताते हैं इस दौरान विभिन्न संतो द्वारा लिखी गई पुस्तके काफी बिकी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है