दो सगे भाइयों सहित चार दोषियों को आजीवन कारावास
अररिया. न्याय मंडल अररिया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह की अदालत ने शुक्रवार को दो सगे भाइयों सहित कुल चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. चारों
अररिया. न्याय मंडल अररिया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह की अदालत ने शुक्रवार को दो सगे भाइयों सहित कुल चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. चारों अभियुक्तों को कारावास की सजा के अलावा 15-15 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. यह सजा एसटी 331/21 में सुनायी गयी है. सजा पाने वालों में दो आरोपित नगर थाना के रहने वाले सगे भाई हैं, जबकि अन्य दो आरोपित ताराबाड़ी थाना के रहने वाले हैं. सजा पाने वालों में स्थानीय खरैया बस्ती निवासी 23 वर्षीय आशिक व 30 वर्षीय स्याक दोनों पिता इमरान व ताराबाड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत बटुरबाड़ी गांव का निवासी 24 वर्षीय महमूद उर्फ पिंकू पिता हबीब व 60 वर्षीय अखलाक पिता फकरुद्दीन शामिल है. घटना के संबंध में जानकारी देते हुए लोक अभियोजक (पीपी) लक्ष्मी नारायण यादव ने बताया कि 02 अगस्त 2021 को जिले के ताराबाड़ी थाना क्षेत्र के बटुरबाड़ी गांव के अलीबाग वार्ड 07 में सभी लोगों ने मिलकर अब्दुल रज्जाक की हत्या कर दी थी. इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए लोक अभियोजक ने बताया कि सभी अभियुक्त मृतक अब्दुल रज्जाक की भूमि पर दीवार दे रहे थे. जिसका अब्दुल रज्जाक ने विरोध किया था. इसके सभी अभियुक्तों ने मिलकर अब्दुल रज्जाक से मारपीट करने लगे इसी क्रम मे एखलाक ने अब्दुल रज्जाक को छुरा मार दिया. जिससे इलाज के क्रम में अब्दुल रज्जाक की मौत हो गयी. घटना को लेकर मृतक अब्दुल रज्जाक के पुत्र सद्दाम हुसैन बटुरबाड़ी ने आरोपियों के विरुद्ध ताराबाड़ी थाना कांड दर्ज कराया था. इस मामले में केस के अनुसंधान कर्ता पुलिस पदाधिकारी (आइओ) ने 30 अक्तूबर 2021 को चार्जशीट दाखिल किया था. न्यायालय के न्यायाधीश ने 27 नवंबर 2021 को संज्ञान लिया. वहीं अभियुक्तों के विरुद्ध 15 जनवरी 2021 को चार्जफ्रेम किया गया. चार्जफ्रेम के दौरान सभी आरोपियों ने अपने आप को निर्दोष बताया था. न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत सभी गवाहों ने घटना का पूर्ण समर्थन किया. गवाहों के बयान से संतुष्ट होकर न्यायालय के न्यायाधीश श्री सिंह ने चारों आरोपियों को दोषी करार दिया. सजा के बिंदु पर लोक अभियोजक ने अंतिम सांस तक फांसी पर लटकाये जाने की अपील की. जबकि वचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता कृष्ण मोहन सिंह व मंजूर आलम ने कम से कम सजा देने की गुहार लगायी. न्यायालय के न्यायाधीश श्री सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोषियों की सजा मुकर्रर की.
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