छपरा रेलवे जंक्शन पर सेल टैक्स की विजिलेंस टीम ने छापेमारी कर 20 लाख से अधिक का सामान जब्त किया. लगभग आधा दर्जन अधिकारियों की टीम जंक्शन के माल गोदाम साइड स्थित प्लेटफाॅर्म नंबर दो पर पांच दिन पहले ही पहुंची थी और कोलकाता से आयी एक ट्रेन के पार्सल वैन की जांच की गयी थी. चूंकी टीम को सूचना मिली थी कि टैक्स की चोरी कर सामना लाया गया है. इसलिए जांच के क्रम में ही माल लदे पार्सल वैन को ट्रेन से अलग करते हुए डिटेन कर दिया और सामान वाले व्यवसायी की तलाश में टीम लगी हुई है. पांच दिनों से जब्त सामान का कोई दावेदार नहीं आया है. पूरे कोच में 20 लाख से अधिक के सामान होने की बात कही जा रही है. टीम ने बताया कि दावेदार की खोज की जा रही है. बताया जा रहा है कि पार्सल वैन में रेडीमेड कपड़े हैं. हालांकि विभागीय अधिकारियों के अनुसार जब तक पार्सल कोच नहीं खुलता है तब तक कितने का माल है इसका सही आकलन नहीं हो सकता. यह माल कोलकाता से छपरा आया है. जब्त किये गये सभी सामान का ठीक-ठाक आंकड़ा लिया जा रहा है और जल्द ही इसे लेकर कार्रवाई की जायेगी. कार्रवाई के तहत सबसे पहले यदि कागजात दुरुस्त नहीं होंगे तो जुर्माना तय किया जायेगा. अगर सभी कागजात वैध नहीं पाये जाते हैं तो सभी सामान को जब्त भी किया जा सकता है. टैक्स चोरी करने वाले व्यवसायियों के लिए सेफ जोन है छपरा जंक्शन आये दिन छपरा जंक्शन के माल गोदाम के पास सेल्स टैक्स विभाग की छापेमारी होती है और लाखों रुपये के गुड्स बरामद किये जाते हैं. अब सवाल यह उठता है कि क्या छपरा जंक्शन टैक्स चोरी करने वाले व्यवसायियों के लिए सेफ स्टेशन है. इसे लेकर जब विभाग के ही गोपनीय सूत्रों से जानकारी ली गयी तो उनके द्वारा बताया गया कि छपरा जंक्शन के माल गोदाम साइड में कोई बाउंड्री नहीं होने और प्लेटफाॅर्म एक के दोनों छोर पर आसानी से अवैध पहुंच होने के कारण बिना टैक्स का माल मंगाया जाता है. व्यवसायी आसानी से यहां सामान उतार कर दुकान या गोदाम में लेकर चले जाते हैं. ऐसे में सरकार को लाखों-करोड़ों रुपये का चुना लगता है. सेल्स विभाग को सबसे पहले यहां नियमित जांच करनी होगी और रेलवे को बिना टैक्स का माल मांगने वाले व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग देना होगा. क्या कहते हैं अधिकारी अभी जो भी माल जब्त हुआ है उसकी कीमत पार्सल कोच खुलने के बाद ही बतायी जा सकती है. दावेदार का इंतजार किया जा रहा है. दावेदार के आ जाने के बाद कागजातों की जांच की जायेगी. कागज सही नहीं पाये जाते हैं, तो जुर्माना और अन्य कार्रवाई होगी. प्रमोद कुमार, अतिरिक्त राज्य कर उपायुक्त ( प्रशासन) सारण
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