सासामुसा. यूपी के अहिरौली दान में गंडक नदी में 40 फुट बोल्डर से स्पर बनाये जाने से नदी की धारा बदल गयी है. गंडक नदी पल-पल रुख बदल रही है. रुख बदलने के साथ ही विशंभरपुर में झील को काटने के बाद बांध पर टकराने की खबर पर जलसंसाधन विभाग की टीम ने अहिरौलीदान से लेकर विशुनपुर बांध का मुआयना किया. मुख्य अभियंता संजय कुमार बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह, कार्यपालक अभियंता पवन कुमार ने घंटों स्थिति का आकलन करने के बाद कहा कि नदी ने सोल का कटाव किया है. बांध को थ्री लेसर प्रोटेक्शन किया गया है. बांध पूरी तरह से सुरक्षित है. बांध पर नदी का कोई असर नहीं होगा. लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है. यहां सहायक अभियंता एकता कुमारी, कनीय अभियंता दिनेश कुमार, राकेश कुमार झा,शिवकुमार सिंह के अलावा मानव बल को तैनात किया गया है. जो 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं. बांध पर किसी तरह का खतरा नहीं है. यहां की स्थिति से वरीय अधिकारी भी अपडेट हो रहे हैं. लोगों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है. नेपाल में बुधवार को बारिश हुई. गंडक नदी के कैचमेट एरिया में बारिश होने के कारण गंडक नदी का जल स्तर बढ़ रहा है. वाल्मीकिनगर बराज से सुबह में डिस्चार्ज 1.19 लाख क्यूसेक था, जो शाम को बढ़कर 1.61 लाख पर पहुंच गया. वहीं 1. 85 लाख तक जाने की संभावना है. उधर, पतहरा में खतरे के निशान से नदी 60 सेमी, तो टंडसपुर में 15 सेमी नीचे बह रही थी. गुरुवार की दोपहर से खतरे के निशान को पार कर जाने की उम्मीद है. गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज 1.85 लाख पर अगर स्थिर हो गया, तो गंडक नदी के निचले इलाके में पानी फिर भर सकता है. हालांकि नेपाल में बारिश के थम जाने की बात कही जा रही. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. गांवों में पानी नहीं जा सकता है.
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