प्रतिनिधि, मुंगेर. एक ओर जहां सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिये करोड़ों रुपये खर्च कर स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में डेवलप कर रहा है. वहीं लगातार सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर करोड़ों रुपये खर्च उसके भवनों व उनके रखरखाव पर किये जा रहे हैं, लेकिन जिले के धरहरा प्रखंड में स्वास्थ्य विभाग और इसके भवनों के जीर्णोद्धार करने वाले संवेदकों की लापरवाही के कारण स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो गयी है. प्रखंड के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर गोविंदपुर में जहां एक साल में ही लाखों रुपये से जीर्णाेद्धार भवन की छत से बारिश का पानी टपकने लगा है. वहीं इस सेंटर का संचालन भी वर्तमान में केवल सीएचओ के भरोसे हो रहा है. बता दें कि एक साल पहले ही एचडब्लूसी, गोविंदपुर के भवन की मरम्मती विभाग द्वारा लाखों खर्च कर किया गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और संवेदक की मनमानी के कारण एक साल में ही भवन के छत से बारिश का पानी टपकने लगा है. इस कारण यहां इलाज के लिये आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि बारिश का पानी टपकने के कारण दवा और अन्य समान भी बर्बाद होने लगा है. हाल यह है कि अधिक बारिश होने की स्थिति में छत से बारिश का पानी आने के कारण केंद्र में जलजमाव की समस्या भी हो जाती है. इतना ही नहीं केंद्र में एक सीएचओ व चार एएनएम होने के बावजूद वर्तमान में केंद्र का संचालन मात्र सीएचओ के भरोसे हो रहा है. बताया गया कि यहां तैनात तीन एएनएम में एक एएनएम धरहरा सामुदायिक केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर है. जबकि दूसरी मातृ अवकाश और तीसरी अवकाश पर हैं. इसे लेकर धरहरा के हेल्थ मैनेजर राजेश कुमार ने कहा कि बारिश का पानी केंद्र के छत से गिरने की सूचना विभाग और जिला मुख्यालय को दी गयी है, जबकि एएनएम अवकाश पर हैं.
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