रांची. प्लांटों में प्रवेश देने की मांग को लेकर एचइसी के सप्लाई कर्मियों ने सोमवार को एचइसी मुख्यालय का घेराव किया और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. एचइसी बचाओ मजदूर जनसंघर्ष समिति के बैनर तले सप्लाई कर्मी सुबह 8.30 बजे एचइसी मुख्यालय के समक्ष जुटे और शाम चार बजे तक डटे रहे. जब सुबह 9.00 बजे निदेशक कार्मिक मनोज लकड़ा एचइसी मुख्यालय के समक्ष पहुंचे, तो उन्हें सप्लाई कर्मियों ने घेर लिया. इस मौके पर सप्लाई कर्मियों ने कहा कि जब तक उन्हें अपने कार्यस्थल तक जाने की अनुमति नहीं मिलेगी, तब तक मुख्यालय में किसी को प्रवेश करने नहीं दिया जायेगा. कर्मियों ने समस्या का निदान करने की मांग की, नहीं तो स्थिति गंभीर होने की बात कही. कर्मियों का कहना था कि प्रबंधन पिछले छह माह से सिर्फ आश्वासन दे रहा है. इसके बाद निदेशक कार्मिक वापस लौट गये. मौके पर दिलीप सिंह ने कहा कि यह आंदोलन मांग पूरी होने तक जारी रहेगा. वहीं सप्लाई कर्मियों के घेराव कार्यक्रम के कारण एक भी कर्मी एचइसी मुख्यालय के अंदर नहीं गये. इस दौरान समाजसेवी भैरव सिंह भी एचइसी मुख्यालय के समक्ष पहुंचे और कर्मियों को पूरा सहयोग करने की बात कही. घेराव कार्यक्रम शाम चार बजे तक चला. इस अवसर पर भवन सिंह, मनोज पाठक, रंथू लोहरा, वाई त्रिपाठी, प्रमोद कुमार, राजेश शर्मा, शारदा देवी ने कर्मियों को संबोधित किया.
सप्लाई कर्मियों की छंटनी बर्दाश्त नहीं
हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के महामंत्री राणा संग्राम सिंह ने कहा कि एचइसी में कार्यरत सप्लाई कामगारों की छंटनी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. लगातार 15 वर्ष काम करने के बाद नौकरी अनियमित हो जाये, तो यह प्रबंधकीय अन्याय है. श्री राणा ने कहा कि वर्तमान निदेशक मंडल का यह कृत्य अमानवीय है. प्रबंधन अपनी गलतियों का ठीकरा सप्लाई कामगार पर फोड़ना चाहती है, जो गलत है. सप्लाई कर्मियों का 20 माह का वेतन बकाया है. ऐसे में उनका परिवार अब सड़क पर आ गया है. श्री राणा ने कहा कि मेरे जिंदा रहते न एचइसी बंद होगी और न किसी सप्लाई कामगार की नौकरी जायेगी.
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