पटमदा .दलमा आंचलिक सुरक्षा समिति बोड़ाम, पटमदा, नीमडीह व चांडिल प्रखंड की ओर से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी माओवादी के खिलाफ जन आंदोलन का 16वां वार्षिक स्थापना दिवस 25 दिसंबर को बोड़ाम के चामटा स्कूल मैदान में मनायेगा. इसका नेतृत्व जलन मांडी करेंगे. वहीं दूसरा दल आसित सिंह पातर के नेतृत्व बोड़ाम थाना के ही डांगरडीह स्कूल मैदान में आयोजन करेगा. दोनों ही टीमों के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिले के एसएसपी किशोर कौशल अतिथि के रूप में आमंत्रित हैं. इस दौरान नक्सलियों की गोली का शिकार बने वीर शहीद मलिंद्र सिंह व सागर महतो को श्रद्धांजलि देने के बाद खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा.
25 दिसंबर 2009 को नक्सलियों के खिलाफ ग्रामीणों ने नारा बुलंद किया था
करीब डेढ़ दशक पूर्व चांडिल, नीमडीह, पटमदा व बोड़ाम क्षेत्र के लोग नक्सलियों के खौफ के साये में जी रहे थे. नक्सलियों के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई के बीच फंसे ग्रामीणों की इस क्षेत्र में लगातार हत्याएं हो रही थीं. अंतत: क्षेत्र के लोगों ने एकजुट होने का फैसला लिया. बोड़ाम के चामटा फुटबॉल मैदान में 25 दिसंबर 2009 को चांडिल, नीमडीह, पटमदा व बोड़ाम क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण एकजुटता का परिचय देते हुए पहली बार पारंपरिक हथियार के साथ नक्सलियों के खिलाफ बैठक में शामिल हुए थे. बैठक के बाद डेढ़ किलोमीटर दूर आमझोर शिव मंदिर पहुंचे थे, जहां नक्सलियों द्वारा मंदिर में लगाये गये काला झंडा का विरोध किया. इस दौरान बोड़ाम थाना की पुलिस व सीआरपीएफ के जवान भी थे. शिव मंदिर में काला झंडा देख ग्रामीणों ने नक्सलियों के साथ दो- दो हाथ करने एवं नक्सली भगाओ का नारा बुलंद करते हुए अभियान की शुरुआत की थी. संकल्प लिया था कि मर जायेंगे, मिट जायेंगे, पर नक्सलियों को गांव में घुसने नहीं देंगे. 15 साल पहले दिखायी गयी एकजुटता और संकल्प का असर यह रहा कि क्षेत्र में अमन-चैन लौटा और क्षेत्र से नक्सलियों का खौफ एक तरह से खत्म हुआ.
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