डिजीटल प्रक्रिया अपनाने से पेपर वर्क का लोड होगा कम : सीएस
सदर अस्पताल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजनखूंटी. सदर अस्पताल सभागार में सोमवार को इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ न्यूयोनेटल चाइल्ड इलनेस (सीआइएमएनसीआई) को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला हुई. उदघाटन सिविल सर्जन
सदर अस्पताल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
खूंटी.
सदर अस्पताल सभागार में सोमवार को इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ न्यूयोनेटल चाइल्ड इलनेस (सीआइएमएनसीआई) को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला हुई. उदघाटन सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी और डीआरसीएचओ डॉ विजय किशोर ने किया. सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी ने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य शून्य से पांच वर्ष के बच्चों को गंभीर बीमार से बचाना और उसका निदान करना है. वहीं गंभीर रूप से बीमार बच्चों को समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराना है. डिजिटलाइजेशन के माध्यम से डाटा को रखने और उसका बाद में समुचित उपयोग करना है. सिविल सर्जन ने शिशु मृत्यु दर को कम करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि डिजीटल प्रक्रिया अपनाने से पेपर वर्क का लोड कम होगा. इससे कई और भी फायदा होगा. जैसे टीकाकरण में सुविधा होगी. गंभीर रूप से बीमार बच्चों को रेफरल की सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी. कार्यशाला में आकांक्षा प्रिया और उनकी टीम ने जिले के सभी एमओआइसी, बीपीएम और बीडीएम को प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वे अपने-अपने प्रखंडों में जाकर सीएचओ और एएनएम को प्रशिक्षण देंगे. इस दौरान खूंटी प्रखंड के प्रभारी एमओआईसी डॉ आलोक बिहारी, डॉ निदेन मुंडू, डॉ शकील अहमद, डॉ आलोक बाड़ा, डॉ आशुतोष तिग्गा सहित कई उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है