एजेंसियों की कार्रवाई से भी थम नहीं रही मवेशियों की तस्करी
किशनगंज. पशु-तस्करी का अवैध कारोबार आज भी जिले में धड़ल्ले से हो रहा है.जिले के तीन प्रखंडों ठाकुरगंज, दिघलबैंक और टेढ़ागाछ जो की नेपाल के मुहाने पर अवस्थित है .
किशनगंज. पशु-तस्करी का अवैध कारोबार आज भी जिले में धड़ल्ले से हो रहा है.जिले के तीन प्रखंडों ठाकुरगंज, दिघलबैंक और टेढ़ागाछ जो की नेपाल के मुहाने पर अवस्थित है . इन इलाकों के माध्यम से पशु तस्करी की भारी खेप लाकर ये पशु माफिया इन पशुओं को जिले सहित पश्चिम बंगाल के निकटवर्ती पशु हाटों में बेचतें है. जहां से इन पशुओं को बांग्लादेश भेजा जाता है और यह कारोबार काफी लंबे समय से इन इलाकों में फल-फूल रहा है. करीब डेढ़ दशक पूर्व जब भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी की तैनाती बढ़ी तब लोगों को लगा की इस तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगेगा लेकिन आज भी चोरी-छिपे यह कारोबार पूर्व की भांति कभी कम तो कभी ज्यादा के अनुपात में अनवरत जारी है.
दुधारू पशुओं की संख्या में लगातार हो रही है कमी
एक समय था जब नेपाल से कम कीमत में दूध भारतीय सीमा के बाज़ारों में उपलब्ध होता था. लेकिन अब स्थिति विपरीत है.अब ग्रामीण इलाके भी डब्बा बंद तथा पॉलीथिन पैक वाले दूध पर आश्रित है.लोगों की माने तो नेपाल के साथ-साथ भारतीय क्षेत्र से भी पशुओं की तस्करी कर बांग्लादेश भेजा जाना इसका मुख्य कारण है.और आने वाले समय अमृत के रूपी दूध की घोर किल्लत इन इलाकों में होने वाली है.पूरी प्लानिंग के साथ होती है यह तस्करी
मवेशी तस्करी का बहुत बड़ा और व्यापक नेटवर्क है जो मौके और नजाकत के लिहाज से अपने काम को अंजाम देता है. पहले गांव-देहात और नेपाल के पहाड़ी इलाकों के इन मवेशियों को सीमा के करीब लाकर जमा करते है और फिर रात के अंधेरे में सुरक्षा कर्मियों के आंखों में धूल झोंककर उसे अगले पड़ाव तक पहुंचाया जाता है.इसमें वाहनों का भी प्रयोग होता है. प्रखंड के लौहागाड़ा, फुलवाड़ी, सिंघीमारी, लक्ष्मीपुर और बीबीगंज रूट से प्रतिनिधि सैकड़ों मवेशियों को पार कराया जाता है.चार गुना आमदनी का यह यह कारोबार
ख़रीदे गये पशुओं को बांग्लादेश के ठिकानों तक पंहुचाने में करीब चार गुना आमदनी का यह कारोबार है.सुरक्षा एजेंसियां चौकस है फिर भी तस्करी जारी है. सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों की सघन गश्ती और चौकसी के बावजूद नित नये रास्तों का उपयोग करके ये तस्कर अपने कार्य को अंजाम दे रहे है. यद्यपि कि एसएसबी जवानों ने विगत सप्ताह भी तस्करी के पशुओं को जब्त किया और तस्करों को अपने शिकंजे में लिया है.दर्जनों बार हुई कार्रवाई
भारत-नेपाल सीमा पर ही बीते एक वर्ष में एसएसबी ने कई बार इस बार अंकुश लगाते हुए करवाई की है जिनमें सैकड़ों पशुओं की बरामदगी हुई है. आये दिन पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तस्करी के मवेशियों को जब्त किया जाता रहा है. लेकिन तस्कर तू डाल तो मैं पात पात की तर्ज पर अपने कारोबार को जारी रखे हुए है. हालांकि उधर पुलिस अधीक्षक सागर कुमार ने सभी थानाध्यक्षों को मवेशी तस्करी पर अंकुश लगाने की सख्त हिदायत दी है. एसपी के निर्देश पर गत 22 मार्च को 8 वाहनों से ले जाये जा रहे तस्करी के 63 मवेशियों को जब्त किया और 22 तस्करों को गिरफ्तार किया था. वहीं 24 मार्च को 6 मवेशी के साथ 6 तस्करों को गिरफ्तार कर मवेशी तस्करों की कमर तोड़ दी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है