दमघोंटू हवा : एक्यूआइ फिर 300 पार पहुंचा, बढ़ रहा प्रदूषण

पिपरवार. मौसम में बदलाव लगातार जारी है. तापमान में गिरावट हो रही है. गुरुवार को पिपरवार में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गयी. अधिकतम तापमान 24.7 और न्यूनतम 10.2

By Prabhat Khabar News Desk | November 28, 2024 7:43 PM

पिपरवार. मौसम में बदलाव लगातार जारी है. तापमान में गिरावट हो रही है. गुरुवार को पिपरवार में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गयी. अधिकतम तापमान 24.7 और न्यूनतम 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. हवा का प्रवाह कम हुआ तो वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) बढ़ गया. यह 300 दर्ज किया गया. एक सप्ताह पहले एक्यूआइ 289 था. कोयले और फ्लाइ ऐश की धूल की वजह से लोगों को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा नसीब नहीं है. वर्तमान में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से पार पहुंच चुका है. कोयलांचल में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में चलने वाले वाहनों से कार्बन का उत्सर्जन पहले ही लोगों को बीमार करने के लिए काफी था. अब कोयले और फ्लाइ ऐश की धूल ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. जानकारी के अनुसार मानसून खत्म होते ही ट्रांसपोर्टिंग सड़कों पर धूल-गर्द उड़ने लगे हैं. बचरा साइडिंग से चिरैयाटांड़ स्थित दामोदर नदी तक सड़क के दोनों किनारे धूल-गर्द के अंबार लगे हुए हैं. वहीं, जगह-जगह फ्लाइ ऐश गिरे पड़े हैं. इसे न तो सीसीएल प्रबंधन और न ही पीडब्ल्यूडी ने सड़क की सफाई करायी है. 64 कॉलोनी से सपही नदी तक सड़क की यही स्थिति है. इस सड़क से बचरा साइडिंग में सीसीएल व एनटीपीसी का कोयला आता है.

खानापूर्ति के लिए पानी का छिड़काव :

सड़क की सफाई नहीं करायी जाती है. बहुत हुआ तो दिन में दो, तीन बार सड़क पर पानी का छिड़काव कर दिया जाता है. लेकिन इससे सड़क पर धूल-गर्द की मोटी परत बैठ जाती है और सड़क भी खराब हो जाती है. दुर्भाग्य से इसे देखने वाला कोई नहीं है. राज्य का पर्यावरण विभाग के अधिकारी कान में तेल डाल कर सोये हैं. उन्हें सिर्फ राजस्व से मतलब है. नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं था, जब हवा जहरीली न हो. कहीं न कहीं यह आंकड़े इस बात का सबूत हैं की खलारी कोयलांचल के लोग लाख जतन करने के बाद भी जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं, जो उन्हें हर दिन बीमार बना रहा है. यदि यही स्थिति रही तो पिपरवार कोयलांचल के लोग आंदोलन के लिए विवश होंगे.

बुजुर्गों को घर में रहने की दी जा रही सलाह :

बढ़ता प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है. इसमें बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. हवा के साथ अनेक प्रकार के प्रदूषित तत्व मिले होते हैं. यह शरीर में जाकर सांस से संबंधित रोग के कारण बनते हैं. चिकित्सक स्मॉग में बाहर न निकलने की हिदायत देने लगे हैं. वह सुबह-शाम घूमने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. साथ ही लोगों को बेहतर क्वालिटी का मास्क लगाने के लिए हिदायत दे रहे हैं.

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