कांके.
क्षेत्र के बोड़ेया गांव में मंगलवार को हड़गड़ी मसना पूजा आयोजित की गयी. गांव के पहान विश्वकर्मा पहान की अगुवाई में ढोल नगाड़ा के साथ सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष मसना स्थल पहुंचे. जहां मसना स्थल की साफ-सफाई कर रूढ़िवादी परंपरा व संस्कृति के अनुसार अपने पूर्वजों को उड़द दाल, भात, अरवा चावल, तेल, सिंदूर, अगरबत्ती, खैनी, हड़िया अर्पित कर उन्हें याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की. सभी ने अपने पूर्वजों से आशीर्वाद लिया. केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि हड़गड़ी मसना पूजा आदिवासियों की रूढ़िवादी संस्कृति है. आदिवासी साल में एक बार पूस के महीने में अपने पूर्वजों को याद करते हैं. मौके परदालु पहान, कोटवार मनु नायक, डॉ विश्वनाथ उरांव, भगत उरांव, लक्ष्मी देवी, अश्विनी टोप्पो, ब्रजेश उरांव, अमित टोप्पो, नवेल टोप्पो आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है