छेद से ग्रसित तीन बच्चों का हुआ सफल इलाज

पूर्णिया. बाल हृदय योजना द्वारा पूर्णिया जिले के हृदय में छेद से ग्रसित तीन बच्चों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क इलाज कराया गया. इसमें बनमनखी के दो निवासी मनीष कुमार

By Prabhat Khabar News Desk | April 21, 2024 6:26 PM

पूर्णिया. बाल हृदय योजना द्वारा पूर्णिया जिले के हृदय में छेद से ग्रसित तीन बच्चों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क इलाज कराया गया. इसमें बनमनखी के दो निवासी मनीष कुमार के ढाई वर्ष के पुत्र कार्तिक वर्मा, संतोष कुमार के तीन वर्षीय पुत्र आनंद कुमार तथा के.नगर प्रखंड के गोपाल शर्मा की पांच वर्षीया पुत्री राज नंदनी शामिल हैं. इनसभी बच्चों के हृदय में जन्मजात छिद्र था. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनकी पहचान करते हुए इन्हें विगत 06 मार्च को ऑपरेशन के लिए सत्य श्री साईं हृदय संस्थान, अहमदाबाद भेजा गया जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ऑपरेशन के बाद कुछ दिन तक बच्चों को निगरानी में रखा गया. सबकुछ ठीक रहने पर सभी बच्चों को पूर्णिया में उनके घर तक पहुंचाया गया. इस दौरान बच्चों के साथ उनके परिजन भी उपस्थित रहे और उन्हें इलाज और आने जाने में कोई अतिरिक्त खर्च नहीं हुआ. घर पहुंचने के बाद भी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अधिकारियों द्वारा नियमित तौर पर बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली जा रही है और अभी सभी बच्चे स्वस्थ हैं. गौरतलब है कि बच्चों को कई तरह की गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. इन्हीं में से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न रोग से ग्रसित 0 से 18 साल तक के बच्चों की नि:शुल्क जांच व इलाज का प्रावधान है. इसमें कुल 38 तरह के रोगों का नि:शुल्क इलाज किया जाता है. इसमें चर्मरोग, दांत व आंख संबंधी रोग, टीबी, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, श्वसन संबंधी रोग, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू संबंधी रोग शामिल हैं. योजना के अंतर्गत बच्चों के नि:शुल्क जांच व इलाज का प्रावधान जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत हृदय रोग से ग्रसित ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है. इसे लेकर आरबीएसके की टीम द्वारा बीमार बच्चों को पहले चिह्नित किया जाता है. चिह्नित बच्चों की सूची वरीय संस्थान को भेजी जाती है वहां काउंसिलिंग के बाद बेहतर चिकित्सा संस्थान भेजा जाता है. इलाज पर आने वाले सारे खर्च के साथ आने-जाने में होने वाला परिवहन खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जाता है. यहां तक की जरूरी जांच व अन्य किसी कारणों से दोबारा बुलाये जाने पर आने वाला खर्च भी सरकार देती है. बाल हृदय योजना से मिल रहा लोगों को लाभ प्रभारी सिविल सर्जन डॉ ओ पी साहा ने बताया कि बाल हृदय योजना से गरीब परिवारो के साथ-साथ जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को नई जिंदगी मिल रही है. क्योंकि बच्चों के हृदय का ऑपरेशन करने के लिए 5 से 6 लाख की आवश्यकता होती है. ऑपरेशन के लिए यह पैसा सरकार द्वारा दिए जाने के बाद गरीबों के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है. फोटो. 21 पूर्णिया 32- हृदय में छेद से ग्रसित बच्चे

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