पिपरवार.
सीसीएल की प्रस्तावित पिपरवार भूमिगत खान को पर्यावरण स्वीकृति मिलते ही मशीनों का पहुंचना शुरू हो गया है. पहली खेप में रोड हेडर मशीन पहुंच चुकी है. इसे नागपुर से मंगाया गया है. यह मशीन भूमिगत खान के लिए सुरंग का निर्माण करेगी. जानकारी के अनुसार पिपरवार भूमिगत खान का क्षमता आठ लाख टन होगी. इस खान का श्रीमुहान बंद हो चुकी पिपरवार परियोजना खदान में ही होगा. भूमिगत खान के माध्यम से गहराई में पड़े कोयले को निकाला जायेगा. जो एक निश्चित गहराई के बाद नहीं निकाली जा सकी थी. यह भूमिगत खान पूरी तरह आधुनिक होगी. जानकारी के अनुसार दो कंटिन्यूवस माइनर मशीन से खान से कोयला निकाला जायेगा. अधिकारियों के अनुसार एक-दो महीने में सुरंग निर्माण का कार्य शुरू हो जायेगा, लेकिन कोयला उत्पादन में एक से डेढ़ वर्ष तक का समय लग सकता है. कोयला आउटसोर्सिंग के माध्यम से निकाला जायेगा. इसके लिए सीसीएल ने जेएमएस कंपनी को पहले ही टेंडर दे चुकी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है