चुनाव पेज के लिए, लोकसभा में जब एक साथ चुने गये दो और दो से अधिक रिश्तेदार
फ्लेग: लोकतंत्र में ऐसा भी रहा है जनादेश लोकसभा सांसद बन कर एक साथ बैठे हैं देवर-भाभाी, जीजा-साले, पति-पत्नी, जीजा-साले और दूसरे निकटस्थ परिजनलोकसभा चुनाव विशेषराजदेव पांडेय ,पटनालोकतंत्र का
फ्लेग: लोकतंत्र में ऐसा भी रहा है जनादेश
लोकसभा सांसद बन कर एक साथ बैठे हैं देवर-भाभाी, जीजा-साले, पति-पत्नी, जीजा-साले और दूसरे निकटस्थ परिजन
लोकसभा चुनाव विशेष
राजदेव पांडेय ,पटनालोकतंत्र का इसे अजब रंग ही कहा जायेगा कि एक ही खानदान और रिश्तेदारी से जुड़े दो या दो से अधिक लोग एक ही लोकसभा चुनाव में एक बार में एक साथ चुन लिये जाते हैं. दरअसल ऐसे सियासी परिवारों के साथ सटीक चुनावी समीकरण बैठ जाते जाते हैं. जिसके चलते चुनावी जीत आसान हो जाती है. हालांकि ऐसा हमेशा नहीं होता है.बेशक, राजनीति के लिहाज से यह बड़ा दिलचस्प होता है, क्योंकि कई बार बिहार के लोकसभा क्षेत्रों में ऐसे कई बार मौके आये हैं, जब विभिन्न लोकसभा चुनाव चुनकर बेहद निकट के कई परिजन मसलन बाप-बेटे, भाई-बहन ,देवर-भाभी, जिठानी-देवरानी , बहनोई -साले और दूसरे परिजन एक साथ बैठे दिखाई दिये हैं.
पिछले चुनावी आंकड़ों के अनुसार कई बार तो चुने गये निकटस्थ परिजन अलग-अलग दलों से चुन कर लोकसभा पहुंचे हैं. इस बार भी कुछ रिश्ते चुनाव में एक साथ चुनावी संग्राम में हैं. इनमें सबसे चर्चित राजद सुप्रीमो की दो बेटियां मीसा भारती और रोहिणी आचार्य चुनाव मैदान में हैं. इसी तरह चिराग पासवान और उनके बहनोई अरुण भारती भी चुनाव मैदान मैं हैं.खैर अविभाजित बिहार की बात करें तो 1962 के लोकसभा चुनाव में रामगढ़ राज परिवार के पांच सदस्य चुन कर लोकसभा पहुंचे. इनमें औरंगाबाद लोकसभा सीट से स्वतंत्र पार्टी की उम्मीदवार के रूप में ललिता राज्य लक्ष्मी, चतरा से विजय राजे , हजारी बाग से बसंत नारायण सिंह और पलामू से शशांक मंजूरी चुनाव जीते थे. इनमें बसंत नारायण सिंह और शशांक मंजरी मां-बेटा थे. विजया राजे उनकी पत्नी थीं. ललिता राज्य लक्ष्मी और बसंत नारायण सिंह रिश्ते में देवर-भाभी लगते थे. ललिता राज्य लक्ष्मी राजा कामाख्या नारायण सिंह की पत्नी थीं, जो बसंत नारायण सिंह के भाई थे. इस तरह एक ही परिवार के चार निकटस्थ रिश्तेदार एक साथ चुनाव जीत कर सदन पहुंचे थे. इससे पहले 1957 के लोकसभा चुनाव में रामगढ़ राजपरिवार के दो सदस्य चतरा लोकसभा सीट से विजया राजे और हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से ललिता राज्य लक्ष्मी चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंची थीं. रश्ते में यह दोनों ही देवरानी-जिठानी थीं.
——————वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में पूर्णिया लोकसभा सीट से उदय सिंह और औरंगाबाद से निखिल कुमार भी चुनाव जीते. यह लोग रिश्ते में साले-बहनोई थी. हालांकि उदय सिंह की बहन श्यामा सिंह भी सांसद रहीं. उनकी मां माधुरी सिंह पूर्णिया से दो बार सांसद चुनी गयीं.उनके श्वसुर सतेंद्र नारायण सिन्हा कई बार लोकसभा से चुने गये. बिहार की दिग्गज नेता रहीं कृष्णा शाही और ऊषा सिंह भी चुनाव जीतीं. लेकिन यह लोग एक साथ चुनाव नहीं जीत सकीं.
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