धार्मिक व सामाजिक सरोकार से जुड़ा कुआं विलुप्ति के कगार पर

गांव का कचरा डंपिंग यार्ड बनकर रह गया पौराणिक कुआं पतरघट . बिहार सरकार की महत्वपूर्ण योजना में शामिल जल जीवन हरियाली मिशन के तहत क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में

By Prabhat Khabar News Desk | June 19, 2024 7:45 PM

गांव का कचरा डंपिंग यार्ड बनकर रह गया पौराणिक कुआं पतरघट . बिहार सरकार की महत्वपूर्ण योजना में शामिल जल जीवन हरियाली मिशन के तहत क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में 15 वीं वित्त आयोग द्वारा संचालित कुआं की उडाहीं व जीर्णोद्धार का प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता एवं लापरवाही के कारण महज खानापूर्ति बनकर रह गया है. अधिकांश जगहों पर सिर्फ रंग रोगन कर दिया गया है. धार्मिक व सामाजिक सरोकार से जुड़ा कुआं धीरे-धीरे विलुप्ति के कगार पर पहुंच गया है. महत्वाकांक्षी योजना के तहत जल संरक्षण के लिए कुआं के जीर्णोद्धार की जोर शोर से घोषणा की गयी थी. बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है. पौराणिक कुआं गांव का कचरा डंपिंग यार्ड बनकर रह गया है यहीं आलम क्षेत्र के कपसिया बस्ती स्थित वार्ड 13 में सड़क किनारे स्थित पौराणिक कुआं अपने बदहाली पर आंसू बहानें को मजबूर है. स्थानीय बड़े बुजुर्गों ने बताया कि देवी देवताओं की पूजा अर्चना से लेकर शादी विवाह सहित सभी तरह के धार्मिक आयोजनों में इस कुंए के पानी का सभी स्थानीय ग्रामीण काफी श्रद्धाभाव के साथ उपयोग किया करते थे. इसके अलावे सभी घरों में पानी पीने से लेकर खाना बनाने, स्नान करने, कपड़ा साफ करने, मवेशियों के स्नान के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन बदलते परिवेश में आज इस कुंए का उपयोग कचरा डंपिंग यार्ड के तौर पर किया जा रहा है. स्थानीय ग्रामीण अजीत सिंह, सागर सिंह, दिलीप सिंह, ललित सिंह, राजा सिंह, सोनू सिंह, अमितेश सिंह सहित अन्य ने बताया कि लगभग 70 वर्ष इस पुराने कुंए का उचित देखभाल नहीं होने के कारण अस्तित्व समाप्ति की ओर है. ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों का अगर दृढ़ इच्छाशक्ति होती तो जल जीवन हरियाली के तहत इस कुंए का 15वीं वित्त आयोग से जीर्णोद्धार संभव हो सकता था. लेकिन अब तक ऐसा संभव नहीं सका है. उन्होंने बताया कि समय समय पर स्थानीय अजीत सिंह निजी खर्च पर इस कुंए का जीर्णोद्धार कर जीवंत बनाए रखने का हरसंभव प्रयास करते हैं. ग्रामीणों ने इस कुंए के जीर्णोद्धार के लिए स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि सहित विभागीय अधिकारियों से मांग की है. फोटो – सहरसा 21 – कपसिया बस्ती में स्थित बदहाल कुआं

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