Buxar News : रजिस्ट्री ऑफिस से नकल निकालने में लोगों को छूट रहे हैं पसीने
बक्सर. विशेष सर्वेक्षण को लेकर आए दिन रजिस्ट्री ऑफिस में रैयतों की भीड़ लग रही है. लेकिन आए दिन लोग रजिस्ट्री ऑफिस में अपनी जमीन से जुड़े कागजात नहीं मिलने
बक्सर. विशेष सर्वेक्षण को लेकर आए दिन रजिस्ट्री ऑफिस में रैयतों की भीड़ लग रही है. लेकिन आए दिन लोग रजिस्ट्री ऑफिस में अपनी जमीन से जुड़े कागजात नहीं मिलने से निराश हो कर लौट जाते हैं. जिले में इन दिनों भूमि सर्वेक्षण का कार्य जोर पकड़ने लगा है. जमीन मालिक अपने नाम से खतियान बनाने के लिए विभिन्न सरकारी कार्यालयों में चक्कर लगा रहे हैं. भूमि सर्वे जब से शुरू हुआ है. तब से जिला निबंधन कार्यालय के अभिलेखागार से केवाला का नकल निकलवाने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी है.सुबह आठ बजे से ही लोगों की आवाजाही शुरू हो जाती है. विभाग के कर्मचारी अधिकारी 9 बजे ही ऑफिस खोल देते हैं. किसी के पास जमीन के कागजात नहीं है तो किसी को जमीन पहचानने के लिए नकल की जरूरत पड़ रही है.आवेदन करने के एक सप्ताह के बाद नकल मिल रहा है.सामान्य दिनों में केवाला का नकल अमूमन एक या दो दिन में ही मिल जाता था.गौरतलब है कि वर्ष 2000 के बाद का रजिस्ट्री है तो उन्हें केवाला का नकल आसानी से मिल रहा है, लेकिन जो अभिलेख डिजिटलाइज नहीं हुए हैं. उसका नकल निकालवाने में पसीने छूट रहे हैं.अभी हर दिन सौ से अधिक आवेदन आ रहे हैं. नकल के लिए आवेदन करने के औसतन सात दिन बाद अगला मिल रहा है.कुछ लोगों को तो 10 दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है.जिला अभिलेखागार में कर्मियों की भारी कमी है.एक मात्र दफ्तरी के जिम्मे रिकॉर्ड से पुराने डीड को ढूंढ़ने का काम चल रहा है और वही आधार भेरिफाई करने का काम भी करता है. जिसमें हजारों की संख्या में वाल्यूम रजिस्ट्र है.जिसमें 2000 से लेकर अभी तक के दस्तावेजों का ही डिजिटलाइजेशन हुआ है. रैयत को परेशानी न हो इसके साल वार दिन निर्धारित किया गया है निबंधित दस्तावेजों का सर्च के लिए निम्न वर्ष के लिए निम्नवत दिन को किया जाएगा तथा ससमय उपस्थित होकर अपना सर्च के आवेदन दे सकते है. इसके पहले के दस्तावेजों को ढूंढ़ना पड़ता रैयतों के लिए है आवश्यक भू- अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा दिये गये निर्देश के मुताबिक विशेष सर्वेक्षण को लेकर रैयतों को निर्देश दिया गया है.जिसके तहत स्वघोषणा का प्रपत्र-2 रैयत या उसके वंशज द्वारा धारित भूमि को भरकर अपने अंचल के शिविर जमा करें.खतियानी रैयत व जमाबंदी रैयत के वंशज स्वयं प्रपत्र-3 में वंशावली तैयार कर अपने अंचल के शिविर में जमा राजस्व रसीद की छायाप्रति स्वघोषणा के साथ संलग करें.यदि क्रय, बदलैन व दान की भूमि हो तो दस्तावेज की छायाप्रति के अलावा यदि सक्षम न्यायालय का आदेश हो तो आदेश की छायाप्रति तथा बन्दोबस्त भूमि व भूदान प्रमाण पत्र व वासगीत पर्चा की छायाप्रति के अलावा जमाबन्दी रैयत जीवित हो तो केवल स्वघोषणापत्र देंगे. इन दस्तावेज की जरूरत नहीं जारी निर्देश के तहत प्रपत्र-3 में वंशावली पर कार्यपालक दंडाधिकारी व नोटरी पब्लिक के समक्ष शपथ करने की आवश्यकता नहीं.प्रपत्र 3 में वंशावली पर सम्बन्धित ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि से हस्ताक्षर कराना आवश्यक नहीं है.खतियान की सच्ची प्रतिलिपि की आवश्यकता नहीं के साथ-साथ राजस्व रसीद की अद्यतन व ऑनलाइन प्रति आवश्यक नहीं है. नकल लेने के लिए दो हजार से तीन हजार रुपये देना पड़ता है . रजिस्ट्री ऑफिस में अगर दस्तावेज का नकल लेना है तो आपको केवल स्टांप पेपर देना है. लेकिन ऐसा नहीं बाहर बैठे बिचौलियों ने सुबह नौ बजे आफिस खुलते ही फॉर्म जमा कर देते हैं और जब लोग ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं विभाग के कर्मचारियों के द्वारा कह दिया जाता है कि आज बहुत अधिक फार्म जमा हो गया है. फिर पुनः अगले दिन आने का कहा जाता है.
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