बोलने से नहीं, पौधरोपण कर उसकी देखभाल से होगा पर्यावरण संरक्षण : डॉ जॉनी
पृथ्वी दिवस पर संत कोलंबा कॉलेज में संगोष्ठीप्रतिनिधि, हजारीबागसंत कोलंबा कॉलेज के मुख्य छात्रावास में पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन समस्या व समाधान विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी हुई. मुख्य अतिथि
पृथ्वी दिवस पर संत कोलंबा कॉलेज में संगोष्ठी
प्रतिनिधि, हजारीबाग
संत कोलंबा कॉलेज के मुख्य छात्रावास में पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन समस्या व समाधान विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी हुई. मुख्य अतिथि विनोबा भावे विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ जॉनी रुफीना तिर्की, विशिष्ट अतिथि एनएसएस के पूर्व जिला नोडल पदाधिकारी व अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के झारखंड प्रांत के मीडिया प्रभारी भोलानाथ सिंह व मुख्य वक्ता वसुधा कल्याण संस्था की संस्थापिका अंजलि नीरज थे. मुख्य अतिथि डॉ जॉनी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने पृथ्वी दिवस की शुरुआत की थी. आज पृथ्वी दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष का इस दिवस का ध्येय मंत्र ग्रह व प्लास्टिक है, जिसे सबसे पहले युवाओं को स्वयं जानना होगा, फिर अपने घर परिवार से होते हुए पूरे समाज के प्रति जागृत करने का संकल्पित प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि हमें पौधरोपण व उनकी देखभाल, अपने-अपने घरों को प्लास्टिक उपयोग से मुक्त करना व स्वच्छता को अपनी रुचि बनाना होगा. इसे अपने संस्कारों में उतारना होगा. विशिष्ट अतिथि भोला नाथ सिंह ने ब्रह्मांड के सृजन का जिक्र करते हुए छात्रों से कहा कि पृथ्वी के अस्तित्व को बचाने के लिए प्रकृति के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी होगी. दुष्परिणाम जो फिलवक्त हमलोग झेल रहे हैं जो आने वाले दिनों में अत्यंत ही भयावह व दुखदायी होगा. पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें जागरूक रहना व लोगों को जागरूक करना होगा.
मुख्य वक्ता के रूप में अंजलि नीरज ने कहा कि सबसे बड़ा प्रदूषण मनुष्य में मानसिक प्रदूषण है. जब तक यह दूर नहीं होता तब तक अन्य सभी प्रदूषण को दूर करना मुश्किल है. उन्होंने पृथ्वी संरक्षण के संदर्भ में विस्तार से विचार रखते हुए अपनी संस्था वसुधा कल्याण के चलाए जा रहे विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से अवगत कराया. कार्यक्रम की शुरुआत दीपक कुमार महतो ने स्वागत गीत से की. अतिथि परिचय अधीक्षक डॉ राजकुमार चौबे ने किया. छात्रावास अधीक्षक डाॅ चौबे ने अथर्ववेद के एक प्रसिद्ध श्लोक तासु नो धेह्यमि न पवस्व माता भूमिः पुत्रोह्म पृथिव्याः अर्थात पृथ्वी मेरी माता है, मैं पृथ्वी का पुत्र हूं का उल्लेख करते हुए पर्यावरण संरक्षण के महायज्ञ में जन-जन की सहभागिता को अति आवश्यक बताया. प्रकृति के संदर्भ में प्रेरक गीत विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किया. संचालन छात्रावास के विशाल कुमार मिश्रा व धन्यवाद ज्ञापन विद्यार्थी अविनाश तिवारी ने किया. कार्यक्रम के अंत में अतिथियों व उपस्थित शिक्षकों ने पौधरोपण भी किया. कार्यक्रम में बबलु हंसदा, सालखू हेंब्रम, कुंदन पटेल, अरविंद मुंडा, सूरज कुमार, रितेश यादव, अंशु कुमार, देवनाथ मरांडी, सनी कुमार समेत कई विद्यार्थी उपस्थित थे.