रांची/धनबाद.
धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या मामले में सीआईडी की जांच में अहम खुलासे हुए हैं. तीन दिसंबर 2023 को जेल में अमन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. अमन सिंह को गोली सुंदर महतो ने मारी थी. उसे मुनीडीह पुलिस ने बाइक चोरी के आरोप में 25 नवंबर 2023 को जेल भेजा था. सीआइडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि जिस सुंदर महतो को पुलिस ने जेल भेजा था, उसका असली नाम रितेश यादव है. वह यूपी के प्रतापगढ़ का रहनेवाला है. जबकि बाइक चोरी में आरोपी सुंदर महतो ने अपना जो नाम बताया था, उसका सत्यापन किये बिना पुलिस ने उसे जेल भेज दिया. वहीं बाइक चोरी के संबंध में उसका स्वीकारोक्ति बयान भी नहीं लिया. अमन सिंह हत्याकांड में सीआइडी ने अभी तक आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट किया था. इनमें रितेश यादव (यूपी के प्रतापगढ़ का), विकास बजरंगी (मूल रूप से बिहार के नवादा का, वर्तमान में धनबाद के कतरास का), सतीश गांधी (यूपी के बलिया का), पिंटू सिंह उर्फ जैनेंद्र कुमार ( सरायढेला का), शहजाद कुरैशी ( झरिया का), चंदन यादव ( कतरास का), अभिमन्यु सिंह ( जोड़ापोखर का) और बंटी उर्फ धन्नू शर्मा ( कुमारधुबी) शामिल हैं. मामले में बिहार के सीवान जिला के महराजगंज का आशीष रंजन और यूपी के इलाहाबाद का रिंकू सिंह उर्फ धर्मेंद्र प्रताप सिंह ( हीरापुर ) अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.क्यों हुई अमन सिंह की हत्या :
अमन सिंह जेल में रहने के बाद भी कारोबारियों से वसूली का रैकेट चलाता था. लेकिन इसमें से बराबर हिस्सा आशीष रंजन, विकास बजरंगी व सतीश गांधी को नहीं देता था. एक चौहान टाइटल वाले व्यवसायी को अमन ने धमकी दी थी कि उसके अलावा इन तीनों को कोई पैसा नहीं देगा. वहीं अमन सिंह के नाम पर कारोबारियों से वसूली करने वाली उसकी गर्लफ्रेंड सलोनी व अन्य तीन-चार लोगों को बोकारो से धनबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इसकी गिरफ्तारी का शक विकास बजरंगी पर लगा था. इसको लेकर धनबाद जेल में अक्टूबर 2023 में अमन ने विकास की पिटाई कर दी थी. यही वजह थी कि आरोपियों ने अलग गैंग बना अमन सिंह को रास्ते से हटाने की साजिश रची थी.बंटू उर्फ धन्नू शर्मा ने जेल में रितेश को किया था रिसीव :
सीआईडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि रितेश यादव उर्फ सुंदर महतो को धनबाद जेल में पहले से बंद बंटू उर्फ धन्नू शर्मा ने रिसीव किया था. इसके बाद उसे जेल के बैरक में अपने साथ रखा था. इसके बाद दोनों ने आठ दिनों तक गैंगस्टर अमन सिंह की रेकी कर हर गतिविधि की जानकारी ली. फिर तीन दिसंबर 2023 को मौका पाते ही रितेश ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी.जेल के अंदर कैसे पहुंचा पिस्टल :
जांच में यह बात सामने आयी है कि धनबाद जेल में बंद सतीश गांधी ने दूसरे धर्म की महिला से शादी की है. इस महिला का भाई जेल से करीब 200 मीटर की दूरी पर चाउमिन का दुकान लगाता था. यहीं से सतीश सहित अन्य आरोपियों के लिए जेल में खाना पैक कर भेजा जाता था. उसी दौरान पिस्टल भी जेल के अंदर पहुंचाया गया. पिस्टल जेल में बंद सजायाफ्ता पिंटू सिंह ने रिसीव किया और आसानी से अंदर ले गया. घटना के बाद रितेश से पिस्टल लेकर पिंटू ने ही छिपाया था, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद किया था. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि बाहर से जेल के अंदर आने वाले सामानों की जांच के लिए लगायी गयी फ्रिस्किंग मशीन खराब थी.हत्या के लिए जेल के बाहर मोस्ट वांटेड आशीष व रिंकू और जेल के अंदर आठ लोग थे शामिल :
अमन सिंह की हत्या की जांच कर रही सीआइडी ने यह पाया है कि वारदात को अंजाम देने में अभी तक 10 लोगों की संलिप्तता सामने आयी है. इनमें जेल के बाहर से तीन राज्यों यूपी, बिहार और झारखंड का मोस्ट वांटेड आशीष रंजन के अलावा इलाहाबाद का रिंकू सिंह शामिल था. जबकि जेल के अंदर रितेश यादव (सुरेंद्र महतो), विकास बजरंगी, सतीश गांधी, पिंटू सिंह उर्फ जैनेंद्र कुमार, शहजाद कुरैशी, चंदन यादव, अभिमन्यु सिंह व बंटी उर्फ धन्नू शर्मा शामिल था.जेल में हत्या के दिन अमन सिंह के यूपी वाले घर में मौजूद था रिंकू सिंह :
सीआइडी जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि जिस दिन अमन सिंह की धनबाद जेल में हत्या की गयी थी, उस दिन आरोपी रिंकू सिंह यूपी स्थित अमन सिंह के घर पर मौजूद था. अमन की हत्या की सूचना के बाद वह वहां से निकल गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है