प्रतिनिधि, पिपरवार : आलोक गिरोह द्वारा एनटीपीसी चट्टी बरियातू कोल माइंस के डंपर में बुधवार तड़के की गयी आगजनी व फायरिंग से कोयला व्यवसायियों में दहशत है. गिरोह ने घटना की जिम्मेवारी लेते हुए जिस प्रकार जेल में बंद नीरज भोक्ता के साथ फोन पर हुई बातचीत का जिक्र किया है, पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़े करता है. जारी विज्ञप्ति से यह भ्रम पैदा होता है कि आलोक गिरोह का निशाना सीएचपी-बचरा साइडिंग में चलनेवाले डंपर थे या एनटीपीसी चट्टी बरियातू कोल माइंस के डंपर. बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद पिपरवार में एक बार फिर से वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गयी है. आने वाले दिनों में गैंगवार से पिपरवार के आम लोगों को खामियाजा उठाना पड़ सकता है. पहले से ही कम भाड़ा मिलने व बकाया भुगतान नहीं होने से टूट चुके डंपर मालिक अब इस हादसे के बाद अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. इधर, पिपरवार पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद अपराधियों की धर-पकड़ के लिए लगातार छापामारी कर रही है. जानकारी के अनुसार सूचना के आधार पर पुलिस गुरुवार को डमारू व छापर के जंगलों की खाक छानती रही. लेकिन पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लगी. .
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